हड्डियों से जुड़ी कई ऐसी समस्याएं है जिसके कारण अक्सर लोग परेशान रहते हैं, इससे छुटकारा पाने के लिए लोग हमेशा कुछ न कुछ उपाय अपनाते रहते हैं। एक्सपर्ट और डॉक्टर भी ये मानते हैं कि बढ़ती उम्र के कारण आपकी हड्डियां आपका साथ छोड़ सकती है ओर आपको लंबे समय तक के लिए परेशान कर सकती है। ऐसे ही बढ़ती उम्र के साथ जीवनशैली में हो रहे बदलाव के कारण आपकी हड्डियों में ऑस्टियोपेनिया का खतरा बढ़ने लगता है।
ऑस्टियोपेनिया एक ऐसी समस्या है जिसके दौरान आपकी हड्डियों की ताकत कम होने लगती है। इस समस्या का सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं में दिखाई देता है, ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं की हड्डियां पुरुषों की तुलना में काफी कमजोर और पतली होती है। हालांकि ऑस्टियोपेनिया की समस्या काफी हल्की मानी जाती है लेकिन इसपर ध्य़ान देना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान आपको बहुत ज्यादा दर्द से नहीं गुजरना होता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इस समस्या को रोकने के लिए डाइट प्लान बेहतर होना चाहिए जो आपकी हड्डियों में ऑस्टियोपेनिया की समस्या को कम कर सकता है। इसके अलावा लोगों के मन में ऑस्टियोपेनिया को लेकर सवाल होता है कि इसके कारण क्या है और इसके लक्षणों को कैसे पहचाना जाए। तो अब आपको इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने इस विषय पर बात की डॉक्टर राखी आयुर्विज्ञान, सफदरजंग एंक्लेव, नई दिल्ली की डॉक्टर राखी मेहरा से। जिन्होंने इससे जुड़ी कई जानकारियां दी साथ ही बताया की इस दौरान कैसा होना चाहिए डाइट प्लान।
ऑस्टियोपेनिया के मुख्य कारण
उम्र
एक्सपर्ट राखी मेहरा का कहना है कि बढ़ती उम्र ऑस्टियोपेनिया की समस्या का एक अहम कारण है जिसकी वजह से आपकी हड्डियों में काफी समस्याएं होती है। इस दौरान आपकी हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है या आपकी हड्डियों में चोट का खतरा बढ़ने लगता है। अक्सर लोगों को ऑस्टियोपेनिया के बारे में शुरुआती दौर में इसकी जानकारी नहीं होती है, लेकिन जब ये अपने गंभीर स्थिति में होता है तो ये आपको काफी परेशान भी कर सकती है।
इसे भी पढ़ें: 20-30 की उम्र में पीठ और घुटनों में दर्द का कारण हो सकता है हड्डियों की कमजोरी, जानें उपाय
एस्ट्रोजन का स्तर कम होना
आमतौर पर ये देखा गया है कि जब महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है तो महिलाओं की हड्डियों अपना घनत्व खोने लगती है। जिसके कारण आपकी हड्डियां पहले से कई गुना ज्यादा कमजोर होने लगती है।
जेनेटिक
हड्डियों में कमजोरी या हड्डियों का घनत्व कम होना एक जेनेटिक समस्या भी है, जिसमें आपके परिवार में पहले से कोई इस स्थिति का शिकार है तो ये संभव है कि आप भी इस स्थिति का शिकार आसानी से हो सकते हैं। जिसके कारण आपको लंबे समय तक इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
खराब डाइट
बेहतर डाइट आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है, स्वस्थ भोजन आपको कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने का काम करता है। ऐसे ही जब आपकी डाइट में पोषण की कमी या फिर विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होने लगती है तो आप ऑस्टियोपेनिया का शिकार हो सकते हैं।
धूम्रपान
धूम्रपान कई गंभीर बीमारियों को न्योता देने का काम करता है, अगर आप भी बहुत ज्यादा धूम्रपान करते हैं तो इससे संभव है कि आप ऑस्टियोपेनिया की समस्या का शिकार हो सकते हैं। ये आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को बुरी तरह से प्रभावित करता है और आपके कई जरूर अंगों को खराब करने का काम करता है।
कैफीन का बहुत ज्यादा सेवन
कैफीन आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन अगर इसका सेवन हद से ज्यादा किया जाए तो आप खुद को कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ देख सकते हैं। कैफीन की बहुत ज्यादा मात्रा शरीर में आपकी हड्डियों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है।
ऑस्टियोपीनिया के लक्षण
हड्डियों की कमजोरी के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं।
- हड्डियों में थकावट महसूस होना।
- भारी चीजों को उठाने में असफल रहना।
- खुद को बार-बार थका हुआ महसूस करना।
- हल्की चोट लगने पर ही ज्यादा दर्द महसूस होना।
- हड्डियों की मूवमेंट के समय अकड़न महसूस करना।
- हल्का दर्द रहना।
ऑस्टियोपेनिया से बचाव के लिए क्या खाएं
सेम
एक्सपर्ट राखी मेहरा बताती हैं कि ऑस्टियोपेनिया की समस्या को रोकने या फिर इसे कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में सूखे सेम को जरूर शामिल करें। जी हां, सूखे सेम का नियमित रूप से सेवन करने पर आप आसानी से अपनी हड्डियों को ऑस्टियोपेनिया से बचाकर रख सकते हैं। सूखे सेम आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं ये आपको कई प्रकार की बीमारियों से बचाने का काम करती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, इनमें भारी मात्रा में प्रोटीन, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो आपके पूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
ब्रोकली
ब्रोकली कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है, इसकी मदद से आप लंबे समय तक खुद को फिट रख सकते हैं साथ ही आप कई बीमारियों से भी दूर रह सकते हैं। ब्रोकली में भारी मात्रा में प्रोटीन, ऑयरन, विटामिन्स और पोटेशियम मौजूद होते हैं जो आपकी हड्डियों को मजबूत प्रदान करने का काम करते हैं। आपको बता दें कि ब्रोकली जितना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है उतनी ही यह आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है।
पालक
पालक लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है, जिसकी मदद आप खुद को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। पालक में भारी मात्रा में विटामिन के, ए, सी और फोलेट जैसे खास तत्व मौजूद होते हैं जो आपको संपूर्ण पोषण देने का काम करते हैं। एक्सपर्ट राखी मेहरा बताती हैं कि विटामिन के आपकी ह्ड्डियों को मजबूत बनाए रखने के साथ उनके निर्माण को बेहतर बनाने का काम करती है। आप आसानी से विटामिन के की पूर्तिके लिए पालक को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे आप ऑस्टियोपेनिया की समस्या को भी दूर रख सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: कमजोर हो गई हैं जोड़ों की हड्डियां तो मजबूती के लिए कैल्शियम की गोली नहीं, ये 4 प्राकृतिक उपाय अपनाएं
केल
केल पोषण तत्वों से भरपूर होता है ये आपको कई स्वास्थ्य स्थितियों से दूर रखने का काम करता है। ऐसे ही ऑस्टियोपेनिया से बचाव के लिए एक्सपर्ट की सलाह है कि आप अपनी डाइट में केल को जरूर शामिल करें। इससे आप आसानी से अपनी हड्डियों को पर्याप्त पोषण दे सकते हैं। केल में भारी मात्रा में विटामिन ए, के, सी, पोटेशियम, कॉपर और मैग्निशियम मौजूद होता है।
कम वसा वाली दही
दही आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है, ये आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रखने का काम करता है। ऐसे ही ये आपकी हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है और आपको आपकी हड्डियों में सही पोषण देने का काम करती है।
दूध
दूध स्वास्थ्य के लिए कितना अच्छा होता है यह तो आप सभी जानते हैं, ऐसे ही ऑस्टियोपेनिया के दौरान दूध बहुत फायदेमंद होता है। ये आपकी हड्डियों को बहुत मजबूती देने का काम करता है। दूध में भारी मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है जो आपकी हड्डियों स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
(इस लेख में दी गई जानकारी डॉक्टर राखी आयुर्विज्ञान, सफदरजंग एंक्लेव, नई दिल्ली की डॉक्टर राखी मेहरा से बातचीत पर आधारित है)।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi