पीठ दर्द से जुड़े इन 5 मिथक पर आप भी करते हैं भरोसा? एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

Myth And Facts Related To Back Pain In Hindi: अक्सर समझा जाता है कि भारी सामान उठाने की वजह से पीठ दर्द हो सकता है। तो क्या यह सच है? आइए, जानते हैं।
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पीठ दर्द से जुड़े इन 5 मिथक पर आप भी करते हैं भरोसा? एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई


Myth And Facts Related To Back Pain Explained In Hindi: घंटों बैठकर काम करना, फिजिकल एक्टिविटी न करना और देर तक मोबाइल फोन पर समय बिताना। ये तमाम बातें पीठ दर्द की वजहें बनती हैं। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो पीठ दर्द बढ़ सकता है, जो कि एक समय बाद क्रॉनिक पेन की वजह से बन सकता है। इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पीठ दर्द होने पर इसका तुरंत उपचार किया जाना चाहिए। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कई बार पीठ दर्द से जुड़ी उन बातां को भी हम सच मान बैठते हैं, जिसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। इस लेख में हम इसी तरह के कई मिथकों के फैक्ट्स के बारे में जानेंगे।

Myth And Facts Related To Back Pain Explained

मिथकः भारी सामान उठाने पीठ दर्द की पहली वजह है

सच्चाईः अगर आप गलत तरीके से कोई भारी सामान उठाएं, तो पीठ की दर्द की वजह बन सकता है। लेकिन, इसे पहली वजह कहा जाना सही नहीं होगा। मेयोक्लिनिक की मानें, तो अगर किसी व्यक्ति की लाइफस्टाइल खराब है, गलत पोस्चर में उठता-बैठता है, मोटापे से ग्रस्त है और कई तरह की जेनेटिक कारण भी पीठ दर्द का कारण हो सकती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो वक्त के साथ-साथ दर्द बढ़ सकता है।

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मिथकः लंबे समय तक बेड पर लेटे रहने की वजह से पीठ दर्द हो सकता है

सच्चाईः अगर आप लेटे रहते हो या रेस्ट करते हो, इससे पीठ में दर्द नहीं हो सकता है। हां, अगर आपकी पीठ की मसल्स खिंच गई हैं या पहले से कभी चोट लगी हो, तो पीठ में दर्द हो सकता है। हालांकि, यह भी सच है कि अगर आप ऐसे गद्दे पर सोते हैं, जो कंफर्टेबल नहीं है, तो पीठ में दर्द की समस्या होस सकती है। यूनिटी प्वाइंट हेल्थ के मुताबिक, "अगर अक्सर सोने के बाद पीठ का दर्द बना रहता है, जो कि आधे घंटे में अपने आप ठीक हो जाता है, तो समझ जाइए कि गद्दे बदलने का समय आ गया है।"

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मिथकः पैंट में पीछे की जेब में बटुआ रखने से पीठ दर्द हो सकता है

सच्चाईः अगर आप लगातार पैंट की पीछे वाली पॉकेट में बटुआ रखने की वजह से पैर सुन्न हो सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि बटुए पर बैठने की वजह से ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। इस वजह से कई बार पैरों में दर्द का अहसास भी हो सकता है। हालांकि, इसकी वजह से पीठ में दर्द नहीं हो सकता है। इसके विपरीत अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो साइटिका नर्व पर दबाव बनता है। यह नर्व रीढ़ की हड्डी से शुरू होते हुए कूल्हों तक जाती है। साइटिका नर्व में दबाव बनने की वजह से चलते-फिरने और उठने-बैठने में तकलीफ हो सकती है।

मिथकः पीठ दर्द अक्सर किसी गंभीर बीमारी का लक्षण होता है

सच्चाईः पीठ दर्द, मांसपशियों में खिंचाव या अकड़न की वजह से हो सकता है। हालांकि, इसका किसी गंभीर बीमारी से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, कुछ समस्याओं के दौरान पीठ में दर्द का अहसास होता है, जिसके लिए सही ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। आमतौर पर पीठ में दर्द की समस्या वक्त के साथ-साथ अपने आप ठीक हो जाती है। अगर ऐसा न हो, तो इलाज कराने में देरी न करें।

मिथकः क्रॉनिक बैक पेन से राहत के लिए सर्जरी एकमात्र ऑप्शन है

सच्चाईः पीठ दर्द होने की मुख्य वजह क्या है, इस बात को जानने के बाद ही सर्जरी की जाती है। सर्जरी के बिना भी पीठ दर्द से राहत पाई जा सकती है। इसके लिए थेरेपी, मालिश, दवाईयां और इंजेक्शन आदि विकल्पां को चुना जाता है। इसके अलावा, लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी सुधार कर आप इस तरह की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

image credit: freepik

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