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हार्ट में ब्लॉकेज होने पर शरीर में दिखते हैं ये 7 लक्षण, जानें बचाव के उपाय

हार्ट में ब्लॉकेज होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, इन लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इलाज लेना फायदेमंद होता है।
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हार्ट में ब्लॉकेज होने पर शरीर में दिखते हैं ये 7 लक्षण, जानें बचाव के उपाय

Heart Blockage Symptoms: आज के समय में असंतुलित खानपान और भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने पर सही कदम उठाने से आप इसके जोखिम को कम कर सकते हैं। कई बार लोगों को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं लेकिन लोग इसे सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। खराब जीवनशैली और असंतुलित खानपान से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या हो सकती है। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में दिन की धड़कन कम हो जाती है और आपके शरीर में ब्लड को हार्ट द्वारा पंप करने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण दिखते ही अगर सही कदम नहीं उठाया गया तो इससे मरीज को कार्डियक अरेस्ट भी आ सकता है। कई मामलों में हार्ट अटैक की समस्या हार्ट ब्लॉकेज के कारण ही होती है। सही समय पर हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों को पहचानकर इलाज और बचाव बहुत जरूरी है।

हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण (Heart Blockge Symptoms in Hindi)

heart blockage symptoms

हार्ट ब्लॉकेज की समस्या दरअसल हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में होने वाली खराबी है। इसकी वजह से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आर के यादव के मुताबिक हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को एट्रियोवेंट्रिकुलर ब्लॉक AV या कंडक्शन डिसऑर्डर भी कहा जाता है। इस समस्या में दिल की धड़कन कम हो जाती है और हार्ट शरीर में सही ढंग से ब्लड पंप नहीं कर पाता है। हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जरूरी इलाज लेना चाहिए। अगर इस समस्या को नजरंदाज किया गया तो आगे चलकर मरीज की समस्याएं बढ़ सकती हैं और उसे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या 3 चरणों में होती है। पहले चरण में मरीज को कोई खास लक्षण नहीं दिखता है लेकिन दूसरे और तीसरे चरण में पहुंचने पर लक्षण भी बढ़ जाते हैं। हार्ट में ब्लॉकेज होने पर दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

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1. बेहोशी, चक्कर आना और शरीर घूमना।

2. अत्यधिक थकान और कमजोरी।

3. सीने में दर्द (शुरुआत में हल्का दर्द लेकिन समय के साथ दर्द बढ़ना)।

4. सांस लेने में तकलीफ या तेजी से सांस चलना।

5. दिल की धड़कन अनियमित होना।

6. दौड़ने या एक्सरसाइज करने में परेशानी।

7. मतली और उल्टी की समस्या।

हार्ट ब्लॉकेज से बचाव के टिप्स (Heart Blockage Prevention in Hindi)

हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण दिखने पर मरीज को सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपकी गंभीरता के आधार पर जांच करते हैं और उसके बाद इलाज शुरू किया जाता है। शुरूआती स्टेज में डॉक्टर कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं और लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव को अपनाने की सलाह देते हैं। अगर आपको सेकंड डिग्री ब्लाक है तो ऐसी स्थिति में मरीज को पेसमेकर की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा जिन लोगों में हार्ट ब्लॉकेज थर्ड डिग्री का होता है उन्हें विशेष इलाज दिया जाता है। हर व्यक्ति में समस्या की गंभीरता के आधार पर ही मरीज का इलाज किया जाता है। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या से बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर न बढ़ने दें।
  • खानपान संतुलित और पौष्टिक रखें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • सही समय पर भोजन करें और अच्छी नींद लें।
  • शराब का सेवन करने से बचें।
  • हार्ट के बीमारियों से बचने के लिए स्मोकिंग करने से बचें।

इन बातों का ध्यान रखकर आप हार्ट ब्लॉकेज की समस्या से बच सकते हैं। हार्ट का हेल्दी और समस्याओं से मुक्त रहना बहुत जरूरी है। इसलिए आपको हार्ट को हेल्दी रखने के लिए शराब का सेवन और स्मोकिंग करने से बचना चाहिए।

(All Image Source - Freepik.com)

 

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