Parkinson's Disease Treatment in Hindi: पार्किंसन रोग उम्र से संबंधी न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को खराब कर देता है। यानी पार्किंसन रोग अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को कंपकंपी का अनुभव होता है। साथ ही, शरीर का संतुलन बनाने में भी दिक्कत होती है। पार्किंसन रोग पीड़ित व्यक्ति की दिनचर्या तक को प्रभावित कर देता है। समय के साथ-साथ पार्किंसन रोग की स्थिति गंभीर हो जाती है। इस रोग में व्यक्ति की सोचने की क्षमता कमजोर हो जाती है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में भी परेशानी होती है। पार्किंसन का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है। हालांकि, कुछ मामलों में दवाइयों और कुछ एडवांस्ड ट्रीटमेंट से लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। आइए, आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम के न्यूरोसर्जरी और सीएनएस रेडियोसर्जरी और सह-प्रमुख डॉ. आदित्य गुप्ता से जानते हैं पार्किंसन रोग का इलाज क्या है-
पार्किंसन रोग का इलाज कैसे किया जाता है- Parkinson's Disease Treatment in Hindi
1. दवाइयों का सेवन है जरूरी
किसी भी बीमारी का इलाज करने के लिए दवाइयों की जरूरत होती है। दवाइयों से किसी बीमारी को ठीक किया जा सकता है या फिर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। पार्किंसन रोग में दवाइयों का सेवन करने से इसके लक्षणों को कंट्रोल में रखा जा सकता है। दवाइयां लेने से संतुलन बनाने, कंपकंपी या हिलने-डुलने जैसी समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद मिलती है। अगर आपको पार्किंसन रोग के लक्षणों का अनुभव हो, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। इस स्थिति में डॉक्टर आपके कुछ दवाइयां लिख सकते हैं।
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2. सर्जरी
पार्किंसन रोगियों को सर्जरी की सलाह भी दी जाती है। इस स्थिति में डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) सर्जरी की जाती है। इसमें मस्तिष्क के एक हिस्से में इलेक्ट्रोड ट्रांसप्लांट किया जाता है। इलेक्ट्रोड्स नर्व सेल्स को इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजते हैं। इससे पार्किंसन रोग के लक्षणों को कम करने या कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है। हालांकि, सभी पार्किंसन रोगियों की सर्जरी नहीं की जाती है। इलेक्ट्रोड्स की मदद से दवाइयों के डोज को कम करने में भी मदद मिल सकती है। हालांकि, दवाइयों की जरूरत पूरी तरह से खत्म नहीं होती है। सर्जरी के बाद भी व्यक्ति को दवाइयों की जरूरत पड़ती है।
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इसके अलावा, लाइफस्टाइल और खान-पान में कुछ बदलाव करने से भी पार्किंसन रोगियों को फायदा मिल सकता है। इसके साथ ही, एक्सरसाइज और योग का अभ्यास भी जरूर किया जाता चाहिए। दरअसल, इन रोगियों में ब्रेन डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में कुछ दवाइयों की मदद से इसकी कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।
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