डिप्रेशन और एंग्‍जाइटी से निपटने में मददगार है मैजिक मशरूम, वैज्ञानिकों ने जगाई उम्‍मीद

मैजिक मशरूम, एक प्रकार का मशरूम है, जो डिप्रेशन के इलाज में प्रभावी पाया गया। क्योंकि इसमें एक विशेष यौगिक है, जो डिप्रेशन के लक्षणों को दूर करता है।
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डिप्रेशन और एंग्‍जाइटी से निपटने में मददगार है मैजिक मशरूम, वैज्ञानिकों ने जगाई उम्‍मीद


डिप्रेशन या तनाव, ये एक मुख्‍य मानसिक विकार हैं। दुनिया भर में 260 मिलियन से अधिक लोग इस स्वास्थ्य समस्‍या से जूझ रहे हैं। इसलिए, वैज्ञानिक सक्रिय रूप से डिप्रेशन से निपटने के सर्वोत्तम और नए तरीके खोज रहे हैं। वैज्ञानिकों की ऐसी एक नई खोज है 'मैजिक मशरूम', जो कि मशरूम की एक विशेष किस्म है। ये मैजिक मशरूम डिप्रेशन और एंग्‍जाइटी के लक्षणों को कम व दूर करने में प्रभावी पाए गए हैं।

क्‍या कहती है रिसर्च?

इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री, साइकोलॉजी एंड न्यूरोसाइंस किंग्स कॉलेज, लंदन, यूके के वैज्ञानिकों ने मशरूम पर एक नैदानिक परीक्षण किया, ताकि जिससे यह पता लगाया जा सके कि मशरूम का यह रूप वास्तव में मानसिक तनाव को कम करने और डिप्रेशन के इलाज में सहायक है। इस मशरूम के भिन्‍न प्रकार पर अपने पहले परीक्षण में वह आश्चर्यचकित रह गए। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मैजिक मशरूम मे मौजद एक सक्रिय यौगिक 'psilocybin' डिप्रेशन से निपटने का प्रभावी उपचार हो सकता है।

Magic Mushroom For Depression

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33-37 की उम्र के लोगों पर किया गया अध्‍ययन 

टीम ने 33-37 आयु वर्ग के 89 स्वस्थ प्रतिभागियों पर यह परीक्षण किया, जिसमें किसी को भी मानसिक बीमारी का या उनकी कोई मेडिकल हिस्‍ट्री नहीं थी। उन्होंने प्रत्येक प्रतिभागियों को 10-25mg psilocybin दिया और पाया कि इस दवा ने उन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखाया। इसने उस व्यक्ति के भावनात्मक और संज्ञानात्मक कार्यों में बाधा नहीं डाली, जो यह दर्शाता है कि मैजिक मशरूम में पाया जाने वाला यह यौगिक डिप्रेशन और अन्य मानसिक विकारों के लिए एक अच्‍छा घटक हो सकता है।

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6 घंटे के इस अध्ययन के दौरान, प्रतिभागियों को आराम करने और आत्मनिरीक्षण करने के लिए कहा गया। इनकह जांच रिसर्च टीम द्वारा की गई। शोधकर्ताओं ने प्रत्येक प्रतिभागी के महत्वपूर्ण संकेतों को यह देखने के लिए दर्ज किया कि क्या उनके मानसिक स्वास्थ्य में कोई बदलाव है। इस जांच में टीम ने प्रतिभागियों में आत्‍महत्‍या के खतरे के लिए भी परीक्षण किया। इस जांच के बाद प्रतिभागियों ने इन छह घंटों में जो भी कुछ अनुभव किया, वह एक डॉक्‍टर से बताने को कहा गया। इन सबके आधार पर शोधकर्ताओं ने परिणाम निकाले और इस कंपाउंड के सभी तीव्र प्रभावों के बाद, प्रतिभागियों को घर जाने की अनुमति दी गई।

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