आयुर्वेद में ऐसे कई पौधे और जड़ी बूटियां हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं। हमारे आसपास ऐसे कई औषधीय पौधे होते हैं, जिन्हें जानकारी के अभाव में हम पहचान नहीं पाते हैं। जमालगोटा अधिकांश दक्षिण भारतीय राज्यों में पाया जाता है। इस पेड़ की पहचान आसानी से की जा सकती है। इस पेड़ की उंचाई लगभग 15 फीट होती है। जमालगोटा सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके इस्तेमाल से शरीर में पेट संबंधी समस्याएं और बालों में हो रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यही नहीं इससे आपका खून भी साफ होता है। हालांकि असंतुलित मात्रा में इसका प्रयोग करने से शरीर में कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं। इसे क्रोटन टिग्लियम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लगने वाले फल अक्सर सर्दियों के मौसम में ही देखे जाते हैं। इसी विषय पर विस्तार से जानने के लिए हमने हरियाण के सिरसा जिले के आयुर्वेदचार्य डॉ. श्रेय शर्मा Dr. (Shrey Sharma, Ayurvedacharya, Sirsa) से बातचीत की। चलिए जानते हैं जमालगोटा के फायदे और कुछ नुकसान के बारे में।
1. कब्ज से दिलाए छुटकारा (Get Rid of Constipation)
डॉ. श्रेय शर्मा के मुताबिक जमालगोटा कब्ज में लाभदायक होता है इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन अत्यधिक कब्ज होने पर ही इसे इस्तेमाल करें। कब्ज होने पर कभी-कभी जमालगोटा का सेवन करना काभी लाभकारी भी होता है। लेकिन गलत मात्रा में इसका सेवन करने से यह आपके पेट में पीड़ा का कारण भी बन सकता है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आप जमालगोटा के पाउडर या फिर इससे बनी गोलियों का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आयुर्वेदाचार्य से सलाह लें। डॉ. श्रेय ने बताया कि जमालगोटा बहुत अच्छे से पेट साफ करता है, लेकिन इसके लिए इसका नियमित सेवन करने की सलाह बिलकुल भी नहीं दी जाती है। अत्यधिक सेवन से आपके इंटस्टाइन की बैक्टीरियल फ्लोरा भी प्रभावित हो सकती है। माना जाता है कि कब्ज की समस्या होने पर आप 20 मिलिग्राम पाउडर का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी पाचन प्रक्रिया को भी दुरुस्त रखता है।
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2. आंत साफ करने में फायदेमंद (Cleanses Intestine)
डॉ. श्रेय शर्मा ने बताया कि जमालगोटा आपकी आंत के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आंतों के लिए क्लींजर की तरह काम करता है। यदि इसका सेवन कभी-कभी किया जाए तो यह आपकी आंतों को अंदरुनी तौर पर साफ करने का काम करता है। यही नहीं जमालगोटा आपकी आंत में मौजूद कीड़े या फिर बैक्टीरिया आदि का भी सफाया करने में काफी मददगार होता है। इसे रात में ठंडे पानी से लेना अधिक फायदेमंद होता है। जमालगोटा के कल्प बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं इसके लिए आप चिकित्सीय परामर्श के बाद इसका सेवन कर सकते हैं।
3. अर्थराइटिस में लाभदायक (Beneficial in Arthritis)
डॉ. श्रेय के अनुसार जब आपकी इंटस्टाइन साफ होंगी तो आपकी बॉडी खुद ब खुद लाइट होगी और आपकी बॉडी से पेन कम होगा। ऐसे में अर्थराइटिस के दर्द या फिर हड्डियों की समस्या के लिए भी जमालगोटा का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए आप जमालगोटा का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही यह सूजन को भी कम करने में लाभदायक माना जाता है। इसकी तासीर गरम होती है इसलिए इसका अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। अर्थराइटिस के मरीज आयुर्वेदाचार्य की सलाह के बाद जमालगोटा की छाल, इसकी गोलियों या फिर इसके तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं। अधिक प्रयोग आपके लिए घातक साबित हो सकता है। कुछ स्थितियों में यह काफी नुकसानदायक भी हो सकता है।
4. त्वचा के लिए फायदेमंद (Beneficial for Skin)
त्वचा संबंधी कुछ समस्याओं से बचने के लिए जमालगोटा की जड़ों का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए गर्म पानी के साथ जमालगोटा की जड़ों का पेस्ट तैयार करें। इसमें हल्दी मिलाकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। लेकिन इसे त्वचा पर तभी लगाएं, जब आपके चिकित्सक या फिर आयुर्वेदाचार्य आपको ऐसा करने की सलाह दें।
5. हेयर लॉस (Hair Loss)
हेयर लॉस यानि गंजेपन की समस्या। जमालगोटा इस समस्या से निपटने में काभी लाभकारी साबित होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको जमालगोटा के बीज से बने पाउडर की मदद से एक पेस्ट तैयार करना है और अपने स्कैल्प पर कुछ समय तक नियमित तौर पर लगाना है। सूखने के बाद इसे अच्छे से धो लें। इससे आपके बालों का टूटना भी कम होगा और आपके गंजेपन की समस्या भी काफी हद तक कंट्रोल हो सकेगी।
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6. फोड़े फुंसी में फायदेमंद (Helpful in Pimples)
जमालगोटा फोड़े फुंसी की समस्या से राहत पाने के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है। इस समस्या के लिए आपको इसकी बाहरी छाल का उपयोग हल्दी मिलाकर करना है। इसके लिए आपको पानी में जमालगोटा की छाल और साथ में थोड़ी मात्रा में हल्दी डालनी है। अब इसे प्रभावित हिस्से यानि फोड़े फुंसी पर लगाएं। इससे आपको आराम मिलेगा। ऐसा करने से पहले आप चिकित्सक की सलाह भी ले सकते हैं।
जमालगोटा के नुकसान (Side Effects of Jamalgota)
- डॉ. श्रेय ने बताया कि अगर आप किसी गंभीर समस्या से पीड़ित हैं तो इसके इस्तेमाल करने से बचें।
- जीन रोगी जमालगोटा का इस्तेमाल काफी सावधानी से करें।
- वहीं बच्चों को खासतौर पर इसका सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
- जमालगोटा का अत्याधिक सेवन करने से आंत की बैक्टीरियल फ्लोरा प्रभावित हो सकती है।
- इसे गलत मात्रा में प्रयोग करने से आपके पेट में अत्यधिक पीड़ा भी हो सकती है।
- जमालगोटा की तासीर गरम होती है, इसलिए इसका अधिक प्रयोग आपके लिए समस्या भी बन सकता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान जमालगोटा का सेवन करना सुरक्षित नहीं माना जाता है। ऐसे में इसका प्रयोग बिलकुल न करें।
यह लेख आयुर्वेदाचार्य द्वारा प्रमाणित है। यह कई समस्याओं में फायदेमंद है। इसका इस्तेमाल आप चिकित्सक की सलाह के बाद सावधानीपूर्वक कर सकते हैं।
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