अकेलापन अक्सर लोगों को तनाव में डालने या फिर डिप्रेशन में डालने का काम करता है। क्या आप भी इस परेशानी से गुजरने पर मजबूर है। ऐसा कई बार तब भी होता है जब इंसान के पास उसकी बाते या फिर उसकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं होता। अगर आप उन लोगों में से हैं जिनके पास ज्यादा दोस्त नहीं हैं ?
आप अपने परिवार और दोस्तों कितना मिलते हैं, ये बात आपकी सेहत को प्रभावित करती है। जी हां, अकेलापन आपको न सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी बीमार बना सकता है। अकेलेपन की समस्या पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है, विशेषतौर पर बुजुर्गों में अकेलेपन की समस्या तेजी से बढ़ती देखी जा सकती है। तो चलिये विस्तार से जाते हैं कि अकेलापन क्या है और ये कैसे हमें नुकासन पहुंचा सकता है?
अमेरिकन मैग्जीन के मुताबिक, दो तरह के अकेलापन होते है। इसमें पहले तरीके का अकेलापन सोशल आईसोलेशन होता है, जिसमें लोग अक्सर इसलिए अकेलेपन से गुजर रहे होते हैं क्योंकि उनकी जिंदगी में दोस्त या फिर परिवार के किसी सदस्य का साथ नहीं होता। यानी कि वो लोग जो दोस्त या फिर परिवार से बिलकुल अलग रहते हैं। दूसरा अकेलापन सबजेक्टिव अकेलापन होता है, जिसमें लोग नजदीक तो होते हैं लेकिन कुछ भी समझ नहीं पाते।
अकेलेपन का असर
ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी और बोस्टन ब्रिघम और वुमन हॉस्पिटल के मुताबिक, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप कौन से वाले अकेलेपन का शिकार है। आप चाहे कोई से भी अकेलेपन का शिकार हो लेकिन आपकी सेहत पर इसका असर जरूर पड़ेगा। जो लोग दोस्त या फिर परिवार से दूर रहते हैं उसके लिए इतना खतरा बढ़ जाता है जितना की एक दिन में करीब 15 सिगरेट पीने पर खतरा होता है। एक दूसरी रिसर्च के मुताबिक, किसी भी तरह के अकेलेपन वाले लोग हो इससे उनकी मौत का खतरा करीब 30 फीसदी तक बढ़ जाता है।
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UCLA में रिसर्च के मुताबिक, अकेलापन से शरीर में सूजन का खतरा बढ़ता है। इसके साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी खराब करने का काम करता है जो कि कीटाणुओं से लड़ने का काम करता है। इन सबके अलावा अकेलेपन में लोग अक्सर तनाव में आकर शराब पीना, सिगरेट का सेवन करना जैसी चीजों को शुरू कर देते हैं जो कि शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है।
क्या है अकेलापन?
अकेलापन अर्थात लोनलीनेस आपकी सोच को इस कदर प्रभावित करता है कि सेहत भी इसके शिकंजे में फंस जाती है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि अपनी इच्छा से अकेले रहना अलग बात है और समूह में रहते हुए भी अकेलापन महसूस करना पूरी तरह से एक अलग बात है। दरअसल जीवन में कई लोगों के होते हुए भी आप अकेलापन तभी महसूस करते हैं, जब आपको लोगों से कनेक्ट करने के लिए कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं मिल पाता।
ऐसे में ज़ाहिर है कि अपनी उलझनों से आप मन-ही-मन गुत्थमगुत्था होते हैं। और फिर अपने भीतर के गुबार को निकाल मन को खाली करने के लिए कोई नहीं मिलता। आगे चलकर इससे आपका शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित होती हैं।
आप इससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह की चीजों को अपना सकते हैं जो आपको अकेलेपन से दूर करने का काम कर सकता है। इससे आप अपने आपको थोड़ा अच्छा महसूस कर सकेंगे।
अकेलेपन का कारण
अकेलापन होने का कोई न कोई कारण तो जरूर होता है और उस कारण को आपसे ज्यादा और कोई नहीं जानता। अगर किसी से बात करके आप बेहतर महसूस करते हैं तो उस व्यक्ति के साथ अपने इस परेशानी को बताएं। इससे आपका मन थोड़ा हल्का होगा जो आपके लिए बेहतर हो सकता है।
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बाहर निकलें
कई बार आप ये सोचकर घर से बाहर नहीं निकलते कि आपके साथ बाहर जाने के लिए कोई साथी नहीं है। बस इसी विचार के कारण आप खुद को घर तक सीमित रखना शुरू कर देते हैं। इसके लिए जरूरी है की आप घर से बाहर निकलें और घूमें।
नई जगहों पर जाएं
अकेले रहते रहते आपके विचारों में नकारात्मकता की अधिकता हो जाती है और आप अपने जीवन में कुछ नए और बेहतर अनुभव नहीं ले पाते हैं। नई-नई जगहों की सैर पर निकल जाइये। अलग-अलग मौसम और माहौल आपको ये सोचने की फुर्सत ही नहीं देंगे कि आप कितने अकेले हैं।
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