Diet plan for working professional: बिजी लाइफस्टाइल के साथ हेल्थ मेंटेन रखना लोगों के लिए एक टास्क बन गया है। काम और घर की जिम्मेदारियों में लोग अपनी हेल्थ से समझौता कर लेते हैं। लेकिन यही गलती उम्र बढ़ने के साथ कई बीमारियों की वजह बन सकती हैं। ऑफिस जाने की जल्दी में ब्रेकफास्ट स्किप कर देना, बैलेंस्ड डाइट न लेना, दिनभर कोई फ्रूट न खाना, लेट डिनर करना या जंक और प्रोसेस्ड फूड ज्यादा खाना कुछ ऐसी गलतियां हैं, जिन पर हमारा ध्यान नहीं जा पाता है। क्योंकि हमारी यही गलतियां शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने की वजह भी बन सकती हैं। ऐसे में किसी वर्किंग प्रोफेशनल को अपना डाइट प्लान पहले से फिक्स्ड रखना चाहिए। जिससे उन्हें पता रहे कि उन्हें कब क्या और कितना खाना है। इस बारे में जानने के लिए हमने हैदराबाद- (सिकंदराबाद) के यशोदा हॉस्पिटल के डिप्टी चीफ डायटिशियन ए. श्वेता (एमएससी आरडी) से बात की। आइये लेख में एक्सपर्ट से जानें इस बारे में।
वर्किंग प्रोफेशनल के लिए डाइट प्लान करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- वर्किंग प्रोफेशनल को कोई भी फिक्स्ड डाइट फॉलो करने के बजाय बैलेंस्ड मील और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना चाहिए।
- डाइट को बैलेंस्ड रखने के साथ ही हाइड्रेशन मेंटेन रखने और हेल्दी स्नैकिंग पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे हेल्थ मेंटेन करने और स्ट्रेस मैनेज करने में मदद मिलेगी।
- वर्किंग प्रोफेशनल की डाइट में साबुत अनाज, दालें और प्रोटीन, फल और सब्जियां, लो फैट वाले प्रोडक्ट्स और मिल्क जरूर शामिल होना चाहिए।
- डेली डाइट में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स, कैफीन ड्रिंक्स, कार्बोनेट ड्रिंक नहीं होने चाहिए। साथ ही, जिन फूड्स को साल्ट, शुगर या तेल ज्यादा है ऐसे फूड्स को अवॉइड करना चाहिए।
- ऐसे में डेली डाइट में सीजनल फ्रूट्स को जरूर शामिल करना चाहिए। क्योंकि फ्रूट्स सही मामले में सुपरफूड हैं।
- लिक्विड कैलोरी के बजाय अपनी प्यास बुझाने के लिए सबसे पहले पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही, बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए नींबू पानी, नारियल पानी या छाछ ले सकते हैं।
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किसी वर्किंग प्रोफेशनल की डाइट कैसी होनी चाहिए? Diet Plan For Working Professional To Stay Healthy
ब्रेकफास्ट कैसा होना चाहिए?
ब्रेकफास्ट स्किप करने की गलती कभी भी न करें. ब्रेकफास्ट में प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट दोनों होना जरूरी है। इससे बॉडी को एनर्जेटिक बनाने में मदद मिलेगी। नाश्ते में आप इडली, डोसा, गेहूं का उपमा, सब्जी पोहा, मूंग दाल चीला, सब्जी करी के साथ पुल्का या उबला अंडा, अंकुरित अनाज या पनीर (प्रोटीन) ले सकते हैं। साथ ही, सब्जी या फल (फाइबर) की एक सर्विंग नाश्ते में जरूर होनी चाहिए।
लंच कैसा होना चाहिए?
- दोपहर के खाने में बैलेंस्ड मील लेना चाहिए. ऐसे में फैट्स की मात्रा कम और प्रोटीन ज्यादा होना चाहिए। साथ ही, अलग-अलग सब्जियां और साबुत अनाज भी शामिल होने चाहिए।
- अपनी लंच प्लेट को तीन भागों में ½, ¼, ¼ में बांटें। प्लेट के आधे हिस्से में स्टार्च फ्री सब्जियां होनी चाहिए।
- प्लेट के दूसरे आधे हिस्से को दो बराबर भागों में बांटें। एक भाग में प्रोटीन और दूसरे में कार्बोहाइड्रेट होना चाहिये।
- प्रोटीन के लिए डाइट में उबली हुई दालें (छोले, राजमा, मटर, लोबिया, सोया) पनीर और लो फैट दही शामिल कर सकते हैं।
- डाइट में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर के लिए अलग-अलग रंगों वाली सब्जियां (बिना स्टार्च वाली सब्जियां और हरी पत्ती वाली सब्जियां) जरूर शामिल करनी चाहिए।
- हल्की-फुल्की भूख के लिए लाइट स्नैक्स चुनें. ऐसे में आप भुने हुए मखाने, उबली हुई दालें, तली हुई सब्जियां, भुना चना, पोहा या मुरमुरे में कद्दूकस की हुई सब्जियां डालकर ले सकते हैं। सब्जियों और फलों के साथ गेहूं की ब्रेड से बनी सैंडविच भी चुन सकते हैं।
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डिनर कैसा होना चाहिए?
डिनर समय पर कर लेना चाहिए। साथ ही, हल्का रखना चाहिए जिससे गट भी हेल्दी रहे। डिनर में कार्बोहाइड्रेट कम और लीन प्रोटीन व फाइबर ज्यादा लेने पर ध्यान दें। ऐसे में आप बीन्स, दालों या लीन प्रोटीन जैसे चिकन या ताजी मछली, पनीर या टोफू) के साथ तली हुई सब्जियां ले सकते हैं।