बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी डाइट चार्ट बेहद जरूरी है। अगर बच्चे की उम्र के हिसाब से उसे खाना खिलाएंगे तो उसके विकास में मदद मिलेगी, बच्चे का शारिरिक विकास के साथ मानसिक विकास होगा। दो साल के बच्चों की डाइट अच्छी होगी तो भविष्य में उसके खानपान का तरीका सही रहेगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। छोटी मोटी बीमारियों से बच्चा दूर रहेगा। इस आर्टिकल में हम जमशेदपुर के बिष्टुपुर की डायटीशियन डॉ. संचिता गुहा से जानेंगे बच्चों की डाइट में क्या रखें, जिसमें सभी पोषक तत्व उपलब्ध हो।
गलती से भी स्ट्रीट फूड न खिलाएं
एक्सपर्ट बताती हैं कि बच्चे को गलती से भी स्ट्रीट का फूड नहीं खिलाएं। दो साल की उम्र के बच्चे को सॉफ्ट ड्रिंक, जंक फूड, केक, चाउमीन, सोडा, आइस्क्रीम, कैंडी इत्यादि से दूर रखें। अगर बच्चों को एक बार यह चींज खिला देंगे तो बच्चों को इनकी लत पड़ जाएगी और बार-बार खाने की जिद करेंगे। इन सभी चीजों में काफी ज्यादा मात्रा में नमक, शुगर, कैमिकल्स और वसा मिले होते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। कई तरह की बीमारियां भी इससे हो सकती है।
डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करें
एक्सपर्ट बताती हैं कि दो साल की उम्र का बच्चा हर वह चीज खा सकता है, जो आम लोग खाते हैं। इसलिए उसकी डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करना बहुत जरूरी होता है। अगर हम अनहेल्दी खाना बच्चे को खिलाएंगे जो डेली रूटीन में कहीं न कहीं हम सेवन करते हैं तो यह बच्चे को कमजोर बना देती है। बच्चे की डाइट में वसा को शामिल करना चाहिए क्योंकि वसा से बच्चों को एनर्जी मिलती है। बच्चे को चॉकलेट, चिप्स या फास्ट फूड नहीं खिलाएं। इसकी जगह खाने में फल दें। कम से पौष्टिक आहार वाले खाने दिन में तीन से चार बार खिलाएं। अगर मां अपना दूध नहीं पिला रही हैं तो पौष्टिक आहार बहुत ही ज्यादा जरूरी है। दूध के बने पदार्थ का सेवन बच्चों को कराएं। गाय और भैंस का दूध पीने के लिए बच्चे को दें। डाइट में दूध, दही, मटर, हरी सब्जी, अंडा, चावल इत्यादि शामिल करें।
पौष्टिक खाने की आदत लगाएं
सबसे ज्यादा जरूरी होता है, बच्चे को किस तरह खिलाएं। अधिकतर बच्चे खाने से पहले बहुत रोते हैं। भूख लगे होने के बाद भी खाना नहीं चाहते हैं और रोते हैं। ऐसा इसलिए बच्चे करते हैं क्योंकि उन्हें वह खाना है जो आप उन्हें नहीं खिला रहे हैं। खाना अच्छा नहीं लगने पर वो ऐसा करते हैं। ऐसा तब होता है, जब आप बच्चों को स्वादिष्ट भोजन, कैंडी, आइस्क्रीम, जंक फूड की आदत लगा देते हैं। उसके बाद उन्हें दूसरी चीजें खाने में अच्छी नहीं लगती हैं। इसलिए बच्चे खाने से पहले रोते हैं। इसलिए शुरुआत से बच्चों को पौष्टिक आहार की आदत दिलाएं। अगर उन्हें इन खानों की आदत होगी तो वह खाने से पहले नहीं रोएंगे।
बच्चे मना करें तो कैसे खिलाएं
एक्सपर्ट बताती हैं कि बच्चे को कैसे खिलाएं मां को यह जाना बहुत जरूरी है। सबसे पहले बच्चे की डाइट के लिए एक कटोरी रख लें। इसी कटोरी में रोजाना समान मात्रा में आहार दें। बच्चे खाते समय बहुत सारा खाना बर्बाद कर देते हैं। बच्चे को खाना खिलाना सिखाएं। बच्चे को खिलाते समय हमेशा उसके सामने बैठें। अगर सामने नहीं रहेंगे तो वह कोई भी चीज मुंह में डाल सकता है। बच्चे को खिलाते समय उससे बातचीत करें। उसे खेल-खेल में खिलाएं। कभी-कभी लगातार बच्चा खाने के लिए मना करते रहता है तो बच्चे की मासूमियत को देख कर परिजन उसे आहार के बदले चॉकलेट या स्नैक्स दे देते हैं। ऐसा नहीं करें, अगर बच्चा खाने के लिए मना कर रहा है तो थोड़ी देर के लिए वहां से खाने की प्लेट हटा लें, कुछ देर बाद फिर से खाना खिलाएं। तब बच्चा खा लेगा।
एक सप्ताह का डाइट चार्ट
सोमवार की डाइट में इन खाद्य पदार्थ को करें शामिल
- ब्रेकफास्ट - एक ग्लास दूध और उसमें मिला कर रोटी खिलाएं
- लंच - पनीर की सब्जी और चावल खाने को दें
- शाम का स्नैक्स- केला या फल दे सकते हैं
- डिनर- सरसों के साग के साथ रोटी परोसें
मंगलवार की डाइट में ये खाना दें
- ब्रेकफास्ट - अंडा, दलिया, दूध और केला दे सकते हैं
- लंच - रायता, हरी सब्जी, राजमा, चावल दें
- शाम का स्नैक्स- अनानास और अंगूर दें (ध्यान दें कि फलों को रोजाना बदलें)
- डिनर- रोटी और मटर की सब्जी परोसें
बुधवार की डाइट में इन खाद्य पदार्थ को करें शामिल
- ब्रेकफास्ट - चटनी और उपमा परोसें
- लंच - लौकी की सब्जी, पनीर की सब्जी और पुलाव दे सकते हैं
- शाम का स्नैक्स - मोसंबी का जूस
- डिनर - मख्खन के साथ सब्जी मिलाकर बनी खिचड़ी या मछली ( मछली खुद से बच्चे को खिलाएं क्योंकि इसमें कांटा होता है)
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गुरुवार की डाइट में इसे दें
- ब्रेकफास्ट - एक गिलास छाछ और डोसा
- लंच - छोले की सब्जी , जीरा राइस
- शाम का स्नैक्स - केला
- डिनर - कोई भी हरी सब्जी और रोटी (भारतीय पारंपरिक व्यंजनों को ही दें, न कि फास्ट फूड आदि)
शुक्रवार की डाइट में ये दे सकते हैं
- ब्रेकफास्ट - मूंग दाल, भिंडी की सब्जी और रोटी, एक गिलास दूध पीने को दें
- लंच - उड़द की दाल, चावल, दही, आलू की भुजिया खाने को दें
- शाम का स्नैक्स- संतरा, अंगूर जैसे फल
- डिनर - सत्तू का पराठा और दही
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शनिवार की डाइट में ये परोसें
- >ब्रेकफास्ट - गाजर, बीन्स, उपमा
- लंच - आलू की सब्जी और रोटी
- शाम का स्नैक्स- नासपाती या कोई अन्य फल
- डिनर- चावल, मशरूम या मटर की सब्जी परोसें
रविवार के खाने में ये कर सकते हैं सर्व
- ब्रेकफास्ट - एक गिलास दूध, घी या मक्खन लगा पराठा
- लंच - रोटी, बीन्स की सब्जी, चने की सब्जी
- शाम का स्नैक्स-सेब या कोई अन्य फल
- डिनर - शिमला मिर्च या सोयाबीन की सब्जी और चावल
आप चाहें तो एक्सपर्ट की ले सकती हैं सलाह
आर्टिकल में दी जानकारी लोगों की जागरूकता के लिए है। अगर आप अपने बच्चे के लिए डाइट प्लान करना चाहती हैं या बच्चों को क्या-क्या खिलाना चाहिए या क्या नहीं खिलाना चाहिए यह जानना चाहती हैं तो एक बार डायटिशियन से संपर्क करें। वहीं बच्चों को शुरुआत से ही खाने में सब्जियों को खिलाएं, ऐसे में कम उम्र से ही उनको हरी सब्जियों का सेवन करने की आदत पड़ेगी।
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