मेडिकल साइंस और तकनीकी प्रगति ने इंसान के जीवन को आसान करने का काम किया है। आज के समय में मेडिकल साइंस की उन्नति के कारण इंसान पहले से ही बचाव के उपायों को अपनाकर कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से बच सकता है। अनचाहे गर्भ या गर्भधारण से बचने के लिए भी आज के समय में महिलाएं तमाम तरह की दवाओं या गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल करती हैं। गर्भधारण से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, कॉपर टी समेत तमाम ऐसी चीजों का प्रयोग किया जाता है। गर्भनिरोधक गोलियों ए सेवन और गर्भनिरोधक उपायों के इस्तेमाल को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह की बातें भी बैठ गयी हैं। दरअसल इस विषय पर जानकारी के अभाव के कारण लोगों को गर्भनिरोधक उपायों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है। कई बार लोग सही जानकारी के अभाव में इनके इस्तेमाल से जुड़ी कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसकी वजह से उन्हें आगे चलकर कई समस्याएं हो जाती हैं। आइये विस्तार से जानते हैं गर्भनिरोधक उपायों से जुड़े भ्रामक बातें और उनकी सच्चाई के बारे में।
गर्भनिरोधक उपायों से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई (Myths And Facts About Birth Control Methods)
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अनचाहे गर्भ से बचने के लिए महिलाएं सबसे ज्यादा गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। गर्भ निरोधक गोलियों के अलावा कई तरह के अन्य विकल्पों का इस्तेमाल भी गर्भधारण से बचाव के लिए किया जाता है। गर्भनिरोध के सभी उपायों को सुरक्षित माना जाता है लेकिन इनका इस्तेमाल हमेशा एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए। आज के समय में मार्केट में गर्भनिरोध के दर्जनों उपाय मौजूद हैं। दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक गायनेकोलॉजी कंसलटेंट डॉ सारिका गुप्ता (Dr Sarika Gupta) ने बताया कि लंबे समय तक गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन उन महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है जिनकी उम्र 35 साल से अधिक है। आज के समय में गोलियों के अलावा कई अन्य गर्भनिरोधक उपाय मौजूद हैं। गर्भनिरोधक गोलियों से लेकर आईयूडी डिवाइस, कंडोम, और कई अन्य उपकरण इस काम में प्रयोग में लाये जाते हैं। इन तरीकों से जुड़ी कुछ भ्रामक बातें भी इंटरनेट पर मौजूद होती हैं। आइये जानते हैं गर्भनिरोधक उपायों से जुड़ी कुछ भ्रामक बातें और उनकी सच्चाई के बारे में।
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1. गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा
अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाली गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ता है ऐसी बात लोगों के बीच फैली हुई है। सभी तरह की गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम नहीं करता है। इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि गर्भनिरोधक उपायों का लगातार और ज्यादा इस्तेमाल कई समस्याओं का कारण बन सकता है जिसमें स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर भी शामिल हैं। महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल और कैंसर के खतरे को लेकर किये गए एक रिसर्च के मुताबिक ऐसी महिलाएं जो डॉक्टर की सलाह और सही ढंग से इनका सेवन करती हैं उनमें कैंसर का जोखिम कम रहता है।
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2. बर्थ कंट्रोल के तरीके प्रभावी नहीं होते हैं
आपमें से बहुत लोगों ने सुना होगा कि बर्थ कंट्रोल के तरीकों को अपनाने के बाद भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो गयीं। लेकिन इस बात से यह मान लेना कि सभी तरह के बर्थ कंट्रोल मेथड प्रभावी नहीं होते गलत है। दरअसल किसी भी महिला के बर्थ कंट्रोल के उपायों को अपनाने के बाद भी प्रेग्नेंट होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार गर्भनिरोधक के सही ढंग से इस्तेमाल न किये जाने के कारण भी समस्याएं होती हैं। ऐसे में सिर्फ गर्भनिरोधक उपायों को दोष देना सही नहीं है।
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3. हार्मोनल गर्भनिरोधक आपकी फर्टिलिटी पर डालते हैं असर
हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन के बारे में यह बात प्रचलित है कि इसके इस्तेमाल से आपकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। दरअसल जब आप प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इन गोलियों का सेवन करती हैं उसके बाद आपका खानपान और जीवनशैली भी अत्यंत मायने रखता है। गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से आपकी फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है लेकिन इसकी वजह से फर्टिलिटी पर कोई स्थाई नुकसान नहीं होता है।
4. गर्भनिरोधक उपाय यौन संचारित संक्रमणों से बचाव करते हैं
लोगों में यह आम धारणा है कि कंडोम जैसे गर्भनिरोधक उपाय कई तरह के यौन संचारित संक्रमण के जोखिम को कम करने में उपयोगी होते हैं। हालांकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है सिर्फ कंडोम का इस्तेमाल करने से यह तय नहीं हो जाता है कि यह आपी सभी तरह के यौन संचारित संक्रमणों से रक्षा करेगा। उदहारण के लिए हर्पीज जैसे संक्रमण जो जननांगो के उन हिस्सों पर रहते हैं जिसे कंडोम कवर नहीं कर सकता है। इस तरीके से ही कई तरह के संक्रमण गर्भनिरोध के उपायों के इस्तेमाल के बाद भी हो सकते हैं।
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5. गर्भनिरोधक उपाय अत्यधिक प्रभावी होते हैं
अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो सभी तरह के बर्थ कंट्रोल प्रभावी परिणाम देते हैं। लेकिन सही ढंग से इस्तेमाल न किये जाने पर गर्भनिरोधक गोलियां, हार्मोनल पैच, कॉपर टी, अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी) सभी के इस्तेमाल के बाद भी प्रेग्नेंट हो सकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां, हार्मोनल पैच, कॉपर टी, अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी) आदि का फेलियर रेट 1 प्रतिशत से कम होता है। अगर कंडोम का सही ढंग से बिना फटे इस्तेमाल होता है तो यह 98 प्रतिशत तक प्रभावी माने जाते हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियां, पैच आदि भी 91 प्रतिशत प्रभावी माने जाते हैं।
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6. गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा
महिलाएं जो 35 साल से कम उम्र की हैं और स्मोकिंग नहीं करती हैं या उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज या कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण या इनसे जुड़ी कोई समस्या नहीं है उनके लिए गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन सुरक्षित होता है। लेकिन जो महिलाएं 35 साल से अधिक उम्र की हैं और स्मोकिंग करती हैं या उन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज या स्ट्रोक या धमनियों में रक्त के थक्के जमने की समस्या है उन्हें गर्भनिरोधक दवाएं लेने से दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। डॉ ने हमें बताया कि इन दवाओं में मौजूद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन हॉर्मोन के सेवन से इन महिलाओं में ब्लड क्लॉट होने की संभावना बढ़ जाती है जिसकी वजह से हार्ट स्ट्रोक या हार्ट अटैक की समस्या भी हो सकती है। धूम्रपान न करने वाली महिलाएं किसी भी उम्र में गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कर सकती हैं लेकिन जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनके लिए इन पिल्स का सेवन नुकसानदायक माना जाता है।
7. बिना डॉक्टर की सलाह के कर सकती हैं इनका इस्तेमाल
कई लोगों को यह मानना होता है कि गर्भनिरोध के उपायों का इस्तेमाल आप बिना एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह के कर सकती हैं। दरअसल कुछ हद तक यह बात सही है। आप कंडोम या गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल खुद से कर सकती हैं लेकिन इसके अलावा जिन महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें होती हैं उन्हें इनके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। साथ ही अन्य कई तरह के गर्भनिरोधक उपाय हैं जिन्हें आप बिना चिकित्सक की सलाह नहीं ले सकते हैं।
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ऊपर बताई गयी बातें गर्भनिरोधक उपायों से जुड़ी कुछ अहम बातें हैं। गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल करते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। गर्भनिरोधक दवाओं के इस्तेमाल से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह लेना सुरक्षित माना जाता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या है तो इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श के बाद ही इनका इस्तेमाल करें।
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