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पार्किंसन रोग में मस्तिष्क का कौन-सा हिस्सा प्रभावित होता है? डॉक्टर से जानें

Which Part Of Brain Get Affected In Parkinson In Hindi: पार्किंसन रोग होने पर दिमाग का एक विशेष हिस्सा प्रभावित होता है। इससे व्यक्ति को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। आगे जानते हैं पार्किंसन रोग में ब्रेन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
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पार्किंसन रोग में मस्तिष्क का कौन-सा हिस्सा प्रभावित होता है? डॉक्टर से जानें


Which Part Of Brain Get Affected In Parkinson In Hindi: पार्किंसन रोग (Parkinson's Disease) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो मस्तिष्क के कुछ विशेष हिस्सों को प्रभावित करता है। यह मुख्य रूप से मोटर सिस्टम (शारीरिक गतिविधियों) पर असर डालता है और धीरे-धीरे बढ़ने वाला विकार है। पार्किंसन की समस्या ज्यादा अधिकतर लोगों में देखने को मिलती है। हालांकि, कम उम्र के युवाओं को भी पार्किंसन होने की संभावना होती है। कई बार यह रोग नर्वस सिस्टम शरीर के कुछ अंगों को प्रभावित कर सकता है। इस समस्या के लक्षण मरीज में धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इस समस्या में हाथ या पैर कांपने की समस्या होती है, जो अधिक उम्र में एक आम समस्या मानी जाती है। इस लेख में ऑनको लाइफ केयर सेंटर, चिपलून के रेडिएशन ऑनकॉलोजिस्ट डॉ. अमोल पवार से जानेंगे कि पार्किंसन रोग में मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा प्रभावित (Which Part Of Brain Get Affected In Parkinson In Hindi ) होता है। इसके परिणामस्वरूप शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं?

पार्किंसन में मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा प्रभावित होता है? - Which Part Of Brain Get Affected In Parkinson In Hindi

पार्किंसन मुख्य रूप से नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसका प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। माना जाता है कि पार्किंसन ब्रेन के सबस्टेशिया नाइग्रा (Substantia Nigra) हिस्से को प्रभावित करता है। इस ब्रेन के बीच के हिस्से में स्थित होता है। यह बेसल गैन्ग्लिया का ही हिस्सा होता है। डोपामाइन हार्मोन या न्यूरोट्रांसमीटर के बनने में सबस्टेशिया नाइग्रा मुख्य भूमिका निभाता है। डोपामाइन न्यूरोट्रांसमीटर ब्रेन में कम्यूनिकेशन और अंगों के संचालन को नियंत्रित करता है।

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पार्किंसन में सबस्टेशिया नाइग्रा पर प्रभाव - Substantia Nigra Affected in Parkinson In Hindi 

पार्किंसन रोग में सबस्टेशिया नाइग्रा के डोपामाइन बनाने वाले न्यूरॉन्स धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं। इसके कारण मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है। ब्रेन में जब डोपामाइन का स्तर 60 से 80 फीसदी तक कम हो जाता है, तब पार्किंसन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

पार्किंसन में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - Symptoms of Parkinson in Hindi

  • मोटर स्किल प्रभावित होना जैसे चलने, लिखने या बोलने में परेशानी होना।
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होना।
  • हाथ-पैरों की कंपकंपी न रोक पाना।
  • सोने में परेशानी होना।
  • चिंता और डिप्रेशन बने रहना।
  • कुछ लोगों को निर्णय लेने में भी परेशानी होती है, आदि।

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पार्किंसन रोग मुख्य रूप से मस्तिष्क के सबस्टेशिया नाइग्रा को प्रभावित करता है, जिससे डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है। इसके कारण मोटर और गैर-मोटर स्किल से जुड़े लक्षण विकसित होते हैं। हालांकि इसे पूरी तरह से ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन समय पर रोग की पहचान करके इसके लक्षणों को कम करने के लिए इलाज किया जाता है। इसमें डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव किए जाते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से फिजियोथेरेपी की सलाह भी दी जाती है।

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