World Parkinson's Day: हाथ-पैरों का कंपकंपाना या झटके लगना है पार्किन्संस रोग का संकेत, जानें सामान्य लक्षण

अगर आपके हाथ-पैर बिना वजह कांपते हैं या चलते हुए अचानक नसों में जोरदार झटका महसूस होता है, तो ये पार्किन्संस (Parkinsons) रोग का संकेत हो सकता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
World Parkinson's Day: हाथ-पैरों का कंपकंपाना या झटके लगना है पार्किन्संस रोग का संकेत, जानें सामान्य लक्षण


अगर आपके हाथ-पैर बिना वजह कांपते हैं या चलते हुए अचानक नसों में जोरदार झटका महसूस होता है, तो ये पार्किन्संस (Parkinsons) रोग का संकेत हो सकता है। पार्किन्संस तंत्रिकाओं (न्यूरॉन्स) से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। दुनियाभर में बड़ी संख्या में युवा इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। लोगों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ही 11 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व पार्किन्संस दिवस (World Parkinsons Day) के रूप में मनाया जाता है।

अक्सर जब लोगों को हाथ-पैरों में कंपकंपाहट या नसों में झटके लगने की समस्या शुरू होती है, तो लोग शारीरिक कमजोरी समझकर इसे टाल देते हैं। ये पार्किन्संस रोग के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर ये बीमारी 50 साल की उम्र से बड़े लोगों की मानी जाती है। मगर पिछले एक दशक में युवाओं में पार्किन्संस रोग के मामले बढ़े हैं। इसका मुख्य कारण युवाओं में बढ़ता तनाव, शराब की लत और सिगरेट का सेवन है। आइए आपको बताते हैं कि क्यों खतरनाक माना जाता है पार्किन्संस रोग।

पार्किन्संस (Parkinsons) रोग के शुरुआती लक्षणों को ऐसे पहचानें

पार्किन्संस रोग दिमाग के बीच के हिस्से को प्रभावित करता है, जहां से हमारे शरीर की गतिशीलता (मूवमेंट) नियंत्रित होता है। इस रोग के बिल्कुल शुरुआती लक्षणों में कमजोरी, हाथ-पैरों का सुन्न हो जाना, हाथों का कंपकंपाना, चलते या काम करते हुए अचानक नसों में झटका महसूस होना आदि है। कई बार हाथ-पैर इतने ज्यादा कांपने लगते हैं कि हाथों से कुछ उठाना या पैरों से चलना भी मुश्किल हो जाता है। पुरुषों को इस बीमारी का खतरा महिलाओं से ज्यादा होता है।

इसे भी पढ़ें:- रेटिना के पतले होने से हो सकता है पार्किन्संस रोग, जानें बचाव के तरीके

क्यों खतरनाक माना जाता है पार्किन्संस (Parkinsons) रोग

पार्किन्संस रोग को खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके कारण व्यक्ति का अपने हाथ-पैरों से कंट्रोल हमेशा के लिए खो सकता है, जिससे व्यक्ति पैरालिसिस या कोमा की स्थिति में भी जा सकता है। खास बात यह है कि दवाओं द्वारा पार्किन्संस रोग के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है, मगर इस बीमारी का इलाज मौजूद नहीं है।

क्या हैं पार्किन्संस रोग के सामान्य लक्षण

  • आराम की स्थिति में हाथों का कांपना
  • चलते हुए अचानक तेज झटका लगना, जिससे संतुलन बनाने में परेशानी हो और आप गिर जाएं।
  • अचानक से आवाज का धीमा होना। आवाज कंपकंपाने, लडख़ड़ाने, हकलाने लगे।
  • व्यक्ति का अपनी क्रियाओं पर नियंत्रण न रहे, जैसे- हंसना चाहने पर हंस न पाना, हाथ उठाने का सोचने पर हाथ न उठना, कदम बढ़ाने की कोशिश करना मगर पैरों का न हिलना आदि।
  • खाने-पीने की चीजों को निगलने में परेशानी होना।
  • कई बार इंसान की आंखें चौड़ी हो जाती हैं मानो इंसान किसी को घूर रहा हो या चेहरा पूरी तरह भावशून्य हो जाता है।
  • मुंह से लगातार लार बहना।

इसे भी पढ़ें:- विश्व पार्किंसंस दिवस : जानें क्या है पार्किसंस रोग और क्या हैं इसके लक्षण व उपचार

युवाओं में क्यों बढ़ रहा है पार्किन्संस रोग

युवाओं में काम और पढ़ाई का तनाव, सिगरेट और शराब की लत, तंबाकू वाले पदार्थों का सेवन आदि पार्किन्संस रोग का कारण बन रहा है। इसके अलावा आजकल खानपान में कुछ ऐसे हानिकारक केमिकल्स ( जैसे- सोडियम ग्लूटामेट) का प्रयोग किया जा रहा है, जिनका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह भी युवाओं में इस बीमारी को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है। कई बार दवाओं के लंबे समय तक प्रयोग के कारण भी ये बीमारी व्यक्ति को हो सकती है।

Read More Articles On Other Diseases in Hindi

Read Next

अमेरिकी पत्रकार क्रिस कुओमो ने ऐसे जीती कोविड-19 से जंग, लोगों को बताया अपना अनुभव

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version