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इन 5 स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बदल सकती है आवाज, जरूर दें ध्यान

जन्म से या बड़े होने के बाद कुछ ऐसी समस्याएं हो सकती है, जो आपकी आवाज को प्रभावित कर सकती हैं, जिसके कारण कुछ समय या हमेशा के लिए आवाज जा सकती है।
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इन 5 स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बदल सकती है आवाज, जरूर दें ध्यान


अपने मन की बात किसी को बताने के लिए, किसी को कुछ ऑर्डर देने के लिए या बातचीत के लिए हमारी आवाज का सही होना बेहद जरूरी है। क्या आपने कभी ये सोचा है कि अगर आप एक दिन बोल पाएं तो किन-किन समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। कभी न कभी आपकी आवाज बैठी होगी, जिस कारण आपको अपनी बात दूसरो तक पहुंचाने में कितनी मुश्किल आती होगी। चिखने, चिल्लाने और तेज बोलने जैसे कारणों से हमारे वोकल कॉर्ड्स पर रोजाना दबाव पड़ता है, जो हमारी आवाज पर नकारात्मक तौर पर असर डाल सकता है। ऐसे में आइए नई दिल्ली में स्थिति आकाश हेल्थकेयर के इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. प्रभात रंजन सिन्हा से जानते हैं कि ऐसे कौन-सी स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो आवाज को प्रभावित कर सकती हैं? 

आवाज को प्रभावित करने वाले मेडिकल कंडीशन

जन्मजात बहरेपन (Congenital Deaf-Mutism) 

अक्सर जन्मजात बहरापन जैसी सुनने की कमी से जुड़ा होता है। सुनने की कमी बच्चों को सामान्य स्वर विकसित करने से रोकती है। ऐसे बच्चे तेज आवाजों पर कम या नहीं चौंकते हैं और आवाजों पर ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में नवजात शिशु की सुनने की क्षमता की जांच के लिए ओटोएकॉस्टिक एमिशन (OAE) जैसे टेस्ट करवाए जा सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें: बच्चे को बोलना सिखाते वक्त न करें ये 6 गलतियां, एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में

उच्चारण विकार (Articulation Disorders) 

आर्टिक्यूलेशन डिसऑर्डर, कुछ एक आम स्पीच कंडीशन है, जो कुछ खास आवाजें नहीं निकाल पाते हैं। इसका कोई खास कारण नहीं होता है, लेकिन स्पीच थेरेपी की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। 

जन्म से वोकल कॉर्ड नोड्यूल्स (Congenital Vocal Cord Lesions)

बचपन में अपनी आवाज का अत्यधिक उपयोग करने या अपने वोकल कॉर्ड का गलत तरीके से उपयोग करने से नोड्यूल और पॉलीप्स बनते हैं, जिससे आवाज प्रभावित हो सकती है। इस समस्या को स्पीच थेरेपी या सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है।  

आवाज बॉक्स की सूजन (Laryngitis)

वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन, या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) जैसे कारणों से स्वरयंत्र में सूजन की समस्या हो सकती है। इस समस्या के कारण आवाज बैठना, गले में दर्द और बोलने या निगलने में असुविधा की समस्या हो सकती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए आप अपनी आवाज को आराम दें, एंटी-रिफ्लक्स दवाओं का सेवन और गर्म नमक वाले पानी से गरारे कर सकते हैं। 

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वोकल नोड्यूल्स (Vocal Nodules)

लंबे समय तक अपनी आवाज का अत्याधिक उपयोग करना जैसे ज्यादा बात करना, चिल्लाना या गाना गाने से आपको वोकल नोड्यूल्स की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपकी आवाज बैठना, सांस फूलना, और आवाज में थकान महसूस हो सकती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप वॉयस थेरेपी या सर्जरी करवा सकते हैं। 

मौसमी ग्रसनीशोथ (Seasonal Pharyngitis)

ग्रसनी की सूजन, अक्सर वायरल संक्रमण या पर्यावरणीय एलर्जी के कारण होता है, जिससे आपकी आवाज प्रभावित हो सकती है। इस समस्या के कारण गले में खराश, बोलने और निगलने में मुश्किल आने की परेशानी हो सकती है। इस परेशानी से राहत पाने के लिए आप गर्म नमक पानी से गरारे करना और कभी-कभी बैक्टीरियल होने पर एंटीबायोटिक्स लेकर इसका इलाज कर सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें: किन बच्चों को पड़ती है स्पीच थेरेपी की जरूरत? एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे और घर पर कैसे दें स्पीच थेरेपी

आवाज में बदलाव या आवाज जाने के पीछे ये स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जो कुछ समय के लिए या हमेशा के लिए आपकी आवाज को प्रभावित कर सकती है। इसलिए अपनी आवाज का ध्यान रखें और कोई भी समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें। 

Image Credit: Freepik 

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