शाल के पेड़ को साल का पेड़ भी कहा जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर पेड़ है। साल के पेड़ म्यांमार, नेपाल और दक्षिण हिमालय में पाए जाते हैं। राष्ट्रीय धर्मार्थ समाज सेवा संस्थान में आयुर्वेदाचार्य डॉ. राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि साल का पेड़ पीपल के जितनी ऑक्सीजन छोड़ता है। यह स्त्रियों के रोगों से लेकर खुजली, पेट के कीड़े मारने में भी मदद करता है। शाल वृक्ष का प्रयोग लकड़ी के रूप में अधिक किया जाता है। इसके अलावा इसके पत्ते, छाल, बीज आदि औषधी रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं। जब तक एलोपैथिक दवाएं नहीं थीं, तब तक हिंदुस्तान में आयुर्वेदिक दवाओं से ही इलाज किया जाता था। वर्तमान समय में एक बार फिर आयुर्वेद का बोलबाला शुरू हुआ है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि शाल के पेड़ किन बीमारियों में काम आते हैं। इसका प्रयोग कैसे करना है।
शाल या साल के फायदे
1. ऑक्सीजन का अच्छा स्रोत
यों तो सभी पेड़ ऑक्सीजन का स्रोत होते हैं। पर फर्क इतना है कि किसी से कम तो किसी से ज्यादा ऑक्सीजन निकलता है। डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि शाल के पेड़ से हमें भरपूर ऑक्सीजन मिलता है। इससे ठीक उतना ही ऑक्सीजन मिलता है जितना पीपल के पेड़ से मिलता है। इसलिए इतरह के पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए। यह वातावरण को शुद्ध करता है।
2. सफेद पानी की समस्या में करे मदद
शाल का पेड़ स्त्रियों को होने वाली सफेद पानी की समस्या में मददगार है। इसको लेकर डॉ. चतुर्वेदी का कहना है कि जिन स्त्रियों को सफेद पानी की समस्या होती है, उन्हें अशोक की छाल के साथ शाल को पीने को कहा जाता है। इसका काढ़ा बनाकर पिया जाता है।
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3. खुजली से दिलाए निजात
शाल का पेड़ गर्मियों में अक्सर होने वाली खुजली की परेशानी से निजात दिलाता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं जो खुजली की परेशानी को दूर करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि खुजली की परेशानी होने पर शाल के पत्ते को नीम में मिलाकर पीएं। इसके 10-15 पत्तों को अच्छे से उबाल लें। फिर जब पानी 1 गिलास रह जाए तो इसका सेवन करें।
4. सांस संबंधी परेशानियों में मददगार
अगर आपको सांस से संबंधित परेशानी है तो आप शाल के गोंद का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको शाल के गोंद का धुंआ लेना होगा। यह धुंआ हिचकी में भी सहायक होता है। हिचकी भी बंद हो जाती है। इसी तरह सांस की बीमारी में भी फायदा पहुंचाता है।
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5. रोग प्रतिरोधक क्षमता करे मजबूत
डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। डॉक्टर कहते हैं कि जैसे अशोक की छाल का पाउडर की फॉर्म में प्रयोग में लाया जाता है। ठीक वैसे ही इसे भी लाया जा सकता है। तो वहीं, इसका प्रयोग कैप्सूल प्रयोग में भी लाया जा सकता है।
6. कान दर्द में सहायक
साल के पेड़ के पत्तों का रस कान दर्द में मदद देता है। इसका प्रयोग और कैसे करना है, इसके बारे में अपने किसी नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं।
7. पेट के कीड़े करे साफ
छोटे बच्चों को अक्सर पेट में कीड़े हो जाते हैं। इन कीड़ों को मारने के काम में भी साल का पेड़ आता है। डॉक्टर का कहना है कि साल के पेड़ को पाउडर फॉर्म में और उबालकर दोनों तरह से प्रयोग में लाया जा सकता है। साल का पेड़ कोशिकाओं को मजबूत करता है।
8. मधुमेह में सहायक
शाल की छाल और अर्जुन की छाल का काढ़ बनाकर मधुमेह की परेशानी कम की जा सकती है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में कई बीमारियों का इलाज है। इनकी सही समझ होने पर इनका प्रयोग किया जा सकता है।
शाल का पेड़ पेट के कीड़ों से लेकर स्त्रियों के रोगों को दूर करने में भी सहायक है। इस पेड़ का औषधीय गुण जानने के लिए अपने पास के आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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