
आयुर्वेद के अनुसार, हमारी शारीरिक और मानसिक स्थिति तीन प्रमुख दोषों वात, पित्त और कफ से प्रभावित होती है। ये तीनों दोष शरीर की कार्यप्रणाली को कंट्रोल करते हैं और जब इनमें से कोई एक दोष असंतुलित होता है, तो यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें आंखों से संबंधित समस्याएं भी शामिल हैं। आज के इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे कि किस दोष का आंखों से जुड़ी समस्याओं पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है और कैसे आप इसे संतुलित करके अपनी आंखों की सेहत को सुधार सकते हैं।
आंखों की समस्या किस दोष के कारण होती है? | Which Dosha Is Responsible For Eye Problems
1. वात दोष - ड्राईनेस और थकान
आयुर्वेद में वात दोष को ड्राई और हल्का माना जाता है और जब यह असंतुलित हो जाता है, तो शरीर में ड्राईनेस, थकान और ड्राईनेस जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आंखों के मामले में, जब वात दोष बढ़ जाता है, तो यह आंखों में सूखापन यानी ड्राईनेस, जलन और थकान का कारण बन सकता है। इसके परिणामस्वरूप आंखों में लाली, खुजली और धुंधलापन भी देखा जा सकता है। यह स्थिति आमतौर पर ज्यादा स्क्रीन टाइम, नींद की कमी या शुष्क मौसम की वजह से उत्पन्न होती है। वात दोष के असंतुलन को संतुलित करने के लिए, आपको नियमित रूप से तेल मालिश (अभ्यंग) और हाइड्रेशन पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पाना भी जरूरी है।
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2. पित्त दोष - डार्क सर्कल्स
शरीर में जब पित्त दोष का असंतुलन होता है, तो यह आंखों में जलन, सूजन और डार्क सर्कल्स (काले घेरे) का कारण बन सकता है। पित्त के असंतुलित होने से आंखों में जलन, खुजली और लालिमा बढ़ जाती है और साथ ही आंखों के नीचे काले घेरे भी उत्पन्न हो सकते हैं। यह समस्या आमतौर पर ज्यादा तनाव, ज्यादा गर्मी (गर्म तासीर) के कारण उत्पन्न होती है। पित्त दोष को संतुलित करने के लिए, आयुर्वेद में ठंडे फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि खीरा, तरबूज और नारियल पानी। इसके अलावा, नींद को सुधारने, तनाव को कम करने और आंखों को ठंडक देने वाले उपायों का पालन करना जरूरी है।
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3. कफ दोष - सूजन
शरीर में जब कफ दोष असंतुलित होता है, तो यह आंखों में सूजन और जलन पैदा कर सकता है। कफ के असंतुलन के कारण आंखों में भारीपन, सूजन और ज्यादा पानी आ सकता है, जिससे देखने में भी कठिनाई हो सकती है। कफ दोष की समस्या आमतौर पर जुकाम, एलर्जी, या अत्यधिक नमी वाले मौसम के कारण उत्पन्न होती है। सही खानपान के अलावा, रोजाना एक्सरसाइज करने और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से भी कफ को कंट्रोल किया जा सकता है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार, आंखों की समस्याएं शरीर में असंतुलित दोषों के कारण उत्पन्न होती हैं और पित्त दोष का असंतुलन मुख्य रूप से आंखों में जलन, सूजन और डार्क सर्कल्स का कारण बनता है। वात और कफ दोष भी आंखों में सूखापन, थकान और सूजन जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकते हैं, लेकिन पित्त दोष को संतुलित करने से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। सही डाइट, लाइफस्टाइल और हर्बल उपचारों के माध्यम से आप इन दोषों को संतुलित करके अपनी आंखों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
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