अगर आप तला हुआ खाना ज्यादा खाती हैं या जंक फूड का सेवन करती हैं तो आपको थायराइड जल्दी हो सकता है। अनिद्रा की समस्या, वजन बढ़ना या घटना, स्ट्रेस बढ़ना आदि लक्षण थायराइड की ओर संकेत करते हैं। थायराइड होने के बाद आपको कई बुरे प्रभाव भी झेलने पड़ सकते हैं। महिलाओं के शरीर की बात की जाए तो इंफर्टिलिटी की समस्या, अनियमित पीरियड्स थायराइड के कारण हो सकता है। इस लेख में महिलाओं के शरीर में थायराइड से होने के साइड इफेक्ट्स के बारे में बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
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1. इंफर्टिलिटी की समस्या (Thyroid causes infertility in women)
इंफर्टिलिटी और थायराइड एक दूसरे से जुड़े हैं। जिन महिलाओं में पहले से इंफर्टिलिटी की समस्या (infertility in hindi) रही है उन्हें थायराइड की बीमारी हो सकती है। अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायराइड फर्टिलिटी के प्रोसेस को महिलाओं के शरीर में प्रभावित कर सकता है। थायराइड के कारण ओवरीज में सिस्ट बन सकती है जिसके कारण फर्टिलिटी की प्रक्रिया फेल हो जाती है।
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2. पोस्टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस (Thyroid causes postpartum thyroiditis)
पोस्टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस (प्रसवोत्तर थायरॉइडाइटिस) डिलीवरी के बाद हो सकता है। थायराइड ग्रंथि में असंतुलन के कारण पोस्टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस की समस्या महिलओं को हो सकती है। ये बीमारी थायराइड ग्रंथि को अपना शिकार बनाती है। डिलीवरी के 4 से 12 महीने के बीच से समस्या हो सकती है जिसके बाद थायराइड हार्मोन ब्लड में मिल जाता है और थायराइड के लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं जैसे अनिद्रा की समस्या, चिड़चिड़ापन, तनाव होना, भूख बढ़ना आदि। ये जरूरी नहीं है कि हर महिला को ये समस्या हो पर थायराइड ग्रंथि में असंतुलन के चलते ये समस्या हो सकती है।
3. अनियमित पीरियड्स (Thyroid causes irregular periods)
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महिलाओं को थायराइड होने का खतरा ज्यादा रहता है। अनियमित पीरियड्स का कारण थायराइड हो सकता है। अगर आपको थायराइड की समस्या है तो आपको अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि फ्लो बहुत तेज या धीमा हो।
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4. अर्ली मेनोपॉज (Thyroid causes early menopause)
थायराइड के कारण अर्ली मेनोपॉज की समस्या हो सकती है। क्या होता है अर्ली मेनोपॉज? (early menopause) अर्ली मेनोपॉज वो स्थिति है जिसमें महिला 45 से 50 की उम्र में आने से पहले ही मेनोपॉज की स्थिति में पहुंच जाती हैं। इसके कारण प्रेगनेंसी में परेशानी होती है। समय से पहले मेनोपॉज की समस्या कारण थायराइड हो सकता है। थायराइड ग्लैंड, हार्मोन्स को प्रभावित करता है। अनिद्रा की समस्या, अनियमित पीरियड्स, मेनोपॉज के लक्षण हो सकते हैं।
5. स्किन डिसऑर्डर (Thyroid causes skin disorders)
थायराइड में हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण स्किन डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। महिलाओं में पिंपल की समस्या कारण थायराइड का बढ़ता स्तर हो सकता है। आपको थायराइड कंट्रोल करने के उपाय अपनाकर हार्मोन्स बैलेंस करना चाहिए। जो महिलाएंं 30 साल व उससे ज्यादा होती हैं उनमें थायराइड के कारण ये साइड इफेक्ट्स ज्यादा नजर आते हैं।
थायराइड होने पर कौनसे टेस्ट करवाए जाते हैं? (Tests for thyroid in hindi)
थायराइड को चेक करवाने वाले टेस्ट की बात करें तो आप थायराइड एंटीबॉडी टेस्ट, टी-3 टेस्ट, टी-4 टेस्ट, टीएसएच टेस्ट करवा सकते हैं। इनमें से आपके लिए कौनसा टेस्ट सही है इसकी जानकारी चेकअप के बाद डॉक्टर ही आपको बता सकेंगे। अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) है तो थायराइड ग्रंथि जरूरत से कम मात्रा में हार्मोन का बनाएगी वहीं हाइपरथायरॉइडज्म (Hyperthyroidism) होने पर थायरॉयड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन को बनाती है। दोनों ही स्थितियां आपके शरीर के लिए ठीक नहीं है। आप थायराइड को कंट्रोल करने के लिए समय-समय पर चेकअप करवाते रहें।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं और बुजुर्गों को थायराइड की समस्या ज्यादा होती है। अगर परिवार में किसी को थायराइड है तो आप पहले से जांच करवाएं और थायराइड होने पर नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट का सेवन करें।
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