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इडली से कैंसर का खतरा? कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने चेताया, पकाने के लिए हो रहा प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल

Karnataka bans use of cancer-causing polythene sheets for steaming idlis: खाद्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के कई होटल में इडली बनाने के लिए सूती कपड़े की जगह प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा रहा था।
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इडली से कैंसर का खतरा? कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने चेताया, पकाने के लिए हो रहा प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल


Karnataka bans use of cancer-causing polythene sheets for steaming idlis: अगर आप इडली खाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए। कर्नाटक के कई रेस्त्रां और होटल में बनने वाली इडली में कैंसरकारी तत्व पाए हैं। कर्नाटक के फूड सेफ्टी विभाग की जांच में बेंगलुरू के विभिन्न होटल से लिए गए इडली के सैंपल में कैंसर बनने वाले तत्व पाए जाते हैं। खाद्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के कई होटल में इडली बनाने के लिए सूती कपड़े की जगह प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके साथ ही कई होटल इडली बनाने में सिंथेटिक रंगों का भी इस्तेमाल कर रहे थे। इस मामले में राज्यभर में 54 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

कर्नाटक में इडली में कैंसरकारी तत्व पाए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "खाद्य सुरक्षा विभाग ने पूरे कर्नाटक में 251 स्थानों से इडली के नमूने एकत्र किए। पहले इडली पकाने के लिए कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन हमें जानकारी मिली कि होटलों ने हाल ही में प्लास्टिक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। हमने इसकी जांच की। होटल कारोबारियों को ऐसा कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि प्लास्टिक कार्सिनोजेनिक है, जिसका अर्थ है कि यह कैंसर का कारण बन सकता है। पॉलिथीन शीट का इस्तेमाल करने से कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के इडली में पहुंचने का खतरा है।"

सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, बल्कि देश के होटल और घरों में भी प्लास्टिक के बर्तन और शीट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। प्लास्टिक सेहत के लिए इतना खतरनाक होता है कि धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर रहा है। विशेषज्ञ का कहना है कि खाद्य पदार्थ को स्टोर करने और पकाने में नियमित रूप प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाए, तो यह लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

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प्लास्टिक कैंसर का कारण कैसे बनता है- How does Plastic Cause Cancer in Hindi

सोनीपथ स्थित एंड्रोमेडा हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रमन नारंग के अनुसार, प्लास्टिक कंटेनर, रैप और बर्तनों में बिस्फेनॉल ए (बीपीए), फथलेट्स और डाइऑक्सिन जैसे कई प्रकार के केमिकल्स होते हैं। जब हम खाने के लिए इन प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल करते हैं, तो केमिकल्स खाने में घुल जाते हैं। इन पदार्थों को एंडोक्राइन डिसरप्टर के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि वे हार्मोन फंक्शन में परेशानी का कारण बन सकते हैं। प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने से शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन प्रभावित होता है, जिसकी वजह से स्तन और प्रोस्टेट कैंसरका जोखिम बढ़ता है।

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खाद्य पदार्थों के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करने के नुकसान- Risk Factors of Using Plastic in Food Preparation

1. प्लास्टिक में माइक्रोवेव करना

डॉ. रमन नारंग का कहना है कि माइक्रोवेव के अंदर खाना गर्म करने के लिए प्लास्टिक के कंटेनरों का इस्तेमाल करने से केमिकल्स खाने में मिल जाते हैं। खासकर घी, तेल और हाई फैट का इस्तेमाल करके पकाए गए खाने को प्लास्टिक कंटेनर में माइक्रोवेव में गर्म किया जाए, तो इसके केमिकल्स आसानी से घुल जाते हैं और कैंसर समेत कई अन्य जानलेवा बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं।

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2. प्लास्टिक में गर्म खाना स्टोर करना

प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म खाना स्टोर करने से बिस्फेनॉल-ए (BPA) और फ्थेलेट्स की मात्रा खाने में घुल सकती है। इसकी वजह से हार्मोन असंतुलन पैदा हो सकते हैं, जिससे शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि हो सकती है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

3. पॉलीविनाइल क्लोराइड युक्त होने से

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो, कुछ प्लास्टिक रैप में PVC (पॉलीविनाइल क्लोराइड) होता है, जो उच्च तापमान के संपर्क में आने पर डाइऑक्सिन छोड़ सकता है, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।

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प्लास्टिक के कैंसरजनक प्रभाव से बचाव के उपाय- Prevention Tips of carcinogenic effects of plastic

- गर्म खाद्य पदार्थों को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक की बजाय कांच, स्टेनलेस स्टील या सिरेमिक कंटेनर का उपयोग करें।

- प्लास्टिक के कंटेनर में भोजन को माइक्रोवेव करने से बचें, भले ही उन पर "माइक्रोवेव-सेफ" का लेबल लगा हो।

- प्लास्टिक की पानी की बोतलों का उपयोग सीमित करें। घर और ऑफिस में पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बजाय स्टील और कांच की बोतल का इस्तेमाल करें।

- प्लास्टिक से संबंधित विषाक्त पदार्थों के संपर्क को कम करने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर, पैकेट में पैक किए गए प्रोसेस्ड फूड की बजाय ताजा खाना खाएं।

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निष्कर्ष

रोजमर्रा की लाइफस्टाइल में प्लास्टिक की बोतल, कंटेनर और डिब्बों का इस्तेमाल करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए हमें अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना चाहिए और सुरक्षित विकल्प अपनाने चाहिए। आपके और हमारे द्वारा उठाया गया एक छोटा सा कदम कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने में मददगार हो सकता है।

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