हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन या गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल महिलाओं के लिए सुविधाजनक और फायदेमंद साबित होता है। तमाम महिलाएं प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए या अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए इनका इस्तेमाल करती हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स या गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल गर्भावस्था को रोकने के लिए तो बहुत असरकारी होता है लेकिन लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी हो सकती हैं। गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन से महिलाओं के शरीर में हॉर्मोन लेवल पर असर होता है जिसके बाद ये ओवरी या अंडाशय से मैच्योर एग्स को निकलने से रोकते हैं। इससे महिलाओं में गर्भधारण नहीं होता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि लंबे समय तक गर्भ निरोधक दवाओं का सेवन करने से हार्ट डिजीज का खतरा भी रहता है? कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के लबे समय तक गर्भ निरोधक दवाओं या बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ाने का काम करता है। गर्भ निरोधक दवाओं के इस्तेमाल से किन लोगों को हार्ट डिजीज का खतरा होता है और इनके इस्तेमाल के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइये जानते हैं दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक गायनेकोलॉजी कंसलटेंट डॉ सारिका गुप्ता (Dr Sarika Gupta) से।
डॉ सारिका गुप्ता ने बताया कि लंबे समय तक गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन उन लोगों में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है जो महिलाएं 35 साल से अधिक उम्र की हैं और स्मोकिंग करती हैं। इसके अलावा 35 साल से अधिक उम्र की महिलाएं जिन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज से जुड़ी समस्याएं हैं उनके लिए भी बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन बहुत नुकसानदायक हो सकता है। ऐसी महिलाएं अगर लगातार बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी गर्भ निरोधक दवाओं का सेवन करती हैं तो उन्हें हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और ब्लड क्लॉटिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गर्भ निरोधक गोलियों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन सहित हार्मोन पाए जाते हैं जो र्विकल म्यूकस को पतला करने और गर्भाशय की परत को पतला करने का काम करते हैं। इनके सेवन से महिलाएं गर्भवती होने से तो बच जाती हैं लेकिन अगर 35 साल से अधिक उम्र की महिलाएं जो स्मोकिंग करती हैं या दिल से जुड़ी किसी भी समस्या से ग्रसित हैं उनमें गंभीर स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है।
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गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा (Link Between Birth Control Pills and Cardiovascular Disease)
डॉ सारिका गुप्ता ने बताया कि महिलाएं जो 35 साल से कम उम्र की हैं और स्मोकिंग नहीं करती हैं या उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज या कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण या इनसे जुड़ी कोई समस्या नहीं है उनके लिए गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन सुरक्षित होता है। लेकिन जो महिलाएं 35 साल से अधिक उम्र की हैं और स्मोकिंग करती हैं या उन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज या स्ट्रोक या धमनियों में रक्त के थक्के जमने की समस्या है उन्हें गर्भनिरोधक दवाएं लेने से दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। डॉ ने हमें बताया कि इन दवाओं में मौजूद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन हॉर्मोन के सेवन से इन महिलाओं में ब्लड क्लॉट होने की संभावना बढ़ जाती है जिसकी वजह से हार्ट स्ट्रोक या हार्ट अटैक की समस्या भी हो सकती है। धूम्रपान न करने वाली महिलाएं किसी भी उम्र में गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कर सकती हैं लेकिन जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनके लिए इन पिल्स का सेवन नुकसानदायक माना जाता है। गर्भ निरोधक दवाओं के लंबे समय तक सेवन से 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को जो धूम्रपान करती हैं या दिल से जुड़ी किसी समस्या का शिकार हैं, ये समस्याएं हो सकती हैं।
टॉप स्टोरीज़
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा।
- ब्लड क्लॉटिंग का खतरा।
- हार्ट अटैक का जोखिम।
- ब्लड प्रेशर में असंतुलन।
- हार्ट स्ट्रोक या अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा।
- पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग।

इन महिलाओं को गर्भ निरोधक दवाओं के सेवन से बचना चाहिए (Who Should Not Take Birth Control Pills?)
महिलाएं जिनकी उम्र 35 साल से अधिक है और दिल से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हैं या स्मोकिंग करती हैं उन्हें बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन बिना एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। ऐसी महिलाएं जिमें ये लक्षण हैं उन्हें डॉक्टर्स अलग तरह की कॉन्ट्रासेप्टिव के सेवन की सलाह देते हैं। इन महिलाओं को गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से हार्ट डिजीज का खतरा रहता है।
- 35 से अधिक उम्र के हैं और स्मोकिंग करते हैं।
- 35 साल से अधिक महिला जिसे हार्ट से जुड़ी समस्या है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या में।
- हाई ब्लड प्रेशर में।
- वजन अधिक होने पर।
- डीप वेन थ्रोम्बोसिस या पल्मोनरी एम्बोलिज्म की फैमिली हिस्ट्री में।
- हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री में।
गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से जुड़ी जरूरी सावधानियां (Precautions Related To The Use of Birth Control Pills)
जिन महिलाओं को जन्म से ही दिल से जुड़ी कोई समस्या है या 35 साल से अधिक उम्र में दिल से जुड़ी बीमारी है उन्हें गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। दिल से जुड़ी बीमारियों में या 35 साल से अधिक उम्र में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को एस्ट्रोजन-आधारित गर्भ निरोधक दवाओं का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। सामान्य तौर पर मोटापे की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान या कोरोनरी आर्टरी डिजीज की स्थिति में चिकित्सक गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन की सलाह नहीं देते हैं। महिलाएं जो गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं उन्हें हर 6 महीने पर ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करानी चाहिए। बिना डॉक्टर से सलाह लिए ऐसी दवाओं का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करने से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
- ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या में गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के लिए नहीं लेना चाहिए।
- अगर आपका ब्लड क्लॉटिंग का इतिहास रहा है तो ऐसी स्थिति में भी खुद से गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से बचें।
- अगर आपकी उम्र 35 साल से अधिक है और धूम्रपान करती हैं तो इन दवाओं का इस्तेमाल न करें।

गर्भनिरोध के लिए आज के समय में कई तरह के कॉन्ट्रासेप्टिव मौजूद हैं। डॉ सारिका ने हमें बताया कि हर महिला के लिए उनकी हेल्थ कंडीशन और उम्र के आधार पर अलग-अलग गर्भनिरोधक उपाय मौजूद हैं और उनका ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आज के समय में अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के कई तरह की डिवाइस भी मौजूद है जो सुरक्षित तरीके से गर्भधारण करने से रोकने में मदद करती हैं। सबसे अहम बात यह है कि किसी भी महिला को बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से बचना चाहिए। ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों से बचने के लिए गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करने से पहले अगर आप चिकित्सक की सलाह लेती हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन के बाद अगर आपको दिल से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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