प्रेगनेंसी का समय महिलाओं के लिए बेहद खास होता है लेकिन इस समय स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी रहती हैं। प्रेगनेंसी में कुछ समस्याएं सामान्य होती हैं लेकिन कुछ समस्याओं के लिए डॉक्टर के सलाह की जरूरत पड़ती है। ऐसी ही एक स्थिति है यूरीन में कीटोन्स का होना। जब शरीर एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट्स के बजाय फैट और प्रोटीन का इस्तेमाल करने लगता है, तो शरीर में एक केमिकल का निर्माण होता है, जिसे कीटोन कहते हैं। शरीर इसे टॉक्सिन की तरह मानता है और ये यूरिन के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है। यूरीन में मौजूद कीटोन्स की उपस्थिति को कीटोनुरिया कहा जाता है।
गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन से शरीर के इंसुलिन लेवल में बदलाव होता है, जिससे ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म प्रभावित हो सकता है। ये सभी बदलाव, सेल्स को एनर्जी बनाने के लिए ब्लड शुगर में मौजूद ग्लूकोज का इस्तेमाल करने से रोकते हैं और शरीर एनर्जी के लिए शरीर में जमा फैट को इस्तेमाल करने लगता है। इससे कीटोन का उत्पादन होता है। यह उपवास रखने, किसी समय का खाना छोड़ने या खाने में पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान ये स्थिति आपको और आपके शिशु को प्रभावित कर सकती है।
प्रेगनेंसी में यूरिन में कीटोन्स बढ़ने के कारण
यूरिन में कीटोन विकसित होने के कई कारण हो सकते हैं आइए जानते हैं कुछ मुख्य कारण-
- डिहाइड्रेशन
- ज्यादा देर तक भूखा रहना
- दिन या रात का खाना छोड़ देना
- कम मात्रा में फैट, कार्बोहाइड्रेटस और ग्लूकोज़ का सेवन करना
- प्रेगनेंसी में उपवास करना
- सिकनेस और डायरिया
- कोई इंफेक्शन या गंभीर बीमारी होना
- बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करना
- जेस्टेशनल डायबिटीज
घर पर यूरीन में कीटोन्स की जांच कैसे करें
यूरीन में कीटोन्स की जांच करने के लिए आप फार्मेसी में उपलब्ध डिपस्टिक टेस्ट का उपयोग कर सकती हैं। आप इस किट के उपयोग से घर पर ही टेस्ट कर सकती हैं। इसके सही रिजल्ट के लिए दिन के पहले यूरीन पर इसका प्रयोग करें।
- सबसे पहले एक कंटेनर में यूरिन सैंपल लें और स्ट्रिप को सैंपल में डूबा दें।
- इसे निकाल कर कुछ मिनट के लिए रख दें।
- स्ट्रिप का रंग बदलने पर इसकी तुलना किट के पैक पर बताए गए रंग चार्ट से करें।
- यदि यूरीन में कीटोन्स की मात्रा मध्यम या ज्यादा है, तो अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

यूरिन में कीटोन्स के लक्षण और टेस्ट
अगर आप कुछ ऐसे लक्षण नोटिस करें तो डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं-
- थकान
- योनि और मूत्राशय में इन्फेक्शन का बार बार होना
- हाई ब्लड शुगर लेवल
- बार-बार प्यास लगना
यूरिन में कीटोन्स चेक करने के लिए लैब टेस्ट में डिपस्टिक टेस्ट और ब्लड टेस्ट होते हैं। ब्लड टेस्ट करने के बाद यदि आपको डायबिटीज है, तो डॉक्टर आपके ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देते हैं।
गर्भावस्था के दौरान यूरीन में कीटोन्स के विकसित होने से आपके और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है। इसे रोकने के लिए कार्बोहाइड्रेट वाला आहार लें, भोजन को स्किप ना करें और जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए एक्सरसाइज करें।