Milk Biscuit Syndrome in Hindi: क्या आपका बच्चा भी रोज दूध के साथ बिस्किट खाना पसंद करता है? यह हेल्दी आदत नहीं बल्कि लत हो सकती है। जी हां, दूध के साथ बिस्किट खाने की इस लत को मिल्क बिस्किट सिंड्रोम कहा जाता है। खानपान की गलत आदतें और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में यह कंडीशन देखने को मिलती है। दूध में कैल्शियम पाया जाता है। बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए दूध का सेवन जरूरी है। लेकिन माता-पिता कई बार बच्चे को दूध के साथ ग्लूकोज बिस्किट या कुकीज खाने के लिए दे देते हैं। बिस्किट के साथ दूध का कॉम्बिनेशन स्वादिष्ट होता है। इस कॉम्बिनेशन को खाते-खाते बच्चे इसके आदी हो जाते हैं। फिर बच्चे आपसे दूध और बिस्किट मांग-मांगकर खाते हैं। आपको बता दें कि दूध के साथ बिस्किट खाना बिल्कुल भी हेल्दी नहीं है। बिस्किट को बहुत सारी चीनी, मैदा, अनहेल्दी फैट्स के साथ तैयार किया जाता है। इसे दूध के साथ खाने से बच्चों को एसिडिटी, डायरिया, कब्ज, वेट गेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आगे जानते हैं मिल्क बिस्किट सिंड्रोम के लक्षण, कारण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव और डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान से बात की।
मिल्क बिस्किट सिंड्रोम के लक्षण- Milk Biscuit Syndrome Symptoms
- बच्चे का रात में दूध और बिस्किट खाने की जिद्द करना।
- खाने के बाद भी बिस्किट या दूध पीने की तीव्र इच्छा होना।
- बिस्किट के बिना दूध का सेवन न करना।
- खाने की जगह दूध और बिस्किट खाना।
- बच्चे का दिन में कई बार दूध और बिस्किट मांगकर खाना।
मिल्क बिस्किट सिंड्रोम के कारण- Milk Biscuit Syndrome Causes
- इस समस्या का कोई सटीक कारण नहीं है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। जो बच्चे उच्च मात्रा में शुगर या प्रिजर्वेटिव्स का सेवन करते हैं, उनमें यह समस्या देखने को मिलती है।
- अगर बच्चे सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा, दूध, फ्लेवर्ड योगर्ट, आइसक्रीम, चॉकलेट, पैकेटबंद जूस जैसी चीजों का सेवन करते हैं, तो वह इस कंडीशन के शिकार बन सकते हैं।
- अगर बच्चा देर से खाना खाता है तो भी वह इस सिंड्रोम का शिकार हो सकता है।
- जो बच्चे हेल्दी डाइट का सेवन नहीं करते, उन्हें यह समस्या ज्यादा होती है।
- इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर आपका बच्चा इस तरह की समस्या के बारे में बताए, तो उसे समझें और इलाज कराएं।
मिल्क बिस्किट सिंड्रोम के नुकसान- Milk Biscuit Syndrome Side Effects
- दांतों में सड़न
- कब्ज की समस्या
- मोटापा
- शुगर लेवल बढ़ना
- डायबिटीज
- इम्यूनिटी कमजोर होना
इसे भी पढ़ें- मीठे की क्रेविंग कंट्रोल कैसे करें? डायटीशियन से जानें 10 आसान तरीके
मिल्क बिस्किट सिंड्रोम का इलाज- Milk Biscuit Syndrome Treatment
- इस समस्या का इलाज कराने के लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है। ऊपर बताए लक्षण नजर आने पर देरी न करें। एक्सपर्ट से संपर्क करें।
- मिल्क बिस्किट सिंड्रोम का इलाज न्यूट्रिशनिस्ट या डायटीशियन की मदद लेकर किया जा सकता है।
- आप बच्चे को एक्सपर्ट के पास लेकर जाएं। वह बच्चे की उम्र और वजन के मुताबिक उन्हें एक डाइट प्लान बनाकर देंगे। उस डाइट प्लान के मुताबिक ही बच्चे की डाइट तैयार करें।
- बच्चे को रात को दूध देने के बजाय सुबह दें। दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है। सिंड्रोम का शिकार होने पर बच्चे को दूध देना बंद न करें, बल्कि समय बदल लें।
- बच्चे भूखे होते हैं, इस कारण से उन्हें रात में दूध या शुगर कंज्यूम करने का मन करता है। आप उन्हें डिनर में हेल्दी मील देंगे, तो शुगर और मिल्क की क्रेविंग नहीं होगी।
- कुछ दवाओं की मदद से इस लत को छुड़ाया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बगैर बच्चे को कोई दवा न दें।
उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर करना न भूलें।