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दूसरी बार प्रेगनेंसी में आ रही है परेशानी? जानें सेकेंडरी इंफर्टिलिटी के बारे में सभी जरूरी बातें

दूसरी प्रेगनेंसी में परेशानी का कारण हो सकती है सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी, जानें इसके बारे में 
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दूसरी बार प्रेगनेंसी में आ रही है परेशानी? जानें सेकेंडरी इंफर्टिलिटी के बारे में सभी जरूरी बातें


बहुत से लोगों को लगता है एक बार प्रेगनेंसी होने के बाद दूसरी बाद होने वाली समस्‍या बांझपन का कारण नहीं हो सकती पर ऐसा नहीं है। मेड‍िकल टर्म में हम एक बीमारी को सेकेंडरी इंफर्टिल‍िटी के नाम से जानते हैं ज‍िसमें पहली प्रेगनेंसी सफल होने के बाद दूसरी में समस्‍या होती है और गर्भधारण में कठि‍नाई होती है। सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी क्‍या है, इसके कारण और सही इलाज क्‍या है इसके बारे में हम आगे जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्‍पताल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।   

secondary infertility   

image source: fertility.com  

क्‍या है सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी? (What is secondary infertility) 

मान लीज‍िए क‍ि पहली बार आप सफल प्रेगनेंसी अनुभव करती हैं पर दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान की जाने वाली कोश‍िश में आपको न‍िराशा हाथ लगती है तो ये सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी कहलाएगी जहां पहली बार सफल गर्भधारण के बाद दूसरी बार गर्भवती होने पर द‍िक्‍कत होती है। लेकिन इंफर्ट‍िल‍िटी को सेकेंडरी तभी कहा जाएगा जब पहली प्रेगनेंसी सफल हो वो भी ब‍िना क‍िसी इलाज या दवा को खाए।      

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पुरुषों को भी हो सकती है सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी

ऐसा नहीं है क‍ि सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या केवल मह‍िलाओं को होती है, ये समस्‍या पुरुषों में भी हो सकती है। पुरुषों में स्‍पर्म बनाने के ल‍िए टेस्‍टोस्‍टेरोन हार्मोन मुख्‍य होता है। कई कारण होते हैं ज‍िससे सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या पुरुषों में हो सकती है जैसे प्राइवेट पार्ट में चोट लगना, उम्र ज्‍यादा होना या क‍िसी मेड‍िकल कंडीशन के प्रभाव, स्‍पर्म काउंट कम होना या स्‍पर्म की क्‍वॉल‍िटी खराब होना आद‍ि।    

सेकेंडरी इंफर्टिलिटी के कारण (Causes of secondary infertility)

infertility issue 

image source: onecms

सेकेंडरी इंफर्टिलिटी के कई कारण हो सकते हैं जैसे- 

1. अगर एग्‍स की गुणवत्ता खराब है और संख्‍या भी कम है तो सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या हो सकती है। 

2. ये सबसे कॉमन कारण है, मह‍िलाओं में प्रजनन क्षमता 35 वर्ष की आयु के बाद कम होने लगती है।      

3. आनुवंश‍िक कारण से भी अंडों की क्‍वॉल‍िटी खराब हो सकती है और सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या हो सकती है।   

4. अगर फैलोप‍ियन ट्यूब में रुकावट है तो सेकेंडरी इंफर्टिलिटी हो सकती है, ऐसा यौन संचार‍ित रोगों के कारण होता है। 

5. अगर 35 वर्ष की आयु के बाद दूसरी प्रेगनेंसी प्‍लान कर रहे हैं तो भी ये समस्‍या हो सकती है क्‍योंक‍ि उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन क्षमता पुरुष और मह‍िला दोनों में कम हो जाती है।  

6. अगर वजन ज्‍यादा है या मोटापे के लक्षण हैं तो भी सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या हो सकती है।

7. पीसीओएस और थायराइड होने के कारण भी बांझपन, अनियमित पीर‍ियड्स, ओव्यूलेशन में समस्या हो सकती है।

सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी के ल‍िए कौनसे टेस्‍ट क‍िए जाते हैं? (Tests for secondary infertility) 

आमतौर पर ऐसा माना जाता है क‍ि अगर आपने 8 से 12 महीने प्रेगनेंसी के ल‍िए ट्राय क‍िया है और उसके बाद भी सफलता नहीं म‍िली है तो आप फर्ट‍िल‍िटी एक्‍सपर्ट के पास जाएं। स्‍पेशल‍िस्‍ट के पास जाकर दोनों पार्टनर अपनी प्रॉब्‍लम के बारे में बताएं और ट्रीटमेंट के बारे में डॉक्‍टर से सलाह लें। हार्मोन्‍स की जांच करने के ल‍िए आप ब्‍लड टेस्‍ट, ओवुलेशन टेस्‍ट, पेल्‍व‍िक एग्‍जाम, फैलोप‍ियन ट्यूब के एक्‍सरे, ट्रांसवैजाइनल अल्‍ट्रासाउंड वहीं अन्‍य टेस्‍ट क‍िए जाते हैं।  

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सेकेंडरी इंफर्टिलिटी का इलाज क्‍या है? (Treatment of secondary infertility) 

  • सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या वो स्‍थ‍ित‍ि होती है जब पहली प्रेगनेंसी सफल हुई हो, अगर ऐसा है तो दूसरी कोश‍िश में परेशानी को दूर करने के ल‍िए डॉक्‍टर लाइफस्‍टाइल में थोड़े बदलाव करने की सलाह देंगे जैसे हेल्‍दी डाइट लेना, एक्‍सरसाइज करना आद‍ि। 
  • डॉक्‍टर सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या के ल‍िए दवा देते हैं। सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी के इलाज में डॉक्‍टर आईवीएफ (IVF) और आईयूआई (IUI) को अपनाने की सलाह भी दे सकते हैं। 
  • सेकेंडरी इंफर्ट‍िल‍िटी की समस्‍या को दूर करने के ल‍िए आप स्‍ट्रेस को कम करें और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल फॉलो करें। 

अगर 6 महीने की कोश‍िश के बाद भी आप प्रेगनेंट नहीं होती हैं तो डॉक्‍टर के पास जाएं, फर्ट‍िल‍िटी एक्‍सपर्ट पार्टनर की काउंसल‍िंग करके सही इलाज बता सकते हैं।    

main image source: cdnparenting.com

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