गर्मियों में लोगों को डिहाइड्रेशन होना एक आम समस्या है। इसका सीधा प्रभाव आपके ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। इसकी वजह से आपको हार्ट से जुड़ी समस्या का जोखिम बढ़ सकता है। गर्मियों में अक्सर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान शरीर में थकान व कमजोरी हमेशा बनी रहती है। साथ ही, आलस की वजह से लोगों को बाहर जाने का मन नहीं करता है। गर्मियों को लू और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए एक्सपर्ट यह सलाह देते हैं कि गर्मियों के दिनों में लोगों को आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। अस्थमा, स्किन से जुड़ी समस्याओं और हार्ट के रोगियों के लिए गर्मियों में अन्य समस्याओं का जोखिम अधिक होता है। आगे मणिपाल अस्पताल, गुरुग्राम के इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट एंड कार्डिएक इलेक्ट्रॉफिजियोलॉजिस्ट डॉक्टर ब्रजेश कुमार मिश्रा से जानते हैं कि हीट स्ट्रोक वजह से हार्ट अटैक का जोखिम कैसे बढ़ सकता है।
गर्म में हीट स्ट्रोक की वजह से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का जोखिम - How Heat Stroke May Increase Risk Of Heart Attack During Summers in Hindi
हाई ब्लड प्रेशर - High Blood Pressure
गर्मियों में तेज धूप और हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली के डायरेक्टर - कार्डियोलॉजी डॉ. समीर कुब्बा के अनुसार इस प्रभाव को नॉर्मल करने के लिए नसों चौड़ी होती है, इस प्रक्रिया को वासोडिलेशन कहते हैं। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर में बदलाव आ सकता है, जो आपकी हृदय गति पर दबाव डाल सकता है। हाई ब्लड प्रेशर नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसे में यदि कोई व्यक्ति पहले से हृदय रोगी है, तो उसको हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है।
तापमान का बढ़ना - Increase Temperature
नारायणा अस्पताल, गुरुग्राम के सीनियर डायरेक्टर और प्रोग्राम हेड कार्डियक साइंसेज डॉ. हेमंत मदान के अनुसार हीट स्ट्रोक, गर्मी से संबंधित बीमारी का सबसे गंभीर रूप है, तब होता है जब शरीर का मुख्य तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाता है, जिससे थर्मोरेगुलेटरी कार्य में बाधा आ सकती है। गर्मी में अधिक तापमान में रहने से शरीर के द्वारा गर्मी को नष्ट करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिसके परिणामस्वरूप शारीरिक प्रतिक्रियाएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में डिहाइड्रेशन की वजह से सूजन और सेलुलर डैमेज हो सकता है। इससे हृदय प्रणाली पर दबाव उत्पन्न होता है।
हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव - Effects On Heart
हीट स्ट्रोक हृदय संबंधी कार्यप्रणाली पर गहरा प्रभाव डालता है, यह पहले से मौजूद स्थितियों को बढ़ा सकता है और नई हृदय संबंधी समस्याएं उजागर कर सकता है। डिहाइड्रेशन की वजह से हाइपोवोलेमिया और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन ब्लड प्रेशर के नियंत्रण को बाधित कर सकता है। इससे मायोकार्डियल इस्किमिया का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, हीट स्ट्रोक शरीर में सूजन के साथ ही एंडोथेलियल डिसफंक्शन और प्लेटलेट सक्रियता को बढ़ावा देती है। इससे हृदय संबंधी समस्या हो सकती है।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन - Electrolytes Imbalance
हीट स्ट्रोक में डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट गड़बड़ी व्यक्तियों की हार्ट बीट को अनियमित कर सकती है। इसमें वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया, वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन और एट्रियल फाइब्रिलेशन शामिल हैं। इस दौरान पोटेशियम की कमी, विशेष रूप से, हृदय की क्षमता और लय को बाधित करती है, कई घातक स्थिति बन सकती है।
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय - Prevention Tips For Heat Stroke
हीट स्ट्रोक से हृदय संबंधी जटिलताओं को कम करने के लिए आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। इसके अलावा, गर्मी से बचने के लिए जितना संभव हो दिन के समय बाहर न जाएं। जब गर्मी ज्यादा हो, तो उस समय छाता या सिर को अवश्य कवर करें। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए जूस का सेवन करें।
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यदि आपको गर्मी या धूप में हृदय से संबंधित लक्षण महसूस हो तो ऐसे में आप तुरंत किसी अस्पताल जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। हीट स्ट्रोक में हार्ट पेशेंट को ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। इस दौरान आप ज्यादा हैवी एक्सरसाइज न करें।