Menopause and Oral Health: मेनोपॉज यानी महिला की जिंदगी में रिप्रोडक्टिव स्टेज का खत्म होना है। हर महिला 45 से 50 वर्ष की उम्र में इस स्टेज में आ जाती है। हालांकि, मेनोपॉज की औसतन आयु 46 वर्ष है। मेनोपॉज से पहले महिलाओं को प्रीमेनोपॉज से गुजरना पड़ता है, जिसमें पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। इसके बाद मेनोपॉज का स्टेज आता है, जिसमें पीरियड्स आने पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। आपको बता दें कि मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसकी वजह से उन्हें कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों से भी गुजरना पड़ता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग्स, अनिद्रा और कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, मेनोपॉज के दिनों में महिलाओं की ओरल हेल्थ भी प्रभावित होती है। मेनोपॉज में महिलाओं को ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से परेशान होना पड़ सकता है। आइए, विश्व मेनोपॉज दिवस (जो हर साल 18 अक्टूबर को मनाया जाता है) के मौके पर मेनोवेदा की मेनोपॉज कोच और फाउंडर तम्मना सिंह से जानते हैं मेनोपॉज में ओरल हेल्थ को ख्याल कैसे रखें-
मेनोपॉज के दौरान ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं क्यों होती हैं?
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को सिर्फ मूड स्विंग्स या हॉट फ्लैशेज से ही नहीं, बल्कि ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। दरअसल, मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का उत्पादन कम होने लगता है। जब एस्ट्रोजन का लेवल कम होता है, जो इससे ओरल हेल्थ पर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि प्रीमेनोपॉज या मेनोपॉज से गुजरने वाली महिलाओं को खराब ओरल हेल्थ परेशान करती है। आपको बता दें कि मेनोपॉज में लार ग्रंथियों पर असर होता है। इससे मुंह के अंदर होने वाली सभी प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं, जो आपको परेशान कर सकती है। शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर बोन स्ट्रक्चर पर भी असर पड़ता है। इसकी वजह से दांतों के ढीले होने की समस्या हो सकती है।
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मेनोपॉज के दौरान ओरल हेल्थ से जुड़ी कौन-सी समस्याएं होती हैं?
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इसकी वजह से मुंह के टिशू और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को पायरिया, दांतों में सड़न और इंफेक्शन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इस दौरान टिशू पतले होने लगते हैं, इससे सेंसिटिविटी बढ़ने लगती है। साथ ही, मुंह की ड्राइनेस भी बढ़ जाती है।
- मसूड़ों का कमजोर होना
- पायरिया
- मुंह में इंफेक्शन
- दांतों में सड़न होना
- मसूड़ों का ढीला पड़ना
- मसूड़ों से खून आना
- पस बनना
- चबाते समय दर्द महसूस होना
- मुंह सूखना
- बर्निंग माउथ सिंड्रोम
मेनोपॉज के दौरान ओरल हाइजीन का ख्याल कैसे रखें?
- आपको दिन में दो बार ब्रश जरूर करना चाहिए।
- दांतों के साथ ही जीभ की सफाई करना भी बहुत जरूरी है।
- ओरल हाइजीन के लिए रोजाना खाना खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।
- अगर डायबिटीज रोगी हैं, तो हाई शुगर वाले फूड्स का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
- सांसों की बदबू से बचने के लिए माउथ वॉश का इस्तेमाल जरूर करें।
- आपको अपनी ओरल हेल्थ का हर 6 महीने में चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
अगर आप भी मेनोपॉज की स्टेज में आ चुकी हैं, तो अपनी ओरल हेल्थ का खास ख्याल जरूर रखें। इस दौरान आपको ओरल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।