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PCOS को मैनेज करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

वर्तमान समय में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जिससे हर 5 में से 1 महिला प्रभावित है। यहां जानिए, PCOS मैनेज करने के आयुर्वेदिक उपाय।
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PCOS को मैनेज करने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिगड़ी लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आयुर्वेद के अनुसार, पीसीओएस का मुख्य कारण शरीर में असंतुलित दोष और विषाक्त पदार्थों का जमा होना है। यह समस्या हार्मोनल असंतुलन, अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ने और इनफर्टिलिटी जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकती है। यह समस्या न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करती है। डॉक्टरों के अनुसार, इस स्थिति का कारण तेजी से बदलती लाइफस्टाइल, इंबैलेंस डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और तनाव हो सकता है। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर माधुरी से जानिए, पीसीओएस मैनेज करने के आयुर्वेदिक उपाय।

पीसीओएस को मैनेज करने के आयुर्वेदिक उपाय

1. डाइट में बदलाव

आयुर्वेद में कहा गया है कि भोजन का सीधा असर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। पीसीओएस को कंट्रोल करने के लिए एक संतुलित आहार जरूरी है। यह हार्मोनल बैलेंस को सपोर्ट करने में मदद करता है और शरीर में टॉक्सिन्स को कम करता है।

पीसीओएस मैनेज करने के लिए, महिलाओं को अपनी डाइट में यह बदलाव करने चाहिए।

साबुत अनाज: जैसे ओट्स, ब्राउन राइस और क्विनोआ। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखते हैं।
ताजी सब्जियां और फल: इनमें विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और हार्मोनल असंतुलन को दूर करते हैं।
लीन प्रोटीन: चिकन, मछली, दालें और टोफू को अपनी डाइट में शामिल करें, जिससे शरीर को पर्याप्त प्रोटीन मिलता है, जो हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
इसके अलावा, पीसीओएस के इलाज में पानी की भरपूर मात्रा भी जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।

PCOS Management

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2. आयुर्वेदिक हर्ब्स का उपयोग

कई आयुर्वेदिक हर्ब्स पीसीओएस के इलाज में प्रभावी मानी जाती हैं। ये हर्ब्स हार्मोनल बैलेंस को सपोर्ट करते हैं और शरीर के फंक्शन को सुधारते हैं।

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अश्वगंधा: यह हर्ब तनाव कम करने, शरीर को शांत करने और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। यह कोर्टिसोल के स्तर को कम करती है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।

शतावरी: यह हर्ब महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि यह एस्ट्रोजन को संतुलित करती है और पीरियड्स को रेगुलेट करने में मदद करती है।

गिलोय: यह हर्ब शरीर में विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, जो पीसीओएस में सहायक हो सकता है।

इन हर्ब्स का सेवन आयुर्वेदिक औषधियों या चाय के रूप में किया जा सकता है। इनका नियमित उपयोग पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।

3. लाइफस्टाइल में बदलाव

आयुर्वेद के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी और मानसिक शांति दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं। पीसीओएस से निपटने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव बेहद जरूरी है।

रोजाना एक्सरसाइज: पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है और वजन कंट्रोल में रहता है। हल्की एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या स्विमिंग करना मददगार हो सकता है।
योग और ध्यान (मेडिटेशन): योग मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है, जो पीसीओएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। विशेष रूप से प्राणायाम और हलासन जैसे आसन हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।

निष्कर्ष

पीसीओएस (PCOS) के प्रभाव को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेद का पालन एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है। इन तीन उपायों के माध्यम से महिलाएं पीसीओएस से राहत पा सकती हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं।

All Images Credit- Freepik

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