Doctor Verified

मायोकार्डियल इंफार्क्शन की वजह से हुई थी सिंगर केके की मौत, जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज

मशहूर सिंगर केके की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मौत मायोकार्डियल इंफार्क्शन के कारण हुई थी, जानें इस समस्या के बारे में।
  • SHARE
  • FOLLOW
मायोकार्डियल इंफार्क्शन की वजह से हुई थी सिंगर केके की मौत, जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज

केके के नाम से मशहूर प्लेबैक सिंगर कृष्णकुमार कुन्नथ की बीते दिनों कोलकाता में एक लाइव परफॉरमेंस के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गयी थी। शुरुआत में लोग उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से मान रहे थे लेकिन अब उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के असल कारण का पता चला है। केके की अंतिम पोस्टमार्टम और ऑटोप्सी रिपोर्ट शनिवार को कोलकाता पुलिस को सौंपी गयी थी। इस रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने उनकी मौत का कारण मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial Infarction in Hindi) माना है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समस्या के कारण केके के हार्ट में ब्लड पंप होना बंद हो गया था। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक डॉक्टर ने कहा है कि उनके हार्ट की धमनियों में ब्लॉकेज की वजह से कई अन्य छोटी धमनियों में ब्लॉकेज हो गयी थी। जिसकी वजह से उनके हार्ट में ब्लड की पंपिंग बंद हो गयी थी। ऐसा होने की वजह से अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और जान चली गयी। मायोकार्डियल इंफार्क्शन को हिंदी में हृदयघात या दिल का दौरा के नाम से भी जाना जाता है। जानें क्या है यह समस्या? इसके कारण, लक्षण और बचाव व इलाज।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन क्या है? (What is Myocardial Infarction?)

मायोकार्डियल इंफार्क्शन या एमआई दिल से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसे हिंदी में दिल का दौरा और कार्डियक इंफार्क्शन, कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर के नाम से भी जाना जाता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आर के यादव के मुताबिक दिल से जुड़ी इस गंभीर स्थिति में हृदय की मांसपेशियों से रक्त की आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है जिसकी वजह से मरीज को कई गंभीर समस्याएं होती हैं और गंभीर होने पर जान जाने का खतरा रहता है। जब शरीर में हार्ट से सही तरह से ब्लड की पंपिंग नहीं हो पाती है तो दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की सप्लाई भी सही ढंग से नहीं हो पाती है। इस समस्या के शुरुआत में दिल की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ना शुरू होता है और मरीज को सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। मायोकार्डियल इंफार्क्शन को 35 से 55 साल के बीच के लोगों में होने वाले हार्ट अटैक की समस्या के लिए सबसे प्रमुख कारण माना जाता है।

 Myocardial Infarction in Hindi Details

इसे भी पढ़ें : भारतीय लोगों में क्यों बढ़ रहा है कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा? जानें डॉक्टर की राय

मायोकार्डियल इंफार्क्शन के कारण (Myocardial infarction Causes in Hindi)

मायोकार्डियल इंफार्क्शन की समस्या में रक्त प्रवाह बाधित होने के कारण मांसपेशियों को गंभीर नुकसान होता है। इस समस्या की शुरुआत में मरीज को सांस लेने में दिक्कत और सीने में गंभीर दर्द शुरू होता है। हर मरीजों में यह समस्या अलग-अलग कारणों से हो सकती है। मायोकार्डियल इंफार्क्शन के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं। 

  • हाई कोलेस्ट्रॉल।
  • हाई ब्लड प्रेशर।
  • मोटापे की समस्या।
  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज।
  • खराब जीवनशैली।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन।
  • खराब डाइट।
  • डायबिटीज।
Symptoms Of Myocardial Infarction

मायोकार्डियल इंफार्क्शन के लक्षण (Symptoms Of Myocardial Infarction)

मायोकार्डियल इंफार्क्शन की समस्या में मरीज को सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी या बेचैनी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। शुरुआत में मरीज में दिखने वाले लक्षण हल्के या सामान्य हो सकते हैं लेकिन जैसे-जैसे यह समस्या बढ़ती है वैसे ही इसके लक्षण भी गंभीर होने शुरू होते हैं। हर मरीज में दिल का दौरा पड़ने के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। मायोकार्डियल इंफार्क्शन में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • सीने में गंभीर दर्द।
  • सांस लेने में दिक्कत।
  • बेचैनी और घबराहट।
  • हाथ, पीठ और पैरों में दर्द।
  • सीने में जलन।
  • ठंड लगना और पसीना आना।
  • चक्कर और कमजोरी।
  • दिल की धड़कन का अनियमित होना।
  • जी मिचलाना और उल्टी।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन का इलाज (Myocardial Infarction Treatment in Hindi)

मायोकार्डियल इंफार्क्शन या दिल का दौरा पड़ने की समस्या का इलाज करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर मरीज की जांच करते हैं और शारीरिक लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू करते हैं। इस समस्या की जांच के लिए डॉक्टर ईसीजी, ब्लड टेस्ट, इकोकार्डियोग्राम और कार्डिएक कैथीटेराइजेशन जैसे टेस्ट करते हैं। इन जांच के आधार पर मरीज को दवाएं दी जाती हैं। गंभीर स्थिति में मरीज की सर्जरी भी की जा सकती है। मुख्यतः इस समस्या में डॉक्टर मरीज को हार्ट मसल्स में नुकसान होने से रीकने के लिए इलाज करते हैं। 

इसे भी पढ़ें : हार्ट में ब्लॉकेज होने पर शरीर में दिखते हैं ये 7 लक्षण, जानें बचाव के उपाय

मायोकार्डियल इंफार्क्शन से बचाव के टिप्स (Myocardial Infarction Prevention Tips)

मायोकार्डियल इंफार्क्शन या दिल का दौरा पड़ने की समस्या से बचने के लिए हार्ट को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है। बीते कुछ सालों से भारत में कम उम्र के लोगों में भी दिल का दौरा पड़ने की समस्या और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। इस समस्या से बचने के लिए सक्रिय और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना और अच्छी डाइट का सेवन करना जरूरी है। मायोकार्डियल इंफार्क्शन से बचने के लिए आपको समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने नहीं देना चाहिए। रोजाना एक्सरसाइज या योग का अभ्यास और हेल्दी डाइट का सेवन कर आप इस समस्या के खतरे को कम कर सकते हैं। 

(All Image Source - Freepik.com)

 

Read Next

बीते 2 साल में केके समेत इन हस्तियों की हार्ट अटैक से गयी जान, जानें कम उम्र में क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले

Disclaimer