नाद योग क्या है? जानें इससे होने वाले फायदे और करने का तरीका

अगर आप भी अकेलेपन या तनाव का शिकार हैं और खुश नहीं रह पा रहे हैं तो नाद योग आपकी मदद कर सकता है। यहां जानें इसके फायदे।
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नाद योग क्या है? जानें इससे होने वाले फायदे और करने का तरीका


स्वस्थ रहने के लिए संतुलित खान पान और योग करते रहना बेहद जरूरी है। योग करना स्वस्थ रहने का एक बेहतरीन नुस्खा है। लोग अपनी शारीरिक क्षमता और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए तो तरह तरह के योग करते हैं, लेकिन इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सुकून पाने और मेंटल हेल्थ का ख्याल रखने के लिए कुछ खास प्रयत्न नहीं करते हैं। योग के कई प्रकार हैं और तो और अब तो स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए हॉट योग और न्यूड योग जैसे योग भी हमारे जीवन में शामिल हैं। क्या आपने कभी नाद योग के बारे में सुना है। अगर नहीं तो आज हम आपको नाद योग से जुड़ी बातें और इससे होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे। नाद योग की प्रक्रिया आपको सेहतमंद बनाने के लिए एक बहुत ही बेहतरीन प्रक्रिया है। इसके नियमित अभ्यास से आपको अवसाद से मिलने की ताकत मिलती है साथ ही हृदय रोग, एकाग्रता बढ़ाने में कारगर होने के साथ ही यह आपको खुश रहने में भी मदद करता है। 

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क्या है नाद योग (What is Nada Yoga)

दरअसल नाद योग ध्वनि यानि आवाज से जुड़ा (Related to Sound) एक योग है। जो शरीर और आत्मा के बीच आपसी तालमेल बनाने का काम करता है। माना जाता है कि नाद योग ध्वनि से प्रकृति के परम तत्वों तक पहुंचाने में आपकी मदद करता है। नाद योग आपकी शरीर आत्मा और मन को पूरी तरह से स्वस्थ रखता है। शांति पाने के लिए इस योग को भारत समेत कई देशों में किया जाता है। नाद योग करते समय आपकी शरीर में से उर्जा के रूप में एक ध्वनि निकलती है, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के साथ ही आपको खुश रहने के लिए उतप्रेरित करती है। आपकी आत्मा के पालन पोषण के उद्देशय से यह योग काफी कामगर माना जाता है। इस योग को करने के दौरान आपके शरीर में एक कंपन पैदा होती है, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही आपको शांति भरा माहौल देती है। आइये जानते हैं नाद योग से होने वाले कुछ फायदों के बारे में।

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1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए (Boosts Immunity)

रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने के लिए वैसे तो काफी नुस्खे और कई योग हैं। लेकिन नाद योग के जरिए इम्यूनिटी बढ़ाने का तरीका प्राकृतिक रूप से ज्यादा कारगर माना जाता है। नाद योग से निकलने वाली कंपन या फिर ध्वनि के संपर्क में आने से आपकी इम्यूनिटी में इजाफा होता है। साथ ही नाद योग आपके मानसिक तनाव (Mental Stress) को भी कम करता है और दिमाग पर किसी प्रकार का जोर नहीं आने देता है, जिससे आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है। ध्यान लगाना और योग करने का सीधा संबंध आपके इम्यून सिस्टम से भी है। यह बेहद कारगर नुस्खा है। खासकर कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने की बात काफी प्रचलित हुई है। 

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2. अवसाद में कारगर (Beneficial in Depression)

अवसाद की समस्या से निजात पाने के लिए नाद योग को काफी कारगर माना गया है। मानव शरीर में 7 चक्र पाए जाते हैं। जिसे हम उर्जा के केंद्र के नाम से भी जानते हैं। इन उर्जा देने वाले केंद्रों का संतुलित रहना काफी जरूरी है। यह केंद्र शरीर की मनोदशा या मानसिक विकास के लिए बेहद महत्तवपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में नाद योग आपकी मदद करता है। इसका अभ्यास उन सभी केंद्रों में संतुलन बनाकर रखता है, जिससे सभी उर्जा चक्र सुचारू रूप से अपना कार्य करने में सक्षम रहते हैं। म्यूजिक थैरेपी के तौर पर किया जाने वाला नाद योग आपको अवसाद में राहत दिलाता है। ऐसे में आपका ध्यान शरीर से निकलने वाली कंपन्न और ध्वनि की ओर आकर्षित होता है। अवसाद से ग्रस्त या अकेलापन का शिकार हुए लोगों को यह शांति का अहसास कराने में काफी सक्षम माना जाता है। 

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3. खुश रहने के लिए करे प्रेरित (Helps in Stay Happy)

हमारी शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter) के तौर पर हमें खुश और सक्रिय रखने के लिए डोपामाइन और सेरोटोनिन नामक दो हार्मोन मौजूद होते हैं, जिसके असंतुलित हो जाने पर शरीर में तनाव समेत अन्य परेशानियां होने लगती हैं। ऐसे में नाद योग का नियमित अभ्यास आपकी शरीर में मौजूद इन दोनों हार्मोन्स (Hormones) को बढ़ाने मे मदद करता है। जिस कारण आपकी मनोदशा में सुधार होता है साथ ही आपका मूड भी बेहतर होता है। नाद योग का अभ्यास आपको रिलैक्स होने की अवस्था में लाकर उसे पूरी तरह से तनाव मुक्त करता है। जिससे आप अंदरूनी रूप से खुश रहते हैं। 

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4. सांस संबंधी समस्याओं में राहत (Relief in Breathing Problems)

नाद योग आपकी श्वासन प्रणाली में हो रही समस्याओं को दूर करने के साथ ही सांस संबंधी अन्य विकारों को भी दूर करता है। शांत वातावरण में बैठक किया जाने वाला यह योग आपके द्वारा ली जानें और छोड़ी जाने वाली सांस का प्रवाह सुचारू रूप से करता है। नाद योग सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए भी अधिक फायदेमंद माना जाता है। आमतौर पर स्वास संबंधी समस्याएं मानसिक तनाव या फिर एलर्जी आदि के कारण होती है। जिससे योग के जरिए राहत पाई जा सकती है।  

5. एकाग्रता बढ़ाए (Increases Concentration)

नाद योग न केवल आपको समस्याओं से बचाता है, बल्कि आपके शरीर को शांत करकर सोचने, समझने की शक्ति बढ़ाने के साथ ही एकाग्रता भी बढ़ाता है। इससे आपके शरीर को आसपास हो रही गतिविधियों को सोचने समझने की क्षमता मिलती है। इससे आपकी याद्दाश्त की शक्ति भी तेज होती है। इस विषय पर हुए एक शोध की मानें तो नियमित रूप से नाद योग करने वालों के दिमाग की कार्यक्षमता में काफी इजाफा होता है। इस प्रक्रिया को रोजाना करने से ध्यान को एक जगह केंद्रित करने में आसानी होती है। 

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नाद योग करने की विधि (How to Do Nada Yoga)

  • नाद योग करना काफी आसान है। 
  • चूंकि यह एक ध्यान मुद्रा है इसलिए सबसे पहले किसी शांत जगह का चुनाव करें। 
  • पैरों को आराम से मोड़कर बिलकुल रिलैक्स होकर बैठ जाएं। ध्यान रहे इसे करने के दौरान आपको बिलकुल भी तनाव नहीं होना चाहिए। 
  • आखों को बंदकर गहरी सांस लें और और फिर छोड़ें। इस दौरान आप संगीत के तौर पर किसी शांत प्रकार के मेडिटेशन सॉन्ग को चला लें। 
  • इस योग को करने के दौरान आप ध्यान मुद्रा में बैठे होने चाहिए। 
  • अब सबसे जरूरी चीज जो आपको करनी है वह गाने पर एकाग्रता के साथ अपना ध्यान केंद्रित करें और उसे फील करें। 
  • इस दौरान आपके मन में किसी तरह के विचार नहीं आने चाहिए। 
  • अब लगभग आधे घंटे तक इस अभ्यास को करने के बाद अपनी आंखों को धीरे धीरे खोलें, लेकिन अभ्यास करने के दौरान आपकी आंखें पूरी तरह से बंद होनी चाहिए। 
  • लीजिए आपकी नाद योग की प्रक्रिया पूरी हुई। 

नाद योग का अभ्यास रोजाना करने से शरीर को एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं। इस प्रक्रिया का नियमित अभ्यास आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक है इसलिए कोई भी व्यक्ति इस योग का अभ्यास कर सकता है। 

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