एक 35 वर्षीय भारतीय व्यक्ति ने आंख में परजीवी कीड़ा घुसने से अपने आंखों की रोशनी खो दी है। यह खबर एक स्टडी से बाहर आई है जब मैसाचुसेट्स मेडिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित एक मेडिकल जर्नल, न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई। दरअसल, शोध की स्थिति तब आई जब व्यक्ति अपने आंखों को दिखाने के लिए डॉक्टर के पास पहुंचा। व्यक्ति पहले इस शिकायत के साथ डॉक्टर के पास पहुंचा था कि उनकी आंखों से सबकुछ धुंधला दिखाई दे रहा है और उसे समझ नहीं आ रहा कि दिक्कत क्या है। फिर डॉक्टर ने आंखों की जांच की और पाया कि आंख में एक धीमी गति से चलने वाला परजीवी कीड़ा है। यह केस स्टडी आगे शोध के लिए भेजी गई और उसके बाद जो खुलास हुआ वो आपको हैरान कर सकता है।
पालतू जानवरों और कच्चा मांस में होता यह कीड़ा
मैसाचुसेट्स मेडिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित पत्रिका, न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। शोध में बताया गया है कि उस व्यक्ति की आंख की शुरुआती जांच में कंजंक्टिवल इंजेक्शन के लक्षण दिखाई दिए। पर बाद फंडोस्कोपी (fundoscopy) में आंख के पिछले हिस्से में एक कीड़ा धीमी गति से चलता हुआ दिखाई दिया। हैरान करने वाली बात यह थी कि आंख में देखा गया परजीवी कीड़ा आमतौर पर बिल्लियों और कुत्तों में पाया जाता है। इसकी पहचान ग्नाथोस्टोमा स्पिनिगेरम (Gnathostomiasis) के रूप में की गई है, जो अक्सर कच्चा या अधपका मांस खाने से शरीर में पहुंचता है और फिर यही आंख तक पहुंच सकता है।
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मछली, मुर्गी, सांप और मेंढक खाने वालों में भी हो सकती है ये दिक्कत
इस शोध में डॉक्टरों ने बताया है कि गनाथोस्टोमियासिस (Gnathostomiasis) की समस्या उन लोगों में हो सकती है जो कि मीठे पानी की अधपकी मछली, मुर्गी, सांप और मेंढक खाने का शौक रखते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के क्लिनिकल प्रवक्ता और मिनेसोटा के रेटिना कंसल्टेंट्स के रेटिना विशेषज्ञ, डॉ. अब्दिश भावसार ने भी इस घटना को लेकर अपनी राय रखी और बताया कि गनाथोस्टोमियासिस उन पैरासाइट में से एक है जो आंख और रेटिना को संक्रमित कर सकते हैं। डॉ. भावसार आगे कहते हैं कि "इनमें से कुछ कीड़े बड़े होते हैं, कुछ दूसरों से छोटे होते हैं, और कुछ बहुत छोटे होते हैं और रेटिना या के नीचे सबरेटिनल स्पेस में फैल सकते हैं जिससं आंख और दृष्टि को काफी नुकसान पहुंचता है। इतना ही नहीं आप अंधेपन का भी शिकार बन सकते हैं।''
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Ocular Gnathostomiasis से कैसे बचें
CDC के अनुसार सबसे पहले तो आपको दूषित पानी के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसके अलावा कच्चा मांस खाने से बचें या फिर खाएं भी तो इन्हें अच्छी तरह से पकाकर खाएं। इसके अलावा भोजन तैयार करने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से धोएं और संक्रमित जानवरों का ध्यान रखते वक्त दस्ताने पहनें ताकि इससे आपको संक्रमण का खतरा न हो।
इसके अलावा किसी भी प्रकार के इंफेक्शन के लक्षण नजर आएं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं। लंबे समय तक इंफेक्शन शरीर में रहने पर गंभीर रूप भी ले सकता है जिससे व्यक्ति की स्थिति खराब हो सकती है।
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