दुनियाभर में कोरोनावायरस के इलाज को लेकर माहौल बहुत गर्माया हुआ है। हर देश के साइंटिस्ट कोरोना का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं लेकिन इन सबमें, जो सबसे ज्यादा दिलचस्प बात सामने आ रही है वो है कि पतंजलि ने COVID-19 के 100 फीसदी इलाज का दावा किया है। जी हां, पतंजलि ने हाल ही में कोरोनिल नाम की दवा लॉन्च की, जिसके बाद दुनियाभर की निगाहें भारत पर आ टिकी हैं। दवा बनाए जाने के शोर-शराबे के बाद ICMR और आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार पर रोक लगाई और पतंजलि से अपने दावों को सत्यापित करने का आग्रह किया। मंत्रालय ने पतंजलि को अपने नैदानिक परीक्षणों के परिणामों पर स्पष्टता देने को कहा, जिसके तुरंत बाद, पतंजलि के सीईओ ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि मंत्रालय को सभी जरूरी जानकारी देने की बात कही और बताया कि कंपनी ने रैंडमाइज्ड प्लेसेबो-नियंत्रित परीक्षणों के लिए सभी मानक मापदंडों का पालन किया है।
कंपनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने अपने बयान में कहा, “देश की मौजूदा सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन और गर्व प्रदान करती है। जो भी जानकारी देने में गैप रह गया था उसे दूर कर दिया गया है और हमने रैंडमाइज्ड प्लेसबो-कंट्रोल्ड क्लिनिकल ट्रायल के लिए सभी मानक मापदंडों को 100% पूरा किया है। हमने आयुष मंत्रालय को इसकी जानकारी दे दी है। "
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि द्वारा COVID इलाज के रूप में पेश की जाने वाली दवा कोरोनिल का विवरण मांगा था। मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे की पूरी जांच की जाएगी और उसके बाद ही कंपनी उत्पाद का विज्ञापन शुरू कर सकती है।
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मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "संबंधित आयुर्वेदिक दवा निर्माण कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक दवाओं सहित दवाओं के ऐसे विज्ञापनों को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और नियमों के प्रावधानों के तहत विनियमित किया जाता है और ये निर्देश COVID प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है। ”
मंत्रालय ने इस दवा की रचना, शोध अध्ययन विवरण, संस्थागत आचार समिति से मंजूरी, सीटीआरआई पंजीकरण और परिणाम डेटा जैसे विवरण मांगे हैं। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड सरकार के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से कंपनी के लाइसेंस और उत्पाद अनुमोदन की प्रतियां प्रदान करने के लिए भी आग्रह किया गया है।
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मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, '' आयुष मंत्रालय ने हाल ही में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार (उत्तराखंड) द्वारा कोविद -19 के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में मीडिया में छपी खबरों का संज्ञान लिया है। इस दावे के तथ्य और वैज्ञानिक अध्ययन से मंत्रालय अवगत नहीं है।"
हाल ही में, एक लाइसेंसिंग अधिकारी ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि पतंजलि की कोरोनिल दवा को एक प्रतिरक्षा यानी की इम्यून बूस्टर और खांसी व बुखार के लिए लाइसेंस प्रदान किया है। उन्होंने एजेंसी को बताया, "हम उन्हें एक नोटिस जारी कर पूछेंगे कि उन्हें कोविड -19 के लिए किट बनाने की अनुमति कैसे मिली।"
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