क्या है बच्चों में मोटापा बढ़ने की बड़ी वजह, जानें एक्सपर्ट की राय

छोटे बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बचपन में ये छोटे बच्चे गोल-मटोल होते हैं, तो अच्छे लगते हैं। मगर चिकित्सकों का मानना है कि बचपन में ही मोटापे के शिकार बच्चों को आगे चलकर डायबिटीज, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और हड्डियों की कमजोरी जैसे तमाम रोगों का सामना करना पड़ता है। हेल्दी खाने को अपनी डाइट में शामिल न करना और भूख लगने पर तला-भुना खाने की वजह से लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या है बच्चों में मोटापा बढ़ने की बड़ी वजह, जानें एक्सपर्ट की राय


छोटे बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बचपन में ये छोटे बच्चे गोल-मटोल होते हैं, तो अच्छे लगते हैं। मगर चिकित्सकों का मानना है कि बचपन में ही मोटापे के शिकार बच्चों को आगे चलकर डायबिटीज, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और हड्डियों की कमजोरी जैसे तमाम रोगों का सामना करना पड़ता है। हेल्दी खाने को अपनी डाइट में शामिल न करना और भूख लगने पर तला-भुना खाने की वजह से लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। आइए आपको बताते हैं बच्चों में मोटापा बढ़ने की क्या है वजह और क्यों खतरनाक है बचपन से मोटापा।

बचपन में मोटापा क्यों खतरनाक है?

आम तौर पर जब कद बढ़ना रुक जाता है, तो ज्यादातर अंगों का विकास भी थम जाता है। दिल, गुर्दे या जिगर इसके बाद नहीं बढ़ते। कुछ हद तक मांसपेशियां ही बनती हैं। इसके बाद वजन बढ़ने की वजह केवल चर्बी जमा होना ही होता है। इसलिए युवावस्था शुरू होने के बाद वजन चर्बी की वजह से बढ़ता है। ऐसे में अगर बच्चे बचपन से ही मोटापे का शिकार हो जाते हैं, तो उनकी लंबाई भी छोटी रह जाती है और उनके अंग भी अच्छी तरह विकसित नहीं होते हैं, जिससे वो हमेशा शारीरिक रूप से कमजोर रह सकते हैं।

इसे भी पढ़ें:- शिशु में जन्म से है दिल की बीमारी, तो दिखते हैं ये 5 संकेत

क्या है बच्चों में मोटापे की असल वजह?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार पेट का मोटापा मांसाहारी आहारों से नहीं, बल्कि रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स खाने से होता है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स में सफेद चावल, मैदा और चीनी शामिल होते हैं। ब्राउन शुगर सफेद चीनी से बेहतर होता है। ट्रांस फैट या वनस्पति (तेल और घी) सेहत के लिए बुरे हैं। यह बुरे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

बच्चों के लिए कितना खतरनाक है मोटापा?

बच्चों में मोटापा आगे चल कर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बनता है। 70 प्रतिशत मोटापे के शिकार युवाओं को दिल के रोगों का एक खतरा होता ही है। बच्चे और किशोर जिनमें मोटापा है, उन्हें जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं, स्लीप एप्निया और आत्म-विश्वास में कमी जैसी मानसिक समस्याएं होने का ज्यादा खतरा होता है।

इसे भी पढ़ें:- काम या पढ़ाई के करते हुए थक जाती हैं आंखें, तो इन 5 तरीकों से पाएं तुरंत आराम

कैसे रोकें बच्चों में मोटापा?

सप्ताह में एक दिन कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन न करें। कड़वे और मीठे फल मिलाकर खाएं जैसे आलू, मटर की जगह आलू मेथी बनाएं। सैर करें। करेले, मेथी, पालक, भिंडी जैसी हरी कड़वी चीजें खाएं। वनस्पति, घी न खाएं। एक दिन में 80 एमएल से ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक न पिएं। 30 प्रतिशत से ज्यादा चीनी वाली मिठाइयां न खाएं। सफेद चावल, मैदा और चीनी से परहेज करें।

बच्चों ही नहीं बड़ों के लिए भी खतरनाक मोटापा

पेट का घेरा अगर पुरुषों में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा और महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से ज्यादा हो, तो भविष्य में होने वाले दिल के दौरे की संभावना का संकेत होता है। पुरुषों में 20 साल और महिलाओं में 18 साल के बाद किसी का वजन पांच किलो से ज्यादा नहीं बढ़ना चाहिए। 50 साल की उम्र के बाद वजन कम होना चाहिए ना कि बढ़ना चाहिए। उम्र और लिंग के अनुपात में बच्चों का बीएमआई अगर 95 प्रतिशत से ज्यादा हो तो उसे मोटापा माना जाता है। पेट के गिर्द एक इंच अतिरिक्त चर्बी दिल के रोगों की आशंका डेढ़ गुना बढ़ा देती है।

इनपुट्स- आईएएनएस

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Children Health In Hindi

Read Next

छोटे बच्चों को पाचन खराब होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे करें बचाव

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version