प्रोबायोटिक्‍स के सेवन से डिप्रेशन को कम करने में मिल सकती है मदद, शोध ने किया खुलासा

क्‍या आप जानते हैं कि प्रोबायोटिक से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन आपके आंत स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर रखने के साथ आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद है। 
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प्रोबायोटिक्‍स के सेवन से डिप्रेशन को कम करने में मिल सकती है मदद, शोध ने किया खुलासा

यह तो आप सभी ने सुना होगा कि प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन आपके आंत स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाए रखने में मददगार हैं। प्रोबायोटिक्स खाद्य पदार्थ वह हैं, जो आपके आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए लड़ते हैं, जबकि प्रीबायोटिक्स उन्‍हें आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं ताकि मौजूद बैक्टीरिया जीवित रहने के लिए पोषण प्राप्त करने में सक्षम हों। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आपके पाचन और प्रतिरक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। लेकिन इससे जुड़ा एक नया तत्‍थ्‍य सामने आया है, जिसके बारे में शायद आप अनजान हों। जी हां, क्‍या आप जानते हैं कि प्रोबायोटिक्‍स मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा दे सकते हैं?  हाल में हुए अध्‍ययन में पाया गया है कि प्रोबायोटिक्‍स डिप्रेशन जैसी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से लड़ने और उन्‍हें रोकने में मददगार हैं। आइए इस बारे में अधिक जानने के लिए इस लेख को पढ़ें। 

Probiotic Can Ease Depression

क्‍या कहती है रिसर्च?

हाल में स्वास्थ्य पत्रिका बीएमजे न्यूट्रिशन प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, हमारा शरीर और मन जुड़ा हुआ है। हमारी आंत और दिमाग भी जुड़ा हुआ है और यही कारण है कि हमारा खानपान मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। प्रोबायोटिक्स का अकेले सेवन करना या इसे प्रीबायोटिक्स के साथ मिलाना, दोनों ही हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। प्रोबायोटिक्स में सक्रिय बैक्टीरिया होते हैं और प्रीबायोटिक्स उन्हें पनपने में और उनके अनूकूल वातावरण बनाने में मदद करते हैं। 

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Probiotics Rich Foods

मस्तिष्‍क और आंत स्‍वास्‍थ्‍य के बीच संबंध 

आप 'गट-ब्रेन-एक्सिस' शब्द से इतना परिचित नहीं होगें, जो कि पाचन तंत्र और मस्तिष्क के बीच संबंधों को कहा जता है। यही कारण है कि यह माना जाता है कि आंत के बैक्टीरिया मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स के मेडिकल फायदों और मानसिक स्वास्थ्य समस्‍याओं से राहत देने में इसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए अब तक कई अध्ययन किए गए हैं। 

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स पर किए गए अध्ययनों की जांच करने पर , एक सामान्य तनाव प्रोबायोटिक पाया गया। यह लैक्टोबैसिलस का तनाव था। इन अध्ययनों का उद्देश्य अलग था लेकिन एक सामान्य निष्कर्ष यह था कि प्रोबायोटिक्स डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों को कम कर सकते हैं। माना जाता है कि वे ट्रिप्टोफैन रसायन को उत्प्रेरित करते हैं, जो कि मनोरोग संबंधी विकारों के संभावित इलाज के लिए जाना जाता है।

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शोधकर्ताओं के अनुसार: “इस तरह से, तंत्र की बेहतर समझ के साथ, प्रोबायोटिक्स विस्तृत परिस्थितियों में एक उपयोगी उपकरण साबित हो सकता है। इस प्रकार, प्रोबायोटिक्स का सामान्य मानसिक विकारों से ग्रस्‍त रोगियों पर जो प्रभाव पड़ता है, वह दुगना हो सकता है। 

Depression Prevention

अध्‍ययन के निष्कर्ष

शोध के निष्‍कर्षों के आधार पर शोध टीम ने लिखा है: "इस समीक्षा के लिए एकत्रित जानकारी से यह सुझाव देना मान्य है कि क्‍लीनिकल रूप से मान्यता प्राप्त डिप्रेशन के रोगियों के लिए आइसोलेशन या सहायक प्रीबायोटिक थेरेपी एक व्‍यक्ति के अनुभव को मात्रात्मक स्पष्ट तरीके से प्रभावित करने की संभावना नहीं है। यह आइसोलेट, प्रोबायोटिक / संयुक्त प्रीबायोटिक-प्रोबायोटिक थेरेपी डिप्रेशन से संबंधित मापदंडों में मात्रात्मक रूप से औसत दर्जे का सुधार की पेशकश कर सकता है। "

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