वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक नई तकनीक विकसित की है जो बच्चों को लाइलाज ब्रेन कैंसर में जीवित रहने के दर को बढ़ाने के लिए और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस शोध को 'नेचर कम्युनिकेशंस' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है जिसमें यह बताया गया है कि ट्यूमर की कोशिकाएं सेलुलर प्रक्रिया को बाधित करता है जो डिफ्यूज इन्ट्रिंसिक पोंटाइन ग्लिओमास (DIPG) ट्यूमर में योगदान देता है।
डीआईपीजी(DIPG) ट्यूमर क्या है?
डीआईपीजी ट्यूमर अत्यधिक आक्रामक और निष्क्रिय होता है जो मस्तिष्क के स्टेम में बढ़ता है और आमतौर पर इससे 10 साल से कम उम्र के बच्चे ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं। अधिकांश रोगी निदान के बाद एक वर्ष से ज्यादा नहीं बच पाते हैं। पहले के अध्ययनों में PPM1D नामक एक आनुवंशिक म्यूटेशन की पहचान की थी जो सेल की वृद्धि और सेल तनाव प्रतिक्रिया में अहम भूमिका निभाते है और डीआईपीजी में योगदान ट्यूमर देते थे। लेकिन नए अध्ययन में पाया गया कि PPM1D म्यूटेशन डीआईपीजी को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है।
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यह अध्ययन अलग कैसे है?
इस अध्ययन से यह पता चला है कि एनएडी(NAD) बनाने के लिए मेटाबॉलिक प्रक्रिया में कमजोरी उतपन्न कर सकती है। एनएडी(NAD) एक प्रकार का मेटाबोलाइट है जो सभी कैंसर कोशिकाओं को जीवित रखने के लिए सहायक होता है। इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक माइकल बेरेन्स का मानना है कैंसर के जोखिम को बढ़ने वाले PPM1D म्यूटेशन जीन खुद को नष्ट करने के लिए स्टेज निर्धारित करता है और कैंसर होने के संभावनाओं को कम करने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि म्यूटेशन PPM1D, NAPRT नामक जीन को नष्ट करता है। जो कि एनएडी मेटाबोलाइट के उत्पादन में योगदान देता है। NAPRT के खत्म होने के साथ, एनएडी मेटाबोलाइट के उत्पादन के लिए आवश्यक दूसरे प्रोटीन पर सेल स्विच करता है जिसे NAMPT कहते हैं।
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NAMPT के उत्पादन को रोकने के लिए दवाई का उपयोग करते हैं और ये दवाई निश्चित रूप से PPM1D म्यूटेशन जीन के साथ उन कैंसर कोशिकाओं को भी समाप्त करने में मदद कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं का मानना था कि डीआईपीजी(DIPG) वयस्कों में ब्रेन ट्यूमर का एक शुरुआती लक्षण है, और इसलिए बच्चों में वयस्क ग्लिओमा के लिए समान उपचार बड़े पैमाने पर परीक्षण किए गए लेकिन वो इलाज करने में असफल रहे।
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वैज्ञानिकों ने ट्यूमर के संभावित कमजोरियों को देखना शुरू किया गया और PPM1D म्यूटेशन कैंसर पैदा करने में क्या भूमिका निभाता है, इस चीज को समझने के लिए इस विषय पर एक साल तक अध्ययन किया गया।
इस अध्ययन में योगदान देने वाले लेखक सेन पेंग ने कहा, जब एपिजेनेटिक साइलेंसिंग परिणामों का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि PPM1D म्यूटेशन के साथ DIPG कोशिकाएं एक प्रमुख एंजाइम के लिए कमजोरी पैदा करती है और जिसके लिए छोटे अणु अवरोधक (Molecule Inhibitors) पहले से ही उपलब्ध होते हैं।
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