
मुलेठी ऐसी जड़ी-बूटी है जो हमारे घरों में दादी-नानी के समय से इस्तेमाल होती आई है। गला बैठ जाए, खांसी न रुके या पेट में जलन हो, तो अक्सर पहला उपाय मुलेठी ही होता था। आयुर्वेद में मुलेठी को ‘यष्टिमधु’ कहा गया है। यष्टि का अर्थ होता है छड़ी या लकड़ी और मधु शहद को कहते हैं। मतलब साफ है कि मुलेठी के मीठे स्वाद के कारण इसे ये नाम मिला है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में यष्टिमधु यानी मुलेठी को बहुत गुणकारी माना गया है।
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मुलेठी को सिर्फ पारंपरिक आयुर्वेद में नहीं, बल्कि आधुनिक विज्ञान में भी काफी गुणकारी माना जाता है। रिसर्च के अनुसार मुलेठी में मौजूद मुख्य सक्रिय यौगिक ग्लीसिराइज़िन (Glycyrrhizin) और लाइकोरिस फ्लेवोनोइड्स शरीर में सूजन, वायरल इंफेक्शन, पाचन संबंधी दिक्कतें और रेस्पिरेटरी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि मुलेठी, खासकर इसका चूर्ण इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है। एक तो चूर्ण को लेना आसान है और दूसरा सही सही मात्रा में लिया जाए, तो इससे सेहत को बहुत सारे फायदे मिल सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे मुलेठी चूर्ण के फायदे।
1. खांसी और गले की खराश में फायदेमंद
मुलेठी गले की खराश और खांसी में बहुत फायदेमंद होती है। इसका कारण यह है कि इसे खाने से म्यूकस लाइनिंग पर एक हल्की परत बनती है, जिससे गले की सूजन शांत होती है और खांसी कम होती है। कुछ स्टडीज में पाया गया है कि मुलेठी गले के इंफ्लेमेशन को कम कर सकती है, खासकर वायरल सर्दी-खांसी में ये बहुत कारगर है। अगर आपकी आवाज बैठ जाती है या लगातार खांसी से गला जलता है, तो मुलेठी चूर्ण आपकी मदद कर सकता है।
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2. बार-बार होने वाली एसिडिटी में राहत
मुलेठी की तासीर ठंडी होती है इसलिए मुलेठी पेट की जलन, एसिडिटी और अपच में भी बहुत फायदेमंद होती है। मुलेठी चूर्ण के रेगुलर सेवन से पेट की लाइनिंग सुरक्षित रहती है। कुछ छोटे क्लिनिकल ट्रायल्स में देखा गया है कि मुलेठी का सेवन हल्की एसिडिटी और पेट की सूजन में आराम दे सकता है। जिन लोगों को खाना थोड़ा गलत खा लेने पर पेट में जलन होती है, उन्हें इसका प्रयोग जरूर करना चाहिए।

3. तनाव कम करने और ऊर्जा बनाए रखने में मददगार
यह बात बहुत लोग नहीं जानते कि मुलेठी हमारे एड्रिनल सिस्टम को सपोर्ट करती है। यही सिस्टम हमारे कॉर्टिसोल स्तर को संभालता है, जो तनाव के समय बढ़ जाता है। मुलेठी चूर्ण शरीर को तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करता है। यह सीधे-सीधे सिडेटिव नहीं है, लेकिन दिन भर की थकान और कमजोरी की भावना को दूर करने में मदद कर सकता है।
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4. इम्यूनिटी को मजबूत बनाए
मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसमें मौजूद कम्पाउंड्स शरीर में सूजन पैदा करने वाले कारकों को कम कर सकते हैं। इसी वजह से मुलेठी का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, वायरल, बार-बार गले खराब होने जैसी समस्याओं में किया जाता है।
5. सांस संबंधी दिक्कतों में आराम दिलाए
स्टडी के मुताबिक मुलेठी चूर्ण सांस से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है। मुलेठी चूर्ण बलगम को पतला करता है, जिससे चेस्ट कंजेशन में राहत मिलती है। कुछ लोगों को एलर्जी या ठंडी हवा लगने पर सांस में भारीपन महसूस होता है। मुलेठी ऐसे में गले और छाती को आराम दे सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि दमा वाले मरीज इसे सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही लें, क्योंकि इसमें मौजूद ग्लीसिराइजिन तत्व BP बढ़ा सकता है।
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6. पाचन को ठीक रखे
मुलेठी चूर्ण आंतों की सूजन को कम करता है और गैस, अपच, भारीपन जैसी दिक्कतों में राहत देता है। पेट में हल्के छाले होने पर भी मुलेठी चूर्ण का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
कुल मिलाकर मुलेठी चूर्ण के सेवन से सेहत को ढेर सारे फायदे मिल सकते हैं। कुछ लोग मुलेठी की चाय भी पीते हैं। लेकिन मुलेठी को अपनी रोज की डाइट का हिस्सा बनाने से पहले आपको किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए क्योंकि गलत तरीके या मात्रा में प्रयोग करने से इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि आयुर्वेदिक औषधियां तभी काम करती हैं, जब इन्हें शुद्धता के साथ परंपरिक तरीके से तैयार किया गया हो। अगर आप भी किसी अच्छे ब्रांड का मुलेठी चूर्ण चाहते हैं, तो आपको पतंजलि मुलेठी चूर्ण ट्राई करना चाहिए। पतंजलि सालों से शुद्ध आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के लिए जाना जाता है। मुलेठी चूर्ण को आप पतंजलि आयुर्वेद के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्टोर्स से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
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Nov 28, 2025 11:22 IST
Published By : Anurag Gupta