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सेकेंडरी इनफर्टिलिटी से जूझ रही थीं सुषमा, IVF की मदद से दूसरी बार बनीं मां, जानें इस दंपति की कहानी

IVF Success Story: आईवीएफ की मदद से दिल्ली के इस दंपति का दूसरी बार पेरेंट्स बनने का सपना पूरा हुआ। जानें, इनकी पूरी जर्नी-
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सेकेंडरी इनफर्टिलिटी से जूझ रही थीं सुषमा, IVF की मदद से दूसरी बार बनीं मां, जानें इस दंपति की कहानी


IVF Success Story of Sushma Agrawal:  खराब खान-पान, लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है। इनमें से कई समस्याएं ऐसी होती हैं, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। यानी इन समस्याओं की वजह से महिलाओं को कंसीव करने में मुश्किल हो सकती है। इसमें फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज भी एक समस्या है, जिसे हाइड्रोसैलपिनक्स के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति में एक या दोनों फैलोपियन ट्यूब्स में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। आपको बता दें कि फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय से अंडाशय तक फैली होती हैं। स्वस्थ फैलोपियन ट्यूब, अंडे और शुक्राणु को निषेचन करने के लिए एक खुला मार्ग प्रदान करता है। निषेचित अंडा, गर्भाशय तक उसी मार्ग से जाता है और फिर भ्रूण में विकसित हो जाता है। हालांकि, जब फैलोपियन ट्यूब में रुकावट आती है, तो इससे महिला को गर्भवती होने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज से पीड़ित महिलाओं के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट (IVF Treatment) किसी वरदान से कम नहीं है। 

दिल्ली में रहने वाले दंपति (सुषमा अग्रवाल और सुशांत अग्रवाल) ने भी आईवीएफ का सहारा लेकर दूसरी बार पेरेंट्स बनने का सुख प्राप्त किया। दरअसल, सुषमा के फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज थी, जिसकी वजह से उन्हें सेंकेडरी इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ा। आपको बता दें कि सुषमा और सुशांत का ढाई साल का बेटा है। वे एक बच्चा और चाहते थे, लेकिन तमाम कोशिश करने के बावजूद, सुषमा कंसीव नहीं कर पा रही थीं। सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की वजह से सुषमा को गर्भधारण में मुश्किल हो रही थी। ऐसे में उन्होंने दूसरी बार पेरेंट्स बनने के लिए IVF का सहारा लिया और एक बेटी को जन्म दिया। इनकी तरह ही कई कपल्स हैं, जो संतान प्राप्ति के लिए आईवीएफ का सहारा ले रहे हैं। लेकिन आज भी लोग IVF के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं है। लोगों में आईवीएफ के महत्व को बढ़ाने के लिए हर साल 25 जुलाई को विश्व आईवीएफ दिवस (World IVF Day) मनाया जाता है। तो आज इसी मौके पर ओन्लीमायहेल्थ सुषमा और सुशांत अग्रवाल की आईवीएफ की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहा है, जानें उन्हीं की जुबानी-

सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की वजह से नहीं कर पा रही थीं कंसीव सुषमा

सुषमा बताती हैं, ‘हमारा एक ढाई साल का बेटा है। हम दोनों एक और बच्चा चाहते थे, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। फिर जब हम डॉक्टर से मिले, तो उन्होंने बताया कि मुझे सेकेंडरी इनफर्टिलिटी है। इसके कारण का पता लगाना के लिए उन्होंने कुछ चेकअप करवाएं। फिर पता चला कि मेरे फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज है। इसी वजह से मैं प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही थी।’

डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, ‘अगर कोई महिला पहली बार गर्भवती हो जाती है और बच्चे को जन्म देती है। लेकिन दूसरी बार, कंसीव करने में असमर्थ होती है, तो इस स्थिति को सेकेंडरी इनफर्टिलिटी कहा जाता है।’

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सुषमा के फैलोपियन ट्यूब में थी ब्लॉकेज 

सुषमा बताती हैं, ‘जब हम दूसरी बार प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे थे, तो तमाम कोशिशों के बावजूद सफलता नहीं मिली। इसके बाद, मैंने अपनी सभी जरूर जांच करवाई। इसमें पता चला कि मेरे फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज है। उस समय, मुझे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था। फिर डॉक्टर ने मुझे फैलोपियन ट्यूब के बारे में बताया। साथ ही, मैंने इंटरनेट से भी इसके बारे में सारी जानकारी ली। जब मुझे चेकअप के बाद, अपने फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज के बारे में पता चला, तो मैंने आईवीएफ करवाने का विचार किया।’

IVF Treatment

आईवीएफ की मदद से दूसरी बार पेरेंट्स बनने का मिला मौका

सुषमा बताती हैं, ‘हम दोनों दूसरी बार पेरेंट्स बनना चाहते थे, लेकिन सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की वजह से मैं कंसीव नहीं कर पा रही थी। हमने एक साल तक नेचुरल तरीके से कंसीव करने की पूरी कोशिश की, लेकिन मैं गर्भवती नहीं हो पाई। फिर डॉक्टर की सलाह पर हमने आईवीएफ ट्रीटमेंट लिया और इसकी मदद से मैंने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया। अब मेरी बेटी 6 महीने की हो गई है।’

क्या फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होने पर महिलाएं आईवीएफ से गर्भवती हो सकती हैं?

डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, ‘अगर किसी महिला को फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज है और इसकी वजह से वह नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पा रही है, तो वह आईवीएफ ट्रीटमेंट ले सकती है। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज वाली महिलाओं के लिए IVF किसी वरदान से कम नहीं है। इस ट्रीटमेंट की मदद से मां बनने का सुख प्राप्त हो सकता है।’

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Dr. Shobha gupta

क्या कहती हैं डॉ. शोभा गुप्ता

मदर्स लैप आईवीएफ की डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, ‘जो कपल्स नेचुरल तरीके से माता-पिता नहीं बन पा रहे हैं, उनके लिए आईवीएफ एक उम्मीद है। इसलिए किसी भी कपल को आईवीएफ लेने से शर्माना नहीं चाहिए। बता दें कि आईवीएफ प्रक्रिया काफी सुरक्षित होती है। इस ट्रीटमेंट को संतान सुख प्राप्त करने के लिए वरदान माना जाता है। अगर किसी महिला को कोई समस्या है, तो वह पूरा चेकअप करवाकर आईवीएफ ट्रीटमेंट ले सकती है। इसलिए अगर आप नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पा रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।’

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