
अगर आपको लगता है नमक या चीनी का सेवन अधिक मात्रा में करने से सिर्फ बड़ों को ही नुकसान होता है तो ऐसा नहीं है। इन दोनों का सेवन बच्चों के लिए भी नुकसानदायक है। इसका सेवन करने से उनकी किडनी, दांतों और इम्यूनिटी कम होने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि जब तक बच्चा 6 महीने का नहीं हो जाता तब तक उसे चीनी और नमक देना ही नहीं चाहिए। अक्सर माता-पिता परेशान होते हैं कि यदि बच्चे को नमक नहीं दिया जाएगा तो उन्हें सोडियम कैसे मिलेगा? जबकि उनकी यह जरूरतें मां के दूध से ही पूरी हो जाती हैं। 6 महीने से एक साल की उम्र के बच्चों को दिन में एक ग्राम से अधिक नमक नहीं देना चाहिए। एक से तीन साल की उम्र के बच्चों को दिन में दो ग्राम नमक देना चाहिए। 4 से 6 साल की उम्र के बीच के बच्चों को दिन में 3 ग्राम नमक देना चाहिए। जिसमें 0.4 ग्राम सोडियम हो। छोटे बच्चों को एडेड शुगर डाइट भी नहीं देनी चाहिए। बच्चों के लिए प्राकृतिक चीजों से प्राप्त होने वाली शुगर ही काफी होती है। वैसे भी उन्हें फल व अन्य खाद्यों आदि से प्राकृतिक शुगर मिल जाती है केवल वही उनके लिए पर्याप्त होती है। यहां तक कि उनको शहद या खजूर का सिरप भी 8 महीने तक नहीं देना चाहिए।
बच्चों की डाइट से शुगर और नमक क्यों कम करना जरूरी है
1. ब्रिटल बोन का खतरा
नमक का अधिक सेवन करना बच्चों की हड्डियों के लिए भी हानिकारक होता है। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी देखने को मिल सकती है। अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं होगा तो हड्डियां कमजोर होनी शुरू हो सकती हैं। इससे हड्डियों में फ्रेक्चर भी हो सकता है जो बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए ठीक नहीं होता।
इसे भी पढ़ें : बच्चों में थकान के कारण: इन 7 कारणों से बच्चों को अक्सर रहती है थकान, न करें नजरअंदाज
2. डिहाइड्रेशन का खतरा
जिन बच्चों की डाइट में अधिक सोडियम होता है वह डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं। इससे शरीर का पानी पसीने या पेशाब के रूप में बाहर निकलता रहता है। छोटे बच्चे खुद से बोल कर नहीं बता सकते हैं कि उन्हें प्यास लगी है इसलिए उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसके लक्षणों में किडनी स्टोन, बॉडी पेन, कब्ज और लीवर डैमेज शामिल होता है।
3. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
डाइट में अधिक नमक होने के कारण ब्लड में बीपी लेवल बढ़ जाता है और इससे हाइपर टेंशन की समस्या हो सकती है वह भी काफी छोटी उम्र में। यह समस्या दिल के लिए काफी हानिकारक होती है और बच्चे में हृदय रोगों का रिस्क बढ़ा सकती है।
4. किडनी स्टोन की समस्या
शरीर में अधिक सोडियम के कारण पेशाब में अधिक कैल्शियम निकलता है। यह कैल्शियम किडनी में पथरी उत्पन्न कर सकता है। किडनी स्टोन से बच्चे के शरीर में दर्द, ठंड लगना, बुखार और जी मिचलाने जैसे लक्षण हो सकते हैं। पेशाब में ब्लड भी आ सकता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चों के लिए काजू के लाभ : बच्चों के दांत और हड्डियों को मजबूत बनाता है काजू , जानें इसके खास फायदे
5. किडनी को प्रभावित करता है
अगर बच्चों को अधिक मात्रा में नमक दे दिया जाता है तो उनकी किडनी इस अधिक सोडियम को प्रोसेस नहीं कर पाती और यह शरीर से फिल्टर नहीं हो पाता। यह बच्चों की किडनी को काफी प्रभावित कर सकता है और कम उम्र में ही उनमें किडनी से जुड़ी बीमारियां देखने को मिलने लगती हैं।
अगर आप बच्चों को जरुरत से ज्यादा नमक या चीनी का सेवन करवाएंगे तो उन्हें बहुत सी शारीरिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। बच्चे मां का दूध जल्दी छोड़ देते हैं और उनका सब्जियों या अन्य खाद्यों के लिए स्वाद नहीं बन पाता। जिसमें ओबेसिटी, दांत खराब होना और डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियां शामिल हैं।
all images credit: freepik