वर्तमान समय में तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के साथ बिगड़े खानपान और तनाव का गहरा असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। यही वजह है कि बीते कुछ सालों में महिलाओं में इनफर्टिलिटी, हार्मोनल इंबैलेंस और मोटापे जैसे समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है। खासकर, 20-30 की उम्र के बीच की लड़कियों में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। पीसीओएस (PCOS) में महिलाओं के शरीर में हाई टेस्टोस्टेरोन लेवल स्वास्थ्य पर कई नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है। जिसके कारण चेहरे पर बाल से लेकर तनाव और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इस लेख में फिटनेस कोच और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट विधि चावला से जानिए, पीसीओएस में टेस्टोस्टेरोन कम करने के नेचुरल तरीके क्या-क्या हैं?
पीसीओएस में टेस्टोस्टेरोन कम करने के नेचुरल तरीके
टेस्टोस्टेरोन के लेवल को नेचुरल तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए नियमित एक्सरसाइज, सही खान-पान और योग कारगर हो सकता है। इसके अलावा, डाइट में कुछ खास फूड्स को शामिल करके और तनाव को कंट्रोल करके भी टेस्टोस्टेरोन का लेवल को कम किया जा सकता है।
1. बैलेंस लो-ग्लाइसेमिक डाइट
पीसीओएस में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल करने के लिए एक बैलेंस लो-ग्लाइसेमिक डाइट बेहद फायदेमंद हो सकती है। इस प्रकार की डाइट, जिसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स शामिल होते हैं, ब्लड शुगल के लेवल को कंट्रोल रखती है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करती है। इसके लिए आप ब्राउन राइस, क्विनोआ, हरी सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं। इससे टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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2. वेट मैनेजमेंट
बढ़ा हुआ वजन या मोटापा पीसीओएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी प्रभावित हो सकता है। वजन को कंट्रोल रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज और बैलेंस डाइट जरूरी होती है। शरीर के वजन को सही में बनाए रखना पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है और टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल कर सकता है।
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3. स्ट्रेस मैनेजमेंट
तनाव भी हार्मोनल असंतुलन का एक प्रमुख कारण हो सकता है, जो टेस्टोस्टेरोन के लेवल को प्रभावित करता है। तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें। ये उपाय मानसिक स्थिति को स्थिर करते हैं और हार्मोनल असंतुलन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
4. सप्लीमेंट्स
कुछ सप्लीमेंट्स पीसीओएस में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल करने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।
5. मिंट चाय
पुदीना की चाय भी टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कम करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद गुण हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से मिंट चाय का सेवन करने से पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है और टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।
निष्कर्ष
इन प्राकृतिक उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं और टेस्टोस्टेरोन के लेवल को संतुलित रख सकते हैं। अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान देना आपके लिए लाभदायक होगा।
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