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जिमीकंद की तासीर कैसी होती और किन लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें

सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि हम ऐसी चीजों को डाइट में शामिल करें जिनसे शरीर को पोषण मिले। जैसे कि जिमीकंद एक ऐसी सब्जी है जो बाहर से देखने में भली ही अजीब सी लगे लेकिन इसके फायदे अनेक होते हैं।
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जिमीकंद की तासीर कैसी होती और किन लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए?  आयुर्वेदाचार्य से जानें


सेहतमंद जीवन जीने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने खानपान में ऐसी चीजों को शामिल करें जो न सिर्फ स्वादिष्ट हों, बल्कि शरीर को पोषण भी दें। जिमीकंद (जिसे सूरन भी कहा जाता है) ऐसी ही एक सब्जी है देखने में भले ही यह खुरदुरी और साधारण लगे, लेकिन इसके फायदे असाधारण हैं। जिमीकंद में फाइबर, आयरन, पोटेशियम और विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। हालांकि इसके कई फायदे हैं, लेकिन इसके सेवन से जुड़ी कुछ सावधानियां भी हैं। कई लोगों को इसके कारण त्वचा पर खुजली या एलर्जी हो सकती है, खासकर जब इसे अधपका या कच्चा खाया जाए। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, जिमीकंद की तासीर, फायदे और सावधानियां क्या हैं।

जिमीकंद के फायदे

जिमीकंद, जिसे हिंदी में सूरन, इंग्लिश में Elephant Foot Yam कहा जाता है, एक कंदमूल सब्जी है जो जमीन के नीचे उगती है। यह दिखने में मोटा, खुरदरा और भूरे रंग का होता है, लेकिन पकने पर इसका स्वाद अच्छा होता है। आयुर्वेद में इसे वात और कफ दोष शांत करने वाला और पाचन को सुधारने वाला बताया गया है। जिमीकंद में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पाचन एंजाइम्स को एक्टिव करते हैं और भोजन को अच्छे से तोड़ने में मदद करते हैं। इससे अपच, पेट फूलना और गैस जैसी समस्याएं कम होती हैं।

1. पाइल्स में जिमीकंद के फायदे

डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, बवासीर की समस्या में जिमीकंद रामबाण की तरह काम करता है। इसमें पाए जाने वाले रेशेदार तत्व मल को नरम करने में मदद करते हैं, जिससे शौच करते समय दर्द और खून बहने की परेशानी कम होती है। यह कंद आंतों को मजबूत करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

  • बवासीर में होने वाली सूजन को कम करता है
  • मल को सॉफ्ट करता है, जिससे खून बहने की समस्या नहीं होती
  • नसों में संकुचन लाकर अंदरुनी पाइल्स में राहत देता है
  • दर्द और जलन से आराम दिलाता है

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Jimikand Benefits

2. कब्ज में राहत के लिए जिमीकंद

कब्ज यानी मल का नियमित रूप से साफ न होना, पेट की कई समस्याओं की जड़ होती है। जिमीकंद में घुलनशील फाइबर की प्रचुरता होती है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। यह आंतों को एक्टिव बनाता है और नियमित मल त्याग में मदद करता है।

  • पाचन को सुधारता है
  • पेट में गैस और भारीपन को दूर करता है
  • आंतों की गति (bowel movement) को बढ़ाता है
  • पुराने कब्ज में भी राहत दिलाता है
  • पेट में भारीपन और अपच में उपयोगी

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जिमीकंद की तासीर क्या होती है?

आयुर्वेद के अनुसार जिमीकंद की तासीर हल्की ऊष्ण और तीक्ष्ण होती है, यानी यह कच्चे रूप में शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है लेकिन पाचन तंत्र को उत्तेजित करने और दोषों को संतुलित करने में सहायक होता है। यह कफ और वात दोष को शांत करता है और पित्त को संतुलित बनाए रखता है। जिमीकंद कसाय, कटु रस युक्त है। सब्जी के रूप में यह ज्यादा ऊष्ण नहीं रहती है।

सावधानियां

  • जिमीकंद की तासीर गरम होती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं।
  • पहली बार सेवन करने वाले लोग इसे पूरी तरह पकाकर ही खाएं, कच्चा या अधपका जिमीकंद खुजली या एलर्जी कर सकता है।
  • जिन लोगों को पित्त की समस्या अधिक हो, वे डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।

निष्कर्ष

बवासीर और कब्ज जैसी समस्याएं जितनी सामान्य हैं, उतनी ही उपेक्षित भी। एलोपैथिक इलाज के बजाय अगर हम आयुर्वेद की ओर रुख करें, तो बिना साइड इफेक्ट के समाधान मिल सकता है। जिमीकंद न केवल एक स्वादिष्ट कंद है, बल्कि यह एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि भी है, जो पाचन से लेकर बवासीर तक में जबरदस्त लाभ देता है। डॉ. श्रेय शर्मा की सलाह के अनुसार, यदि आप पाइल्स, कब्ज या पेट में भारीपन से परेशान हैं, तो जिमीकंद को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें पर सही मात्रा और सही तरीके से।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • जिमीकंद खाने से क्या लाभ होता है? 

    जिमीकंद, जिसे सूरन भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक औषधीय कंद माना गया है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज, गैस तथा बवासीर जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो आंतों की सफाई में मदद करता है। यह शरीर को एनर्जी देता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और वजन कंट्रोल रखने में सहायक होता है। जिमीकंद के नियमित सेवन से पेट से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है।
  • पेट की गर्मी कैसे दूर करें?

    पेट की गर्मी को शांत करने के लिए सबसे पहले ठंडे और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं, जैसे नारियल पानी, सौंफ का पानी, बेल का शरबत, छाछ और खीरा। आयुर्वेद के अनुसार, एलोवेरा जूस, धनिए का पानी और आंवला रस भी पेट की गर्मी को कम करने में मददगार हो सकते हैं। मसालेदार, तले-भुने और बहुत गरम भोजन से परहेज करें। खाली पेट न रहें और समय पर हल्का, सुपाच्य भोजन करें।
  • जिमीकंद का दूसरा नाम क्या है?

    जिमीकंद को भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसका दूसरा प्रमुख नाम सूरन है और इंग्लिश में इसे Elephant Foot Yam कहते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसका आकार हाथी के पांव जैसा होता है। यह एक कंदमूल सब्जी है जो जमीन के नीचे उगती है और स्वाद के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर होती है। 

 

 

 

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