मां-बाप अक्सर यही सोचते हैं कि बच्चा जितना ज्यादा खाएगा उतना स्वस्थ रहेगा। यही कारण है कि बच्चों को खाना खिलाने के लिए कुछ पेरेंट्स मारने-डांटने से भी बाज नहीं आते हैं। मगर क्या बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाना सही है? क्या बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने से वे स्वस्थ रहते हैं या फिर जबरदस्ती खाना खिलाने के कुछ नुकसान भी हैं? बच्चों को कितना खाना खिलाना चाहिए? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब आज आपको इस लेख में मिलेंगे। दरअसल हर उम्र में हमारे शरीर के लिए पोषक तत्वों की जरूरत निश्चित होती है। इसलिए बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से खाना खिलाना चाहिए। आइए आपको बताते हैं किस उम्र में कितना खाना खिलाना है सही और क्या हैं जबरदस्ती खाना खिलाने के नुकसान।
बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने के नुकसान
न्यूट्रीशन कंसंल्टैंट नीलांजना सिंह बताती हैं कि बच्चों को बड़ों के बराबर खाना खिलाने की जिद सही नहीं है। बहुत सारे मां-बाप बच्चों को स्कूल टिफिन में बड़ों के बराबर खाना दे देते हैं, जो कि गलत है। बच्चों का शरीर छोटा होता है और उनके शरीर की जरूरत भी कम होती है। बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने से उनके शरीर का मैकेनिज्म गड़बड़ हो जाता है। इसके कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
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आमतौर पर बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने के ये परिणाम हो सकते हैं-
- बचपन में ही बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है।
- ज्यादा खाना खिलाने से बच्चे का मेटाबॉलिज्म कमजोर हो सकता है।
- ज्यादा खाना खाने वाले बच्चे हमेशा थके हुए रहते हैं और उनमें आलस ज्यादा होता है।
- बच्चों को पेट की समस्याएं जैसे- दिन में कई बार शौच के लिए जाना, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- बच्चे के शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और कई बार ऐसे बच्चे मोटे होने के बजाय उल्टा पतले होने लगते हैं और शरीर सूखने लगता है।
- बच्चों के लिवर और किडनी पर जोर पड़ता है, जिससे वो कम उम्र में ही लिवर कमजोर होने के शिकार हो सकते हैं।
बच्चों को खाना खिलाते समय ध्यान रखें ये बातें
अगर आपका बच्चा दिन में 1-2 रोटियां ही खाता है, तो इसे लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल आपको ज्यादा खिलाने के बजाय हमेशा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चों को कम खाना देकर भी आप ज्यादा हेल्दी चीजें कैसे खिला सकते हैं। आपको यहां एक कॉन्सेप्ट सही से समझ लेना चाहिए। सभी जीव खाना इसलिए खाते हैं, ताकि उनके शरीर को काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा (कैलोरीज) मिल सकें और विकास के लिए या बॉडी फंक्शन के सुचारू रूप से काम करने के लिए पोषक तत्व मिल सकें।
इसलिए आपको बच्चों को खाना खिलाते समय और खुद भी खाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शरीर की जरूरत के हिसाब से खाना खाएं और खिलाएं, जिससे कैलोरीज भी ज्यादा न हों और सभी पोषक तत्वों की जरूरत भी पूरी हो जाए।
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बच्चों को किस उम्र में कितना खाना खिलाना चाहिए?
नीलांजना सिंह बताती हैं कि बच्चों को आमतौर पर बड़ों की डाइट का एक-चौथाई हिस्सा खाना खिलाना ही पर्याप्त होता है। यानी 1-3 साल के बच्चे के लिए दिन में 1 से 2 रोटी पर्याप्त है। इसके अलावा 3 साल से 6 साल की उम्र के बच्चे अगर एक पूरे दिन में 2-3 रोटी भी खा लेते हैं, तो उनके लिए पर्याप्त है। 5-6 साल से बड़े बच्चों को पूरे दिन में 3-4 रोटी पर्याप्त होती है।
बच्चों को खाना खिलाने में इन बातों का भी रखें ध्यान
- बच्चों को रोटियों से ज्यादा रंगीन सब्जियां, हरी सब्जियां और कच्चा सलाद खिलाएं।
- अरहर, मूंग, मसूर, उड़द और चने की दाल प्रोटीन से भरपूर होती हैं, इसलिए बच्चों को दाल खिलाएं और बहुत छोटे बच्चों को दाल का पानी पिलाएं।
- 3 साल से छोटे बच्चों को चाय-कॉफी आदि बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए।
- बच्चों को कच्चे साबुत फल खिलाएं, जैसे- सेब, अनार, तरबूज, खरबूजा, आम, संतरा, अंगूर, पपीता आदि।
- इसके अलावा बच्चों को आप नट्स भी दे सकते हैं।
- अगर आप नॉनवेजिटेरियन डाइट फॉलो करते हैं, तो बच्चों के लिए अंडा और चिकन खिलाना भी सेहतमंद है।
- रात के समय बच्चों को 1 ग्लास दूध जरूर पिलाएं, ताकि उनके शरीर की कैल्शियम की जरूरत पूरी हो सके।
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