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बुखार से जुड़े इन 4 मिथकों पर बिल्कुल न करें भरोसा, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

बुखार आना एक आम समस्या है लेकिन कई बार लोग बुखार होने पर कई गलतियां कर देते हैं, जिसका सेहत पर बुरा असर हो सकता है।
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बुखार से जुड़े इन 4 मिथकों पर बिल्कुल न करें भरोसा, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई


वर्तमान समय में बुखार एक सामान्य स्वास्थ्य स्थिति है, जो कई बार लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकती है। बुखार के बारे में कई मिथक यानी गलत धारणाएं प्रचलित हैं, जिन पर लोग जानकारी के अभाव के कारण विश्वास करते हैं। दरअसल, अगर आपके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर है तो बुखार होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को बुखार होने का खतरा ज्यादा रहता है। सामान्य बुखार खतरनाक नहीं होता, लेकिन अगर तेज बुखार है और लंबे समय तक रहता है तो गंभीर हो सकता है और इसके लिए डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता होती है। हाल ही में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. माधवी भारद्वाज ने एक वीडियो में बुखार से जुड़े कुछ मिथकों और इनकी सच्चाई पर बात की है। 

बुखार से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई - Myths And Facts About Fever In Hindi

डॉक्टर माधवी ने समझाया कि बुखार आमतौर पर शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है जो संक्रमण से लड़ने के लिए होती है। यह एक संकेत होता है कि हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस या बैक्टीरिया से लड़ रहा है। बुखार में शरीर गर्म होता है, क्योंकि शरीर को लगता है कि जो भी वायरस या बैक्टीरिया शरीर में है उसे खत्म करने के लिए ज्यादा तापमान जरूरी है। डॉक्टर ने समझाते हुए बताया कि जैसे दूध को वायरस और बक्टीरिया से बचाने के लिए इसे तेज तापमान पर गर्म किया जाता है, ठीक उसी तरह शरीर भी वायरस को खत्म करने के लिए अंदर के तापमान को बढ़ाता है। यही वजह है कि बुखार आने पर शरीर में ठंड के साथ बुखार आता है और शरीर के अंदर का तापमान 102 और 103 डिग्री पहुंच जाता है।

1. मिथक - Myths

डॉक्टर ने कहा कि बुखार को लेकर एक सबसे बड़ा मिथक ये है कि जब बच्चों को बुखार आता है तो लोग बच्चो को कंबल उड़ा देते हैं, जिससे कि बुखार उतर जाए।

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सच्चाई - Facts

डॉक्टर ने समझाते हुए बताया कि बुखार आने पर बाहर के वातावरण का शरीर पर असर नहीं होता है। अगर आप बच्चे को कंबल उड़ाते हैं को इससे तो शरीर पर बुरा असर हो सकता है, क्योंकि इससे बच्चे के शरीर से जो हीट निकलनी चाहिए वो भी सही से बाहर नहीं आ पाती है। कई बार ऐसी स्थिति में दवाई के बाद भी बुखार नहीं उतरता है। जब भी बच्चों को बुखार आए को आपको नल से आने वाले ताजे पानी की पट्टी करनी चाहिए यानी पट्टी से शरीर को पोछना चाहिए। इससे बुखार से राहत मिल सकती है।

2. मिथक - Myths

डॉक्टर ने कहा कि बुखार को लेकर एक मिथक ये भी है कि लोग पंखा और एसी बंद कर देते हैं। लोगों को लगता है कि पंखा और एसी के कारण बुखार बढ़ सकता है और तकलीफ बढ़ सकती है।

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सच्चाई - Facts

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डॉक्टर ने बताया कि बुखार आने पर पंखा और एसी बंद नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब शरीर के अंदर की हीट बाहर निकलेगी और पंखे और एसी की हवा लगेगी तो शरीर ठंडा होगा, जिससे बुखार कम हो सकता है। 

3. मिथक - Myths

कई लोग बुखार आने पर शरीर से जल्दी पसीना निकलने का इंतजार करते हैं, लोगों को लगता है कि शरीर से पसीना निकलेगा तो बुखार कम हो जाएगा और इसके लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। जैसे कि रजाई और मोटा चादर उड़ाना।

सच्चाई - Facts

डॉक्टर ने बताया कि पसीना शरीर से तब निकलता है जब शरीर अंदर से ठंडा होता है। जब तक आपका ब्रेन से सिग्नल नहीं भेजता है कि अब शरीर को ठंडा करना है। ऐसे में जब आप बुखार आने पर कंबल डालते हैं तो इससे पसीने की प्रकिया पर असर होता है। बुखार आने पर पसीना अपने आप शरीर से निकलने का इंतजार करना चाहिए।

4. मिथक - Myths

बच्चों को बुखार के साथ सर्दी और खांसी होने पर लोग बच्चों पर पानी की पट्टी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि लोगों को लगता है कि इससे निमोनिया हो सकता है।

सच्चाई - Facts

डॉक्टर ने बताया कि अगर बच्चे को सर्दी और खांसी के साथ बुखार है तो भी आप बुखार को कम करने के लिए पानी की पट्टी से शरीर को पोंछ सकते हैं, इससे निमोनिया नहीं होता है।

 
 
 
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A post shared by Dr Madhavi Bharadwaj (@bacchon_ki_doctor)

All Images Credit- Freepik

 

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