किन कारणों से होता है डिस्फेजिया (Dysphagia)? जानें इसके लक्षण ओर बचाव का तरीका

अगर आप भी अपने भोजन करते हुए निगलने में परेशानी महसूस कर रहे हैं तो ये हो सकता है डिस्फेजिया का खतरा, जानें क्या है कारण, लक्षण और बचाव के तरीके।
  • SHARE
  • FOLLOW
किन कारणों से होता है डिस्फेजिया (Dysphagia)? जानें इसके लक्षण ओर बचाव का तरीका


आपने अक्सर कई लोगों को देखा होगा जो अपने गले से कुछ भी निगलने में कठिनाई महसूस करते हैं, जिसे हर कोई एक आम समस्या समझ बैठता है जिसके कारण ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं। जबकि ये कोई सामान्य या आम समस्या नहीं है बल्कि ये डिस्फेजिया से संबंधित हो सकती है। डिस्फेजिया के कारण कई हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये आपकी तंत्रिका या मांसपेशियों में समस्या के कारण होता है। हालांकि, डिस्फेजिया किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकता है जिसमें बच्चों से लेकर वृद्ध तक शामिल हैं। लेकिन सामने आए मामलों में ये बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा देखे गए हैं। लेकिन आमतौर पर लोगों को डिस्फेजिया के कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं है जिस कारण लोग इसे गंभीरता के साथ नहीं लेते हैं। इसलिए जरूरी है ये जानना कि आप डिस्फेजिया के कारण को समझें, उसके लक्षण की जानकारी लें और इससे जुड़े बचावों को अपनाएं। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि डिस्फेजिया के कारण, लक्षण बचाव के क्या तरीके हैं। 

डिस्फेजिया के कारण क्या है (Causes Of Dysphagia In Hindi)

  • निगलने में परेशानी या डिस्फेजिया होने का कारण रीढ़ और मस्तिष्क में समस्या के कारण होता है, जिसे मायोट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस कहा जाता है। जिसके कारण आपको धीरे-धीरे ये असर अपने निगलने की प्रक्रिया में दिखने लगता है। 
  • डिस्फेजिया का कारण आपके पेट से भी हो सकता है जिसमें पेट के निचले हिस्से में मांसपेशियों को राहत नहीं मिल पाती और वो आपके भोजन को लेने में नुकसान झेल रही होती है, जिसे अचलसिया कहा जाता है। 
  • स्ट्रोक की समस्या आजकल तेजी से बढ़ती जा रही है जिसके कारण कई लोगों की अचानक मौत भी हो जाती है। ऐसे ही निगलने की समस्या का कारण स्ट्रोक भी होता है जो आपको कुछ भी खाने में परेशानी हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप स्ट्रोक का शिकार होते हैं तो आपके मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है, जिसके कारण रक्त का प्रवाह कम होने लगता है। इस स्थिति में जब आपकी मस्तिष्क की कोशिकाएं जो निगलने को नियंत्रित करती है उन कोशिकाओं को प्रभावित होना पड़ता है जिसके कारण आपको निगलने में परेशानी हो सकती है। 
  • निगलने में परेशानी का सामना उन लोगों को भी करना पड़ता है जो रेडिएशन थेरेपी से गुजरते हैं, इसके बाद आपको कुछ समय तक निगलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि गर्दन और सिर के हिस्से में रेडियोथेरेपी करते हैं उन लोगों को ये खतरा होता है। 

इसे भी पढ़ें: मौसम बदलने और प्रदूषण के कारण आप भी गले की समस्या से परेशान है, तो अपनाए ये टिप्स

डिस्फेजिया के लक्षण (Symptoms Of Dysphagia)

  • भोजन को निगलने में कठिनाई।
  • गले या छाती में कुछ भी अटका हुआ महसूस करना। 
  • खांसी के समय गले में दर्द होना। 
  • मुंह में लार को रोक पाने या नियंत्रित करने में परेशानी होना। 
  • बोलने की क्षमता में रुकावट या गिरावट आना। 
  • बार-बार भोजन को ऊपर आता हुआ अनुभव करना। 

बचाव (Prevention)

1. आराम से खाने की कोशिश करें

निगलने में कठिनाई से बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपने खाने की कुछ आदतों में सुधार करें, आपको हमेशा खाने के दौरान कोशिश करना चाहिए कि आप आराम से खाएं। बहुत ज्यादा जल्दी-जल्दी खाने के कारण आपके गले में जाने में आपको परेशानी होती है जिसके कारण आपको दर्द भी हो सकता है। आप अपने भोजन को आराम से और अच्छी तरह से चबाकर खाने की कोशिश करें, इससे आप छोटे-छोटे टुकड़ों में भोजन को निगल सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें: क्या आपका भी सूखता है गला? एक्सपर्ट से जानें, लक्षण, कारण और बचाव

2. सोने से पहले भोजन न करें

अक्सर लोगों की आदत होती है कि सोने के समय जल्दी-जल्दी खाना खाकर लेटने की कोशिश कर सकते हैं। जिसके कारण उनका भोजन सही तरीके से पचता नहीं है और ये वापस आपके गले या सीने में महसूस हो सकता है। इससे आपको जलन, दर्द और एसिडिटी भी हो सकती है। इतना ही नहीं, इसके कारण आप निगलने में परेशानी भी महसूस कर सकते हैं। इसलिए आप कोशिश करें सोने से पहले या सोते समय कुछ भी खाने से परहेज करें और कुछ देर पहले भोजन कर उसे अच्छी तरह से पचा लें। 

3. गले की एक्सरसाइज करें

कई बार गले की मांसपेशियों में रुकावट और अकड़न होने लगती है जिसके कारण आपको गले में दर्द और निगलने में परेशानी हो सकती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप बीच-बीच में गले की एक्सरसाइज जरूर करें। इससे आपको काफी हद तक राहत मिल सकती है। 

 

Read More Article On Other News In Hindi

Read Next

थकान (Fatigue) क्या है? एक्सपर्ट से जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव

Disclaimer