शरीर में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक बढ़ा सकते हैं हार्ट अटैक का जोखिम, डॉक्टर से समझें

माइक्रोप्लास्टिक्स के छोटे-छोटे कण हवा या फिर पेट के जरिए शरीर तक पहुंच जाते हैं। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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शरीर में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक बढ़ा सकते हैं हार्ट अटैक का जोखिम, डॉक्टर से समझें


आजकल खराब और दूषित जीवनशैली के चलते लोगों को हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने लगी हैं। इसके पीछे एक माइक्रोप्लास्टिक्स को भी एक बड़ा कारण माना जाता है। दरअसल, माइक्रोप्लास्टिक्स के छोटे-छोटे कण हवा या फिर पेट के जरिए शरीर तक पहुंच जाते हैं। इससे हार्ट से जुड़ी समस्याएं जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। चलिए पुणे के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केदार कुलकर्णी से जानते हैं माइक्रोप्लास्टिक्स हार्ट के लिए कैसे नुकसानदायक साबित होते हैं। 

माइक्रोप्लास्टिक्स हार्ट को कैसे पहुंचाता है नुकसान? 

  • माइक्रोप्लास्टिक्स हार्ट के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक साबित होते हैं। 
  • न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों के ब्लड में माइक्रोप्लास्टिक्स पाया जाता है उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। 
  • शरीर में नैनोप्लास्टिक या फिर माइक्रोप्लास्टिक होने से कई बार प्लाक जम जाते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है। ऐसे में हार्ट से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। 
  • यही नहीं में माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने पर कई बार प्रीमेच्योर डिलीवरी होने का भी जोखिम बढ़ जाता है। 
 

माइक्रोप्लास्टिक कहां से आते हैं? 

माइक्रोप्लास्टिक सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। यह माइक्रोप्लास्टिक कॉस्मेटिक्स, लिपबाम और कई बार प्लास्टिक की बोतल के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कई बार इस माइक्रोप्लास्टिक के छोटे-छोटे कण हवा के जरिए शरीर के अलग-अलग अंगों तक प्रवेश कर जाते हैं। जो हार्ट को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ दिमाग को भी नुकसान पहुंताते हैं। 

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माइक्रोप्लास्टिक से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं 

  • यह माइक्रोप्लास्टिक एक प्रकार के कैमिकल होते हैं, जो शरीर में पहुंचकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं। 
  • यह माइक्रोप्लास्टिक हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का भी कारण बनते हैं। 
  • शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंचने से किडनी के साथ ही ब्रेन पर भी कई तरीकों से असर पड़ता है। स
  • इससे शरीर में सूजन होने के साथ ही साथ गठिया की भी समस्या बनी रहती है। 
  • यह माइक्रोप्लास्टिक शरीर में प्रवेश कर इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता को भी कम कर देते हैं। 

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