
नवरात्रि सिर्फ पूजा पाठ और व्रत- उपवास के लिए ही नहीं, बल्कि दुर्गा पंडाल, गरबा नाइट्स और रंग बिरंगे कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। नवरात्रि के दिनों में लड़कियों में फैशन ट्रेंड कुछ अलग ही होता है। बात चाहे कपड़ों की हो, हेयर स्टाइल की हो या फिर गहनों की, नवरात्रि के दौरान ट्रेडिशनल इंडियन आउटफिट्स काफी ट्रेंड में रहते हैं। इन दिनों अनारकली सूट, लहंगा और बनारसी सिल्क साड़ियां पहनना ज्यादातर लड़कियों की पसंद होते हैं। कपड़ों के साथ-साथ अगर मैचिंग के गहने और फुटवियर हों, तो आपके लुक पर चार चांद लग जाते हैं।
फुटवियर की बात करें तो अलग अलग कपड़ो के साथ आप अलग अलग चप्पलों को ट्राई कर सकते हैं। त्योहारों के इस सीजन में इन दिनों कोल्हापुरी चप्पलें काफी ट्रेंड में हैं। कोल्हापुरी चप्पलें और मोजड़ियां अच्छी लगती ही हैं। महिलाएं हो या पुरुष दोनों ही इसे पहनना पसंद करते हैं। अब इन कोल्हापुरी चप्पलों में काफी कुछ बदलाव भी आ रहा है। पहले जहां यह सिर्फ अपने सपाट तलवे (Flat Sole) के कारण ही जाने जाते थे, अब इसमें हील्स और हल्के फ्लिप-फ्लॉप्स स्टाइल भी आने लगे हैं। इसके अलावा अब यह सिर्फ ब्राउन या चमड़े के वास्तविक रंगों में ही नहीं आते। अब इनकी सिलाई में भी प्रयोग किए जाने वाले धागों के रंगों में भी बदलाव आ गया है। चाहे लहंगा हो, बंगाली साड़ी या बनारसी सिल्क, कोल्हापुरी चप्पल आप किसी भी आउटफिट के साथ ट्राई कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसे रोज के कैजुअल्स के साथ भी पहन सकते हैं। ये चप्पलें स्टाइल के अलावा आपके पैरों की सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद हैं। आइए जानते हैं इसकी कुछ खास बातें।
तलवों को आराम पहुंचाती हैं कोल्हापुरी चप्पलें
कोल्हापुरी चप्पलों का सोल काफी सपाट और पतला होता है। इसके बावजूद पहनने वाले को यह काफी आरामदेह लगता है, क्योंकि सपाट सोल के कारण आपके पैर चप्पल पर बराबरी से फैलते हैं। इस तरह आपके पैरों का कोई भी कोना इसमें दबा नहीं रहता, जिसके कारण चलते वक्त हमारे पैरों में रक्त का संचार अच्छे से होता है।
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उंगलियों को मिलता है आराम
कोल्हापुरी चप्पलें आगे से खुली होती हैं, इसलिए यह आपके नाखून व उंगलियों को काफी आराम पहुंचाती हैं। इसके अलावा जिन लोगों में पैर के अंगूठे के जोड़ पर कड़ा गूमड़ सा हो (बनियन) हो, उनके लिए भी कोल्हापुरी चप्पलें बहुत फायदेमंद होती हैं। इस चप्पल में पैरों का ज्यादातर हिस्सा खुला होता है, इसलिए इस बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए इसे पहनना आसान होता है। कुछ लोगों की उंगलियां आगे से या बीच से उठी-उठी सी या टेढ़ी सी लगती हैं उनके लिए यह काफी फायेदमंद है। कोल्हापुरी चप्पलों में सीधे चलने से दवाब पड़ता है, जिससे कि उगंलियों पर दवाब पड़ने से वह सीधे हो सकते हैं।
कुशन वाली कोल्हापुरी चप्पलें हैं ज्यादा फायदेमंद
इन दिनों जहां स्टाइल बदल रहा वैसे ही बदलते हुए डिजाइल के साथ कोल्हापुरी चप्पलें भी बदल रही हैं। आजकल इन चप्पलों के तलवों (सोल) में कुशन का प्रयोग भी होने लगा है। मोटे सोल वाली कोल्हापुरी चप्पलें ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं। जिनके पैरों की पिंडलियों में ज्यादा दर्द हो, वो इसे पहनने से बचें।
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कई डिजाइन्स और स्टाइल्स में हैं उपलब्ध
अब बात चप्पलों के स्टाइल की करें तो रंग-बिरंगे फुनगियां लगीं काल्हापुरी काफी फंकी लगते हैं। इसके साथ राजस्थानी कढ़ाई वाले चप्पलें भी लोग काफी पसंद करते हैं। लखनवी चिकन के हल्के-हल्के काम से सजी-धजी चप्पलें थोड़ी मंहगी होती हैं, मगर वो ज्यादा कंफर्टेबल होती हैं। चमड़े पर सिल्क या चिकन के कपड़ो को चिपकाकर बनाए गए यह कोल्हापुरी चप्पल देखने में काफी शानदार लगते हैं। दिन पर दिन इन्हें चाहनेवालों की गिनती बढ़ती ही जा रही है। इसके डिजाइन्स में जिस तरह से बदलाव आ रहा है, आप चाहे तो इसे अपने हिसाब से ऑडर करके भी बनवा सकते हैं। त्योहार ही नहीं बल्कि शादी-ब्याह के मौकों पर भी दुल्हन चप्पलों के रूप में भी इन्हें तैयार किया जा रहा है। तो इस नवरात्रि अपने स्टाइल को दीजिए एक नया लुक और हर दिन नए रंग और स्वेग के साथ मनाइए यह त्योहार।
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