
उम्र के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में तमाम तरह के हार्मोनल बदलाव देखने को मिलते हैं। मेनोपॉज भी उम्र के साथ शरीर में होने वाला एक तरह का बदलाव है जिसके बाद महिलाओं में पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज को हिंदी में रजोनिवृत्ति भी कहा जाता है। सामान्य रूप से मेनोपॉज को महिलाओं की प्रजनन क्षमता से भी जोड़कर देखा जाता है। मेनोपॉज (Menopause in Hindi) की स्थिति में पहुंचने पर महिलाओं के शरीर में होने वाला हार्मोनल बदलाव कई समस्याओं का कारण बनता है। 45 साल से लेकर 55 साल की उम्र में महिलाएं मेनोपॉज की स्थिति तक पहुंच पाती हैं। इस स्थिति में आने पर महिलाओं में चिड़चिड़ापन, हॉट फ्लैशज और मूड में बदलाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये लक्षण मेनोपॉज के 6-7 महीने पहले से ही दिखने शुरू हो जाते हैं। आज के समय में महिलाओं का खानपान और उनकी जीवनशैली पहले से एकदम अलग हो गयी है और ऐसे में इसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है। लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव के कारण महिलाओं में पीरियड्स आना कम उम्र में ही बंद हो जाते हैं। इस स्थिति को प्री मेनोपॉज (Pre Menopause in Hindi) कहा जाता है। आइये विस्तार से जानते हैं मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज के बारे में।
मेनोपॉज क्या है? (What Is Menopause?)
महिलाओं में मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं और इसके कारण शरीर में तमाम तरह के हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। मेनोपॉज को हिंदी में रजोनिवृत्ति कहा जाता है। डॉ. रश्मि वार्ष्णेय गुप्ता, मुख्य सलाहकार, प्रसूति एवं स्त्री रोग, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून के मुताबिक रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान महिला के पीरियड्स प्राकृतिक रुप से बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज के बाद महिलाएं संतान को जन्म देने में असमर्थ हो जाती हैं अर्थात इस अवस्था के बाद महिलाएं बच्चे नहीं पैदा कर सकती हैं। इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में बहुत सारे शारीरिक तथा मानसिक परिवर्तन आते हैं। मेनोपॉज वह स्थिति होती है जब आपको 12 महीने तक लगातार पीरियड्स नहीं आते हैं।
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प्री-मेनोपॉज क्या है? (What is Pre-Menopause?)
प्री-मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में पीरियड्स से जुड़े लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। प्री-मेनोपॉज आमतौर पर कम उम्र में पीरियड्स बंद होने को कहा जाता है। इस दौरान आप गर्भवती हो सकती हैं लेकिन इसकी संभावना बेहद कम होती है। शरीर में प्री-मेनोपॉज के कारण कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। यह समस्या लाइफस्टाइल और खानपान से भी जुड़ी हो सकती है।
मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज में अंतर (Difference Between Menopause And Pre Menopause in Hindi)
मेनोपॉज उम्र की वजह से महिलाओं के शरीर में होने वाली एक स्थिति है जिसमें आपको पीरियड्स नहीं आते हैं या पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। वहीं प्री-मेनोपॉज वह स्थिति है जब आपको पीरियड्स न आने की समस्या उम्र से पहले हो जाती है। इसके लिए आपका खानपान, जीवनशैली और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति जिम्मेदार मानी जाती है। मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज में अंतर इनके लक्षणों के आधार पर किया जाता है। आइये जानते हैं मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज में अंतर।
मेनोपॉज के लक्षण (Menopause Symptoms in Hindi)
मेनोपॉज में एस्ट्रोजन का लेवल जैसे-जैसे कम होता है वैसे ही महिलाओं के शरीर में ये लक्षण दिखाई देते हैं।
- रात में अत्यधिक पसीना आना।
- मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन।
- हॉट फ्लैशेज।
- डिप्रेशन या स्ट्रेस बढ़ना।
- नींद से जुड़ी समस्याएं।
- स्किन का रूखा होना।
- बार-बार पेशाब आने की समस्या।
- प्राइवेट पार्ट (वेजाइना) का सूखना।
- पीरियड्स आना बंद होना।

प्री-मेनोपॉज के लक्षण (Pre Menopause Symptoms in Hindi)
प्री-मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में पीरियड्स से जुड़े कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इस स्थिति में कम उम्र में पीरियड्स के लक्षण दिखना बंद हो जाते हैं। इस दौरान शरीर में ये लक्षण दिखाई देते हैं।
- वजाइना में खुजली होना।
- ब्रेस्ट में सूजन।
- काफी ज्यादा गर्मी लगना।
- वजाइना में ड्राईनेस होना।
- ब्रेस्ट में हल्का दर्द होना।
- मूड स्विंग होना।
- बहुत ही ज्यादा पसीना आना।
- बिना वजह थकान महसूस होना।
- तनाव ग्रस्त रहना।
मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज में महिलाएं इस तरह से रखें ध्यान (Tips To Manage Menopause And Pre Menopause)
मेनोपॉज और प्री मेनोपॉज में महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण आपको कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इसकी वजह से होने वाली समस्याओं से बचाव के लिए आपको खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना चाहिए। प्री-मेनोपॉज और मेनोपॉज की स्थिति में महिलाओं को स्वस्थ, संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। इस दौरान कार्ब्स, प्रोटीन और विटामिन आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा अच्छी नींद और रोजाना व्यायाम का अभ्यास करने से आपको इसकी वजह से होने वाली समस्याएं नहीं होती हैं। मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज के लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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