योग करना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है। हाल ही में UCLA हेल्थ स्टडी द्वारा हुई एक रिसर्च के मुताबिक कुंडलिनी योग करने से बुजुर्ग महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा कम होता है। सीमल इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोसाइंस एंड ह्यूमन बिहेवियर में की गई स्टडी में शोधकर्ताओं ने एक एमआरआई मशीन के जरिए ब्रेन में चल रही गतिविधियों का पता लगाया। ऐसे में उन्होंने पाया कि कुंडिलिनी योग करने वालों में ब्रेन ज्यादा सक्रिय था। इसे करने से ब्रेन की कनेक्टिविटी बढ़ी थी। इसे करने से अल्जाइमर का खतरा कम हो सकता है।
बढ़ सकती है मेमोरी पावर
इस शोध में शामिल psychiatrist Dr. Helen Lavretsky के मुताबिक इस शोध में उन्होंने हिप्पोकैम्पस, जो ब्रेन का अहम हिस्सा है। यह सीखने और समझने में काफी अहम माना जाता है। इसपर अध्यन किया गया, जिसमें यह पाया गया कि योग करने से यह हिस्सा भी सक्रिय होता है। इस शोध में 22 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से 11 की उम्र 61 थी। इन्हें पहले से ही अल्जाइमर का खतरा और कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं थी। यही नहीं इनमें याद्दाश्त कमजोर होने जैसे भी लक्षण शामिल थे।
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कुंडिलिनी योग करने के फायदे
कुंडलिनी योग करना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है। इसे करने से मेमोरी पावर बढ़ने के साथ ही साथ शरीर में उर्जा की कमी नहीं होती है। यह शरीर में रक्त संचार बढ़ाने के साथ ही साथ तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षणों को भी कम करने में काफी मददगार साबित होता है। यह पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज, अपच और पेट साफ नहीं होने जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो भी इस योग को कर सकते हैं। इसे करने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
मेंटल हेल्थ के लिए कैसे है फायदेमंद?
कुंडिलिनी योग मेंटल हेल्थ को अच्छा रखने में काफी फायदेमंद होता है। इसे करने से दिमाग में चल रहे नकारात्मक विचार कम होते हैं। इसे करने से डिप्रेशन, एंग्जाइटी आदि के लक्षण कम होते हैं और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार आता है, जो मेंटल हेल्थ बेहतर होने में मदद मिलती है।