हर साल में एक बार आने वाला खास त्योहार करवाचौथ, सुहागिन महिलाओं के लिए काफी मायने रखता है। ऐसा माना जाता है कि सुहागिन महिलाएं, अपने पति के स्वस्थ व दीर्घायु के लिए करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत महिलाओं के लिए उनके खास त्योहारों में से एक है, जिसकी वह कई दिन पहले से ही तैयारियों में लग जाती हैं। एक तरफ व्रत के दिन के लिए नए कपड़ों और गहनों की शॉपिंग, तो दूसरी तरफ सास के लिए तोहफा और ढेर सारे पकवान बनाने की तैयारियां।
इतना ही नहीं, इस करवा चौथ के व्रत के पीछे कई मान्यताएं ऐसी भी हैं। वैसे तो कई लोगों के अनुसार, महिलाओं को पीरियड्स के समय अपवित्र माना जाता है, जिसकी वजह से उन्हें, उस दौरान व्रत या पूजा पाठ करने की इजाजत नहीं होती है। लेकिन करवा चौथ के व्रत को पति की लंबी आयु से जोड़ा गया है, जिस वजह से कहते हैं, इस व्रत को छोड़ते नहीं हैं। लेकिन फिर भी कई महिलाएं पीरियड्स को लेकर दुविधा में रहती हैं कि वह व्रत करें या नहीं? लेकिन हम आपको इसका जवाब जरूर देंगे कि स्वास्थ्य के नजरिए से आपको पीरियड्स के दौरान करवा चौथ कार व्रत करना चाहिए या नहीं?
पीरियड्स में क्यों नहीं करना चाहिए व्रत
अगर करवाचौथ के व्रत को स्वास्थ्य के नजरिए से देखा जाए, तो हेल्थ और न्यूट्रीनिस्ट एक्सपर्टों का मानना है, कि करवा चौथ का व्रत निर्जला व्रत होता है, जिसमें पूरे दिन भूखा-प्यासा रहना पड़ता है। ऐसे में यदि महिलाएं पीरियड्स के दौरान यह व्रत लेती हैं, तो उनमें एनर्जी लेवल बहुत कम हो जाता है। क्योंकि पीरियड्स के दौरान वैसे भी कमजोरी होना लाजमी है। ऐसे में इस निर्जला व्रत का आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। जिससे पीरियड्स के दौरान व्रत लेने से यहां दी गई स्थितियां हो सकती हैं-
बेहोशी या चक्कर
पीरियड होने के बावजूद यदि आप व्रत रखती हैं, तो इससे आपका एनर्जी लेवल बहुत कम हो जाता है। क्योंकि शरीर में मौजूद ग्लूकोज कम होने लगता है और शरीर में मौजूद एमिनो एसिड ग्लूकोज बनाने के लिए मांसपेशियों के ऊतक का इस्तेमाल करने लगता है। जिस वजह से शरीर में कमजोरी होन लगती है और बेहोशी व चक्कर आने की स्थिति हो सकती है।
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डिहाइड्रेशन
करवाचौथ का व्रत अधिकतर महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, ऐसे में यदि आप पीरियड्स के दौरान व्रत कर रही हैं, तो पूरे दिन निर्जला व्रत करने से आप डिहाइड्रेशन की शिकार हो सकती हैं। इसके साथ ही आप कमजोरी महसूस कर सकती हैं। जिसकी वजह से चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग होने लगता है।
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पीरियड्स के दौरान करवाचौथ का व्रत रखने के लिए जरूरी टिप्स
- अब यदि पीरियड्स के कारण व्रत न रख पाने के लिए आपका मन गवाही नहीं देता और आप पीरियड्स के बावजूद व्रत करती हैं, तो इन जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखें। जिसकी वजह से आपका व्रत भी हो जाए और आपकी सेहत भी बनी रहे।
- यदि पीरियड्स के दौरान व्रत कर रही हैं, तो सबसे जरूरी बात निर्जला व्रत न करें। व्रत शुरू करने से पहले या व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। जिससे शरीर हाइड्रेट रह सके और पीरियड्स के दर्द से राहत पा कर दूर रह सकें।
- अधिकतर महिलाएं व्रत शुरू करने से पहले सुबह 4 या 5 बजे सरगी खाने से व्रत शुरू करती हैं। जिसके पीछे सासू मां के प्यार और परंपरा की मान्यता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से सुबह सरगी और नट्स खाने से व्रत शुरू करने का तात्पर्य शरीर को दिनभर के लिए एनर्जी देना है। क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इससे पेट में गैस की समस्या भी नहीं होगी।
- यदि आप व्रत के दौरान व्रत कर रही हैं, तो कोशिश करें कि भरपूर नींद लें। जिससे आपको कमजोरी महसूस न हो और आप थोड़ा रिफ्रेश महसूस कर सको। इसके अलावा, बाहर के कामों से उस दिन आराम ले लेना ही बेहतर है।
- इसके अलावा , आप यदि किसी बीमारी से पीडि़त हैं या फिर गर्भावती हैं, तो पहली सलाह यही है कि आप व्रत न करें। अगर फिर भी व्रत करती हैं, तो फलाहार, दूध,पानी और जूस के सेवन के साथ व्रत करें। निर्जला व्रत आपके लिए घातक हो सकता है।