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बुजुर्गों को निगलने में कठिनाई के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें

उम्र बढ़ने के साथ ही कुछ लोगों को आहार निगलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस लेख में जानते हैं कि बुजुर्गों में आहार को निगलने में परेशानी के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
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बुजुर्गों को निगलने में कठिनाई के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें


समय के साथ मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। यही वजह है कि बुजुर्ग ज्यादातर काम धीमी गति से करते हैं। उनके चलने, बोलने यहां तक की किसी को समझने में भी ज्यादा समय लगता है। इसके अलावा, कई बुजुर्ग व्यक्ति भोजन सही तरह से नहीं कर पाते हैं। भोजन करते समय उनको आहार को निगलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। मेडिकल साइंस में इस समस्या को डिस्फैगिया कहा जाता है। यह समस्या ज्यादातर मामलों में नजरअंदाज कर दी जाती है। समय के साथ शरीर के अंगों कार्यक्षमता में कमी आती है, इसमें गले और आहार नली भी प्रभावित होती है। यह स्थिति न केवल पौष्टिकता की कमी का कारण बनती है, बल्कि फेफड़ों में संक्रमण और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। इस लेख में अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट जनरल मेडिसिन डॉ. भरत अग्रवाल से जानते हैं कि वृद्ध व्यक्तियों में डिस्फैगिया के प्रमुख कारणों, उनके प्रभाव और संभावित समाधान पर चर्चा करेंगे।

बुजुर्गों में डिस्फैगिया के प्रमुख कारण - Dysphagia Causes In Older People In Hindi 

डिस्फैगिया एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ठोस या तरल पदार्थ निगलने में कठिनाई होती है। यह समस्या अस्थायी भी हो सकती है और दीर्घकालिक भी। वृद्धों में यह स्थिति कई बार धीरे-धीरे बढ़ती है और समय पर पहचान न होने के कारण गंभीर हो सकती है।

मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle Weakness)

उम्र बढ़ने के साथ शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, जिसमें गले और भोजन नली की मांसपेशियां भी शामिल हैं। इससे निगलने की प्रक्रिया धीमी और कठिन हो जाती है।

न्यूरोलॉजिकल रोग (Neurological Disorders)

स्ट्रोक, पार्किंसन रोग, अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारियां मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती हैं, जिससे निगलने की प्रक्रिया बाधित होती है।

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एसोफेगल डिसफंक्शन (Esophageal Dysfunction)

वृद्ध व्यक्तियों में अन्नप्रणाली (esophagus) की गतिशीलता कम हो जाती है, जिससे भोजन को पेट तक ले जाना कठिन हो जाता है। इस कारण भोजन गले में फंस सकता है या बार-बार उल्टी हो सकती है।

दंत समस्याएं (Dental Issues)

दांतों की कमी या नकली दांतों का सही फिट न होना, चबाने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे निगलने में दिक्कत आती है।

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD)

यह एक सामान्य पाचन समस्या है जिसमें पेट का अम्ल अन्नप्रणाली में आ जाता है, जिससे जलन, सूजन और निगलने में तकलीफ होती है। वृद्धों में यह समस्या अधिक आम है।

डिस्फैगिया को कैसे मैनेज या इलाज किया जा सकता है? - How To Manage Dysphagia In Older People In Hindi 

  • डिस्फैगिया का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। 
  • विशेष रूप से प्रशिक्षित फिजियोथेरेपी, स्पीच और लैंग्वेज थेरेपिस्ट निगलने की प्रक्रिया सुधारने में मदद कर सकते हैं।
  • भोजन को नरम बनाना, तरल को गाढ़ा करना, और छोटे-छोटे टुकड़ों में खाना खाने की सलाह दी जाती है।
  • गले या अन्नप्रणाली की संरचनात्मक समस्याओं या कैंसर के मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है।
  • गंभीर मामलों में जब व्यक्ति सामान्य रूप से भोजन नहीं कर पाता, तो पेट में ट्यूब डालकर पोषण पहुंचाया जाता है।

इसे भी पढ़ें: निगलने में परेशानी (डिस्फेजिया) होने पर क्या खाना चाहिए? जानें डॉक्टर से

Dysphagia In Older People In Hindi: डिस्फैगिया वृद्धों में एक गंभीर लेकिन मैनेज की जाने वाली स्थिति है। इसकी पहचान समय पर हो जाए तो इलाज संभव है और व्यक्ति का जीवन स्तर सुधर सकता है। परिवार के सदस्यों और देखभाल करने वालों को इसके लक्षणों को समझना और उपयुक्त चिकित्सा सहायता लेना बेहद आवश्यक है। इसकी सही  समय पर पहचान और समय पर उपचार से वृद्धों को इस तकलीफ से राहत दिलाई जा सकती है।

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