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महिलाएं कैसे रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल? कैसे पहचानें आपको स्ट्रेस या डिप्रेशन है? जानें डॉक्टर से

महिलाएं में मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान रहती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं महिलाएं में मानसिक परेशानी से जुड़ी कुछ अहम बातें- 
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महिलाएं कैसे रखें अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल? कैसे पहचानें आपको स्ट्रेस या डिप्रेशन है? जानें डॉक्टर से

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। साथ ही महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक कराना है। इसके अलावा इस खास मौके पर महिलाओं को सेहत के प्रति जागरुक कराना भी काफी अहम विषय है। इसी कड़ी में ओन्लीमाईहेल्थ (Onlymyhealth) द्वारा Healthy Naari, Happy Naari campaign की शुरुआत की गई है। इस कैंपेन में 1 से 8 मार्च तक मह‍िलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े व‍िषयों पर 8 अलग-अलग विषयों पर 8 अलग-अलग एक्‍सपर्ट्स द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य पर चर्चा किया जा रहा है। आज इस कैंपेन का सातवां दिन है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर चर्चा की गई है। इस लेख में हम मह‍िलाओं की मेंटल हेल्थ को बेहतर करने के तरीके जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल की साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर Dr Megha Jain से बात की। 

मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करने पर क्या करें ?

डॉक्टर का कहना है कि जिस तरह से बुखार और सिरदर्द होने पर हम दवाई लेते हैं या फिर डॉक्टर से संपर्क करते हैं। उसी तरह मानसिक रूप से बीमार महसूस करने पर हमें एक अच्छे साइकोलॉजिस्ट की जरूरत होती है। हम में से कई लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ होने पर डॉक्टर या फिर साइकोलॉजिस्ट के पास जाना नहीं पसंद करते हैं, क्योंकि हमने मानसिक परेशानी को पागल का नाम दे दिया है। लेकिन ऐसा नहीं होता है, शरीर की परेशानियों के साथ-साथ मानसिक परेशानियों का भी इलाज समय पर होना जरूरी है। ताकि गंभीर परिस्थिति होने से बचा जा सके। 

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महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण (Symptoms of depression in women)

डॉक्टर मेघा बताती हैं कि डिप्रेशन बहुत ही कॉमन शब्द हो गया है, जिसे इन दिनों हर कोई गलत तरीके से यूज करने लगा है। लेकिन ऐसा नहीं है, छोटी-मोटी समस्याएं डिप्रेस्ड होना नहीं होता है। डिप्रेशन के कई लक्षण होते हैं। जैसे- लोगों से बात न करना, लंबे समय तक खुद को रुम में बंद कर लेना, बेचैनी होना, काम में मन न लगना इत्यादि हो सकते हैं। लेकिन यही लक्षण स्ट्रेस के भी होते हैं। ऐसे में डिप्रेशन और स्ट्रेस के बीच का अंतर समझना जरूरी होता है। डॉक्टर का कहना है कि अगर आप किसी भी चीज को लेकर 3 से 6 महीने से अधिक परेशान हैं, तो यह एक डिप्रेशन की स्थिति हो सकती है। ऐसे में तुरंत साइकोलॉजिस्ट की सलाह लें। लंबे समय तक डिप्रेशन में रहना गंभीर स्थिति का परिणाम हो सकता है।

स्ट्रेस, एंजायटी और डिप्रेशन में अंतर? (Difference between stress, anxiety and depression?)

डिप्रेशन

एक ही विषय पर लंबे समय तक सोचना या फिर स्ट्रेस में रहना डिप्रेशन की स्थिति हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति खुद को बहुत ही दबा हुआ महसूस करता है। यह स्थिति किसी भी घटना पर सोचने, चिंता या फिर डर के कारण उत्पन्न हो सकता है। 

एंग्जाइटी

एंग्जाइटी, चिंता विकृति है। यानी अगर आप किसी विषय को लेकर काफी ज्यादा चिंतित हैं और बार-बार पैनिक फील कर रहे हैं, तो यह एंग्जाइटी हो सकती है। इस स्थिति का समय पर इलाज जरूरी होता है। अगर इसका समय पर इलाज न कराया जाए, तो यह गंभीर रूप धारण कर सकती है।  

स्ट्रेस

स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण लगभग एक समान होते हैं। हालांकि, रोजाना के काम के दबाव के कारण स्ट्रेस महसूस हो सकता है। वहीं, एंग्जाइटी स्ट्रेस का रिएक्शन होता है। जिसका इलाज थोड़ा मुश्किल होता है। स्ट्रेस की वजह से सिर में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, नींद की समस्या और स्किन की परेशानी हो सकती है। ऐसे में स्ट्रेस से दूर रहें, ताकि इस तरह की परेशानी से बच सकें।

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पीरियड्स, मेनोपॉज के लिए महिलाएं कैसे रखें खुद तैयार?

जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स होता है, तो वह काफी ज्यादा घबरा जाती हैं। इस स्थिति से बचाव के लिए उन्हें पहले से एजुकेशन देना जरूरी होता है। अगऱ आप पहले से उन्हें पीरियड्स के बारे में बता कर रखती हैं, तो उन्हें पीरियड्स के दौरान मानसिक रूप से परेशानी नहीं होती हैं। 

यही बात मेनोपॉज पर भी लागू होती है। मेनोपॉज के दौरान मानसिक स्थितियों से बचने के लिए मेनोपॉज से जुड़ी सभी जानकारी होना जरूरी है। ताकि आप खुद को इस दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव से संभाल सकें।

मेंटल हेल्थ की जांच के लिए क्या टेस्ट किए जाते हैं?

मानसिक रूप से अवस्थ महसूस करने पर डॉक्टर आपको कुछ ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। अगर आप शारीरिक समसस्याओं की वजह जैसे- थायराइड, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर इत्यादि के कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो इस स्थिति में आपका इलाज किया जाता है। वहीं, अगर किसी मानसिक या फिर घटनाओं की वजह से आप मानसिक रूप से अस्वस्थ महसू कर रहे हैं, तो इस स्थिति में आपसे कुछ सवाल पूछें जा सकते हैं। इसके बाद आपके जबाव के आधार पर कुछ मेंटल टेस्ट कराया जा सकता है।

डॉक्टर का कहना है कि स्ट्रेस, डिप्रेशन या फिर एंग्जायटी से बचने के लिए हमेशा लोगों के साथ घुल-मिलकर रहें। कभी भी अकेले रहने की कोशिश न करें। इससे आप मानसिक रूप से और अधिक बीमार पड़ सकते हैं। 

  • इसके साथ ही अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ें। 
  • आपको जो चीज पसंद है, वे करें। 
  • अपनी चीजेें बच्चों पर न थोपें। 
  • डाइट का ध्यान रखें। 
  • नियमित रूप से एक्सरसाज जरूर करें। 

मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखने के लिए दूसरों पर डिपेंड न रहें। खुद के लिए फैसले लें। दूसरों पर डाले गए दबाव से बचें। साथ ही जीना सीखें। इन कुछ टिप्स से आप मेंटल समस्याओं से बच सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आप किसी भी तरह की मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो एक्सपर्ट से संपर्क जरूर करें। ताकि गंभी स्थितियों से बच सकें।

 

 

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