मिर्गी के मरीज लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, बीमारी रहेगी कंट्रोल

मिर्गी की समस्या किसी को भी हो सकती है। लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों से आप इस समस्या हो कम कर सकते हैं।    
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मिर्गी के मरीज लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव, बीमारी रहेगी कंट्रोल


कभी पढ़ाई तो कभी नौकरी व्यक्ति को अक्सर किसी न किसी चीज की टेंशन रहती ही है। लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा तनाव की वजह से कई मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें मिर्गी को भी शामिल किया जा सकता है। मिर्गी की समस्या व्यक्ति के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। कुछ लोगों को मिर्गी की गंभीर समस्या होती है, जिसकी वजह से वह बाहर जाने से भी डरते हैं। वैसे तो इस बीमार का इलाज संभव हैं, लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों से भी आप इस समस्या को कम कर सकते हैं। इस लेख में आपको मिर्गी होने पर जीवनशैली में किये जाने वाले कुछ बदलावों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी एक नर्वस सिस्टम से जुड़ा विकार है जो व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसकी वजह से व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं। दौरे पड़ना मिर्गी का एक मुख्य लक्षण हैं। इसमें व्यक्ति को चक्कर आना, किसी चीज का होश न रहना और मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। दौरे पड़ने के बाद व्यक्ति को कुछ याद नहीं रहता है, जिससे उनको भूलने और भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर मिर्गी का इलाज दवाओं और जीवनशैली में कुछ बदलावों से करते हैं।

मिर्गी को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए? Lifestyle Changes For Epilepsy In Hindi

तनाव का कम करें

तनाव की वजह से दौरे पड़ने की संभावना बढ़ सकती है। इसी वजह से व्यक्तियों को तनाव कम करने की सलाह दी जाती है। तनाव कम करके मिर्गी के मरीजों की गंभीर लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। तनाव को कम करने के लिए परिवार व दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। इसके अलावा करीबियों को साथ समस्याओं को शेयर करने से भी मानसिक तनाव कम होता है।

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lifestyle changes for epilepsy

नियमित रूप से एक्सरसाइज करें

मिर्गी के मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज के लिए अवश्य समय निकलना चाहिए। इस स्थिति में आप मॉर्निंग वॉक, रनिंग और योगा कर सकते हैं। इससे आपके मस्तिष्क बेहतर कार्य करता है और शरीर के अन्य कार्य भी बेहतर होते हैं। एक्सरसाइज के साथ ही प्राणायाम कर सकते हैं। इससे शरीर के ऑक्सीजन लेवल में सुधार होता है और आपका ब्लड सर्कुलेशन पहले की अपेक्षा सही तरह से होता है। जिसकी वजह से नसों पर पड़ने वाला दवाब कम होता है।

अच्छी नींद लें

जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं उनको मिर्गी व अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नींद में कमी की वजह से लोगों को छोटी या लंबी अवधि के दौरे पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए मिर्गी के मरीजों को पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी जाती है।

शराब का सेवन कम करें

शराब के सेवन की वजह से भी आपको मिर्गी के लक्षण गंभीर रूप से परेशान कर सकते हैं। शराब के अधिक सेवन से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से दौर पड़ने की संभावना बढ़ती है।

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संतुलित आहार का सेवन करें

संतुलित आहार से आपको पर्याप्त पोषण मिलता है। इससे आपकी इम्यूनिटी पावर बेहतर होती है। इम्यूनिटी पावर बेहतर होने से आपको संक्रमण होने का खतरा कम होता है और आपको दौर पड़ने की संभावना कम होती है।

जिसस व्यक्ति को मिर्गी की समस्या हो उसे किसी न किसी करीबी या पहचान वाले के साथ ही रहना चाहिए। ताकि दौरे पड़ने की स्थिति में वह उसे कहीं सेफ जगह पर ले जा सके, क्योंकि दौर पड़ने पर व्यक्ति को उस समय के बारे में कुछ भी याद नहीं रहता है और कई बार तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है।

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