ब्रेन इंफ्लेमेशन और सन्निपात का कारण हो सकता है कोरोनावायरस, नई रिसर्च में हुआ खुलासा

कोरोनावायरस के कई रोगी शुरूआती लक्षणों के रूप में तंत्रिका संबंधी विकारों का सामना कर रहे हैं। यह दिखाई न देने वाले लक्षण हैं और ये इंफेक्शन को दूसरों में आसानी से फैला सकते हैं।  
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ब्रेन इंफ्लेमेशन और सन्निपात का कारण हो सकता है कोरोनावायरस, नई रिसर्च में हुआ खुलासा


कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इसके कई नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं, जिसमें एक नया लक्षण सामने आया है। जिसमें रोगी में ब्रेन इंफ्लेमेशन और सन्निपात यानि बेहोशी जैसे जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि देश-दुनिया के वैज्ञानिक और डॉक्‍टर इस वायरस की वैक्‍सीन या दवा को ढूंढने में लगे हैं, लेकिन यह महामारी प्रत्येक बीतते दिन के साथ और अधिक दुर्लभ होती जा रही है। कोरोनावायरस अब गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के साथ एक घातक बीमारी बन गया है। इससे जुड़े गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों की एक लंबी सूची है, जो यह वायरस श्वसन संबंधी बीमारियों के अलावा पैदा कर रहा है। एक नए शोध में पता चला है कि कोरोनावायरस दिमागी सूजन यानि ब्रेन इंफ्लेमेशन और सन्निपात सहित कई न्‍यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए यहां इस नई रिसर्च में क्‍या सामने आया है, जानिए... 

क्‍या कहती है नई रिसर्च?

Coronavirus And Brain Inflammation

हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि COVID-19 या कोरोनावायरस व्‍यक्ति में भावनात्मक व्यवधान, मानसिक भ्रम (सन्निपात), मस्तिष्क की सूजन, तंत्रिका क्षति और सबसे खराब स्थिति, ब्रेन स्ट्रोक सहित न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा कर सकता है। आश्चर्यजनक यह है कि कई लोगों ने श्वसन समस्याओं के बिना ही कोरोनोवायरस के इन लक्षणों को दिखाया। हाल ही में, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पुष्टि की कि यह एक एयर बॉर्न डिजीज है। हम सब हर दिन कोरोनावायरस में नए निष्कर्षों के बारे में देख, सुन और पढ़ रहे हैं कि कैसे इस वायरस का आंतक बढ़ता जा रहा है। 

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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स (UCLH) ने COVID -19 के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों पर संयुक्त शोध किया। जिसमें उनके निष्कर्ष 'ब्रेन' जर्नल में प्रकाशित हैं । शोध दल ने पाया कि कोरोनोवायरस की जटिलता के रूप में इंफ्लामेटरी डिजीज मामले बढ़ रहे हैं, जो कि घातक हो सकता है। कई रोगियों को कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण के रूप में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स का सामना करना पड़ रहा है और यह दिखाई न देने वाले लक्षण हैं, जो कि चिंताजनक हैं। 

कोरोनावायरस और न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍याएं 

Delirium

इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉ. माइकल ज़ांडी कहते हैं, “हमने ब्रेन इंफ्लेमेशन जैसे न्यूरोलॉजिकल स्थितियों वाले लोगों की अपेक्षा अधिक संख्या की पहचान की, जो श्वसन संबंधी लक्षणों की गंभीरता के साथ हमेशा संबंध नहीं रखते थे। हमें सतर्क रहना चाहिए और उन लोगों के लिए इन जटिलताओं को देखना चाहिए जो COVID-19 से ग्रस्‍त हैं।  हम इस महामारी से जुड़े ब्रेन डैमेज के एक बड़े पैमाने पर संबंध देख रहे हैं- जो शायद 1918 के इन्फ्लूएंजा महामारी के बाद 1920 और 1930 के दशक में एन्सेफलाइटिस, एक सुस्ती के प्रकोप के समान है।"

अध्‍ययन के परिणाम 

शोध टीम ने रोगियों में सन्निपात या बेहोशी, क्षणिक एन्सेफैलोपैथी, तंत्रिका क्षति, ब्रेन इंफ्लेमेशन और स्ट्रोक के कई मामलों की पहचान की। शोधकर्ता इस बात का मूल कारण खोजने पर काम कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है।

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यूसीएल क्वीन स्क्वायर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजी के एक अन्य शोधकर्ता डॉ. रॉस पैटरसन ने एक ही लाइन पर शोध किया और मामलों में वृद्धि को पाया। उन्‍होनें टिप्पणी में लिखा है: "यह देखते हुए कि बीमारी केवल कुछ महीनों के लिए ही रही है, हमें अभी तक नहीं पता है कि COVID-19 क्या दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकती है। डॉक्टरों को संभावित न्यूरोलॉजिकल प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि शुरुआती इलाज से रोगी के परिणामों में सुधार हो सकता है। अगर वे न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो वायरस से उबरने वाले लोगों को प्रोफेशनल हेल्‍थ एडवाइस लेनी चाहिए। "

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