मोटापा और डायबिटीज दोनों ही सेहत को कई तरीकों से प्रभावित करते हैं। आमतौर पर मोटापा भी डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है। अगर आप मोटापे के साथ ही डायबिटीज के भी शिकार हैं तो ऐसी स्थिति कैंसर को भी बढ़ावा दे सकती है। हाल ही में जर्नल सेल मेटाबॉलिज्म (Journal Cell Metabolism) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक शरीर में वसा और डायबिटीज होने से अग्राशय के कैसर का जोखिम बढ़ता है।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक मोटापा, डायबिटीज और अग्राशय का कैंसर होने का आपस में सीधा संबंध है। दरअसल, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित लोगों में इंसुलिन का लेवल सामान्य लोगों की तुलना में थोड़ा ज्यादा होता है। शरीर में इंसुलिन ज्यादा होने पर यह पेनक्रियाइटिस एसिनार सेल्स को उत्तेजित करता है। साथ ही साथ डायजेस्टिव जूस का भी उत्पादन अधिक होता है। जिससे अग्राशय में सूजन हो सकती है और यह पेनक्रेसेरस सेल्स में भी तब्दील हो सकती हैं।
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इंसुलिन का पड़ता है अग्राशय पर सीधा असर
डॉ. अन्नी जिआंग, यूबूसी के मुताबिक इंसुलिन का अग्राशय पर सीधा असर पड़ता है। इसका उत्पादन अगर शरीर में ज्यादा होता है तो ऐसे में यह धीरे-धीरे कैंसर में तब्दील हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्टडी में पाया गया कि हाइपरइंसुलेनेमिया इंसुलिन रिसेप्टर्स के जरिए एसिनियार सेल्स को एक्टिवेट करती है और कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है।
अग्राशय के कैंसर से बचने के तरीके
- अग्राशय के कैंसर से बचने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें साथ ही नियमित तौर पर एक्सरसाइज और योग करें।
- इस कैंसर से बचने के लिए शराब और धूम्रपान से दूरी बनाए रखें।
- अग्राशय के कैंसर से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें साथ ही साथ वजन को भी नियंत्रित रखें।
- इसके लिए नियमित तौर पर कैंसर की जांच कराते रहें।
- शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने या फिर अचानक वजन घटने पर चिकित्सक की सलाह लें।
- उम्र बढ़ने पर भी इस कैंसर के बढ़ने का जोखिम बढ़ता है। इसलिए उम्र बढ़ने पर भी खान-पान और एक्सरसाइज पर ध्यान दें।