बच्चे के सही विकास के लिए उसे कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर, प्रोटीन आदि पोषक तत्वों की जरूरत होती है और अगर ये जरूरी तत्व उसमें नहीं है तो इसका मतलब है कि बच्चा कुपोषण का शिकार है। कुपोषण होने पर बच्चे का शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता। उसके सोचने और समझने की क्षमता भी कमजोर होती है। बच्चे को आगे चलकर कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उसकी इम्यूनिटी भी मजबूत नहीं रहती और ऐसे बच्चे संक्रमण की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए आपको कुछ आसान उपाय अपनाने चाहिए जिनसे आपका बच्चा कुपोषण की समस्या से बच सके। इस लेख में हम कुपोषण के लक्षण, बचाव के उपाय, कारण आदि पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
image source:google
कुपोषण के लक्षण (Symptoms of malnutrition in children)
- अगर बच्चा कुपोषित है तो उसमें चिड़चिड़ापन नजर आ सकता है।
- कुपोषण के कारण बच्चे को सूजन की समस्या हो सकती है।
- कुपोषण के कारण बच्चे को पेट से जुड़े संक्रमण हो सकते हैं।
- दिल के ठीक से काम न करना भी कुपोषण का लक्षण है।
- त्वचा में खुजली या जलन की समस्या हो रही है तो मतलब बच्चा कुपोषित है।
- सांस लेने में समस्या या कमजोरी होना भी कुपोषण का लक्षण है।
इसे भी पढ़ें- बच्चों को बताएं गुड और बैड कार्बोहाइड्रेट्स का अंतर, समझाएं चिप्स और बर्गर खाना क्यों है नुकसानदेह
कुपोषण के कारण (Causes of malnutrition in children)
image source:google
1. कुपोषण का मुख्य कारण है पोषक आहार की कमी, अगर बच्चे को सही सम्र में सही न्यूट्रिशन नहीं मिलेगा तो उसे कुपोषण की समस्या हो सकती है।
2. जिन बच्चों को गैस्ट्रोइंटेस्आइनल इंफेक्शन जैसे डायरिया की समस्या होती है उनमें कुपोषण की समस्या हो सकती है।
3. अगर बच्चे की मानसिक स्थिति टीक नहीं है तो भी बच्चे को कुपोषण की समस्या हो सकती है इसके लिए आप बच्चे की जांच करवाएं।
4. गंदे वातावरण में रहने के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं, अगर बच्चे कारखानों के पास रहें तो भी कुपोषण का जोखिम बढ़ जाता है।
5. अगर आप बच्चे को स्तनपान नहीं करवाएंगे तो भी बच्चे को कुपोषण की समस्या हो सकती है क्योंकि स्तनपान करवाने के फायदे बच्चे के लिए उम्र के अंत तक काम आते हैं।
6. अगर प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण बच्चा समय से पहले जन्म ले लेता है तो उसे कुपोषण की समस्या हो सकती है।
बदलती लाइफस्टाइल के कारण बच्चे हो रहे कुपोषण का शिकार
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुपोषण का कारण बदलती लाइफस्टाइल भी है। समय पर खाना न खाना, देर तक जागना, बाहर का खाना आदि कारणों से कारण शहरों में भी कुपोषण के मामले बढ़ने लगे हैं और इसी के चलते बच्चे कम उम्र में डायबिटीज, थायराइड आदि समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए नियमित दिनचर्चा पर ध्यान देने की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें- बच्चों को नमक या चीनी क्यों नहीं देनी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें 5 कारण
बच्चे को कुपोषण से कैसे बचाएं? (How to prevent malnutrition in children)
इन तरीकों से आप बच्चे को कुपोषण की समस्या से बचा सकते हैं-
- बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता को इस बात पर ध्यान देना है कि बच्चा कितना एक्टिव है।
- आपको इसका भी ध्यान रखना कि बच्चा अच्छी तरह से ब्रेस्टफीड कर पाए।
- अगर किसी कारण से शिशु स्तनपान नहीं करता है या स्तनपान करवाने वाली मां बच्चे को स्तनपान नहीं करवा पाती है तो लैक्टेशन एक्सपर्ट से मिलें।
- जब आप बच्चे को अनाज देना शुरू करें तो आपको ध्यान रखना है कि उसे फैट, विटामिन, मिनरल, फाइबर, प्रोटीन आदि की सही खुराक मिले।
- अगर बच्चा स्तनपान नहीं कर पा रहा है तो आप डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को फॉर्मूला मिल्क दें, इसके लिए डॉक्टर का परामर्श लेना जरूरी है।
अगर बच्चे में किसी बीमारी के लक्षण, कमजोरी के लक्षण या अन्य समस्या नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
main image source:google
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version